SII को नहीं मिली कोविशील्ड को तीसरी खुराक के तौर पर इस्तेमाल की मंजूरी
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को अपनी कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को तीसरी खुराक के तौर पर इस्तेमाल करने की मंजूरी नहीं मिली है। दअरसल, कंपनी ने पर्याप्त खुराकों के भंडारण और कोरोना के नए वेरिएंट के मद्देनजर तीसरी खुराक की बढ़ती मांग का हवाला देते हुए कोविशील्ड की तीसरी खुराक देने की अनुमति मांगी थी। शुक्रवार को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने इसे मंजूरी देने से पहले और आंकड़े मांगे हैं।
कंपनी ने दिए थे ये तर्क
SII ने तीसरी खुराक की अनुमति मांगते समय कहा था कि ब्रिटेन की नियामकीय संस्था ने कोविशील्ड को तीसरी खुराक के रूप में लगाने की मंजूरी दे दी है। कंपनी में सरकारी और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने कहा, "हमारे और दूसरे देशों के ऐसे नागरिक, जिन्हें दोनों खुराकें लग चुकी हैं, तीसरी खुराक की मांग कर रहे हैं।" बता दें कि कोविशील्ड को एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने विकसित किया है और SII इसका उत्पादन करती है।
कंपनी से मांगे गए स्थानीय ट्रायल के आंकड़े
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, SEC ने कहा कि मौजूदा फॉर्मेट में कोविशील्ड को तीसरी खुराक के तौर पर लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती और कंपनी को इसकी मंजूरी के लिए स्थानीय क्लिनिकल ट्रायल के आंकड़े पेश करने होंगे। गौरतलब है कि भारत के वैक्सीनेशन अभियान में कोविशील्ड का प्रमुखता से इस्तेमाल हो रहा है और अधिकतर वैक्सीनेटेड लोगों को इसकी खुराक लगी है। कोविशील्ड के अलावा कोवैक्सिन और स्पूतनिक-V का उपयोग किया जा रहा है।
बायोलॉजिकल ई को भी नहीं मिली मंजूरी
इसके अलावा SEC ने हैदराबाद स्थित फार्मा कंपनी बायोलॉजिकल ई की उस आवेदन को भी ठुकरा दिया, जिसमें कंपनी ने कोविशील्ड और कोवैक्सिन लगवा चुके लोगों को कॉर्बवैक्स की तीसरी खुराक देने का ट्रायल शुरू करने की अनुमति मांगी थी। बता दें कि बायोलॉजिकल ई को सितंबर में कॉर्बवैक्स का बच्चों और किशोरों पर ट्रायल करने की अनुमति मिली थी। यह देश की सबसे किफायती वैक्सीन हो सकती है और सरकार ने इसकी 30 करोड़ खुराकें बुक कर ली हैं।
तीसरी खुराक देने के फैसले पर हो रहा विचार
दुनिया के करीब 60 देश ऐसे हैं, जहां नागरिकों को कोरोना से बचने के लिए तीसरी खुराक दी जा रही है। हालांकि, भारत में अभी तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं हुआ है। केंद्र सरकार ने संसद को बताया था कि विशेषज्ञ समिति वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर तीसरी खुराक की जरूरत पर विचार कर रही है। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में इस पर फैसला हो सकता है।
कई राज्यों ने की मांग
हालिया दिनों में केरल, कर्नाटक, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने केंद्र सरकार से तीसरी खुराक लगाने की मांग की थी। ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले सामने आने के बाद इस मांग ने और जोर पकड़ा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने भी पिछले महीने इस मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से उसका स्टैंड पूछा था। कोर्ट ने पूछा कि जब कई देश तीसरी खुराक लगाना शुरू कर चुके हैं तो भारत में इसे मंजूरी क्यों नहीं दी गई है?