वैक्सीन विशेषज्ञ ने mRNA वैक्सीनों को बताया बूस्टर खुराक के लिए बेहतर
क्या है खबर?
मशहूर वैक्सीन विशेषज्ञ डॉ गगनदीप कांग का कहना है कि mRNA वैक्सीनें कोरोना संक्रमण के खिलाफ बेहतर बूस्टर शॉट साबित हुई हैं और सरकार को इन्हें भारत में लाने पर विचार करना चाहिए।
वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में माइक्रोबायोलॉजी की प्रोफेसर डॉ कांग ने कहा कि 60 साल से अधिक उम्र, अधिक जोखिम का सामना करने वाले और छह महीने पहले दोनों खुराकें ले चुके लोगों को बूस्टर शॉट की जरूरत है।
तकनीक
क्या होती है mRNA वैक्सीन?
मैसेंजर RNA या mRNA वैक्सीनों में वायरस के जेनेटिक कोड (RNA) के एक छोटे हिस्से का इस्तेमाल किया जाता है और इसमें असली वायरस नहीं होता।
इंसानी शरीर में जाकर यह वैक्सीन इम्युन सिस्टम को कोरोना वायरस जैसे प्रोटीन बनाने का संदेश देती है, जिसे देखकर शरीर एंटीबॉडी बनाने लगता है।
फाइजर और मॉडर्ना ने इस तकनीक के सहारे कोरोना वैक्सीन तैयार की हैं। भारत में जेन्नोवा बायोफार्मास्यूटिकल लिमिटेड इस तकनीक से वैक्सीन तैयार कर रही है।
बयान
mRNA वैक्सीनें बूस्टर के तौर पर सबसे बेहतर- कांग
न्यूज18 से बात करते हुए डॉ कांग ने कहा कि सब लोगों को बूस्टर शॉट देने की जरूरत नहीं है।
जब उनसे बूस्टर शॉट के लिए वैक्सीन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी तक मौजूद वैश्विक आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि mRNA वैक्सीनें बूस्टर के तौर पर सबसे बेहतर साबित हुई हैं। वहीं कोविशील्ड से वैक्सीनेशन के बाद कोविशील्ड का बूस्टर शॉट भी इम्युन प्रतिक्रिया देता है।
जानकारी
वैक्सीनेशन के बाद भी क्यों चाहिए बूस्टर शॉट?
बूस्टर शॉट की जरूरत को बताते हुए डॉ कांग ने कहा कि समय के साथ कम होती इम्युनिटी को ध्यान में रखते हुए वैक्सीन के ट्रायल नहीं किए गए हैं। अभी तक हुए ट्रायल्स से यह पता नहीं लग पाया है कि वैक्सीनें कितने समय तक सुरक्षा देंगी।
उन्होंने आगे कहा, "इसलिए अगर हमें इम्युनिटी में इजाफे को समझना है तो असल दुनिया के आंकड़े ही बता सकेंगे कि हमें संक्रमण के सुरक्षा के लिए कितनी खुराकें लेनी पड़ेगी।"
वैक्सीनेशन
क्या एंटीबॉडी के आधार पर बूस्टर शॉट लेना उचित रहेगा?
इस सवाल के जवाब में डॉ कांग ने कहा कि इस तर्क पर विचार किया जा सकता है कि एंटीबॉडी लेवल के आधार लोग बूस्टर शॉट लगवा सकें, लेकिन अभी तक 'उचित एंटीबॉडी स्तर' की पर्याप्त समझ नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार को पहले इन टेस्ट के बारे में बताना होगा और फिर कितने स्तर पर बूस्टर शॉट लेना चाहिए। आमतौर पर लैब IgG एंटीबॉडी को मापती हैं, जो वायरस को निष्क्रिय नहीं करतीं।
कोरोना वैक्सीनेशन
बूस्टर शॉट की जरूरत पर जारी है बहस
भारत में बूस्टर शॉट की जरूरत पर बहस जारी है। कई राज्यों ने इसकी मांग को लेकर केंद्र सरकार को पत्र भेजा है। वहीं कई विशेषज्ञों ने भी कोरोना के नए वेरिएंट्स के खतरों और वैक्सीन की पर्याप्त मौजूदगी को देखते हुए इसकी वकालत की है।
दूसरी तरफ विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और कई जानकारों का कहना है कि अभी बूस्टर शॉट की जरूरत नहीं है और पहले पूरी आबादी को दोनों खुराकें देने पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
जानकारी
देश में क्या है वैक्सीनेशन की स्थिति?
देश में चल रहे वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 1,37,67,20,359 खुराकें लगाई जा चुकी हैं। इनमें से 15,82,079 खुराकें बीते दिन लगाई गई थीं। भारत ने दुनियाभर में चीन के बाद सबसे ज्यादा खुराकें लगाई हैं।