कोवैक्सिन को मान्यता देगा ब्रिटेन, फुल वैक्सीनेटेड यात्रियों को नहीं होना होगा क्वारंटीन
क्या है खबर?
ब्रिटेन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी पा चुकी कोरोना वायरस वैक्सीनों को अनुमति देने का फैसला किया है।
इसके बाद चीन की सिनोवैक, सिनोफार्म और भारत की कोवैक्सिन लगवा चुके लोगों को ब्रिटेन में पूरी तरह वैक्सीनेट माना जाएगा और उन्हें देश में दाखिल होने के लिए सेल्फ आइसोलेट नहीं होना होगा।
22 नवंबर से लागू होने वाले इस फैसले से भारत, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात समेत कई देशों के लोगों को राहत मिलेगी।
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यात्रा नियम आसान करेगा ब्रिटेन
सोमवार को परिवहन विभाग ने बताया था कि यात्रा नियमों को आसान किया जाएगा और 18 साल से कम आयुवर्ग के सभी लोगों को पूरी तरह वैक्सीनेटेड माना जाएगा और इंग्लैंड में प्रवेश के बाद क्वारंटीन में नहीं होना होगा।
ब्रिटेन से पहले अमेरिका ने 8 नवंबर से कोवैक्सिन लगवा चुके लोगों को प्रवेश की अनुमति देने का ऐलान किया था। अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) के प्रेस अधिकारी स्कॉट पॉली ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी।
ब्रिटेन
कोविशील्ड ले चुके यात्रियों के लिए पहले हट चुके थे प्रतिबंध
ब्रिटेन ने कोविशील्ड से पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुके यात्रियों के लिए अनिवार्य क्वारंटीन और दूसरे प्रतिबंध पिछले महीने ही हटा दिए थे। इसे लेकर दोनों देशों के बीच विवाद रहा था, लेकिन उच्च स्तरीय बातचीत के बाद यह सुलझ गया था।
बता दें कि भारत के वैक्सीनेशन अभियान में कोविशील्ड प्रमुखता से इस्तेमाल हो रही है। इसके बाद कोवैक्सिन और रूस में विकसित हुई स्पूतनिक-V का नंबर आता है।
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बुधवार को WHO ने कोवैक्सिन को दिखाई थी हरी झंडी
बीते बुधवार को WHO की तकनीकी समिति ने कोवैक्सिन के आंकड़ों का बारीकी से अध्ययन करने के बाद इसे वैश्विक स्तर पर आपात इस्तेमाल की सूची में शामिल करने की सिफारिश की, जिसके बाद संगठन ने इसे हरी झंडी दिखा दी।
WHO ने अपने बयान में कहा कि इस वैक्सीन के लाभ जोखिम से कहीं अधिक हैं और इसका उपयोग दुनियाभर में किया जा सकता है। वहीं, गर्भवती महिलाओं के वैक्सीनेशन के लिए संबंधित आंकड़े अपर्याप्त हैं।
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विदेश जाने वाले भारतीयों को मिलेगी राहत
कोवैक्सिन को WHO की मंजूरी मिलने के बाद अब इसे अन्य देशों में मान्यता मिलनी शुरू हो गई है। इस वजह से यह वैक्सीन लगवाने वाले भारतीयों को अब विदेशों में यात्रा के दौरान अनिवार्य क्वारंटाइन या अन्य प्रतिबंधों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
कोरोना वैक्सीन
भारत बायोटेक ने ICMR के साथ मिलकर बनाई है कोवैक्सिन
भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर कोवैक्सिन को विकसित किया है और यह पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन है। इसे कोरोना वायरस को ही निष्क्रिय करके विकसित किया गया है।
3 जुलाई को वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के परिणाम जारी किए थे, जिसमें इसे गंभीर लक्षणों के खिलाफ 93.4 प्रतिशत, हल्के लक्षणों के खिलाफ 78 प्रतिशत, डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 65 प्रतिशत, बिना लक्षणों वाले मरीजों पर 63 प्रतिशत प्रभावी पाया गया था।