केरल की बूस्टर शॉट और बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू करने की मांग, केंद्र को भेजा पत्र
क्या है खबर?
केरल सरकार ने केंद्र से बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू करने, दूसरी बीमारियों से ग्रसित लोगों को बूस्टर शॉट (तीसरी खुराक) देने और कोविशील्ड वैक्सीन की खुराकों के अंतराल को कम करने की मांग की है।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने इन मांगों को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखा है।
बता दें कि महाराष्ट्र के बाद केरल कोरोना वायरस महामारी से देश का दूसरा सर्वाधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है।
जानकारी
मांडविया ने दिया मांगों पर विचार करने का आश्वासन
इंडियन एक्सप्रेस के एक कार्यक्रम में बोलते हुए जॉर्ज ने बताया कि केरल की NRI आबादी को देखते हुए उन्होंने कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच के अंतराल को कम करने की मांग की है।
गौरतलब है कि 13 मई को केंद्र सरकार ने इस वैक्सीन की दोनों खुराकें के बीच के समय को 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह कर दिया था।
जॉर्ज ने जानकारी दी कि मांडविया ने उनकी मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
बयान
"NRI लोगों के लिए 84 दिन यहां रुकना मुश्किल"
केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "केरल में NRI (विदेशों में रहने वाले भारतीय) की संख्या ज्यादा है। अगर वो लोग आकर पहली खुराक लगवाते हैं तो उनके लिए 84 दिन रुकना मुश्किल हो जाता है। इसलिए हमने अंतराल कम करने की मांग की है।"
कोरोना
बूस्टर शॉट पर जल्द फैसला ले सकता है केंद्र- जॉर्ज
बूस्टर शॉट की मांग पर वीणा जॉर्ज ने कहा कि उन्होंने मांडविया से जल्द इस पर निर्णय लेने को कहा है।
उन्होंने कहा कि इसका फैसला विशेषज्ञों की राय पर आधारित होगा। समीक्षा में पता चला है कि केरल में कोरोना संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले कई लोग अन्य बीमारियों से भी पीड़ित थे। इसलिए अगर बूस्टर शॉट की इजाजत मिलती है तो अच्छा होगा।
उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र इस दिशा में जल्द फैसला ले सकता है।
कोरोना वायरस
केरल में हो रहीं सबसे ज्यादा मौतें
केरल में इन दिनों कोरोना के सबसे ज्यादा मामले और मौतें दर्ज हो रही हैं।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जॉर्ज ने कहा कि राज्य में कोरोना के कारण होने वाली मौतों की दर राष्ट्रीय औसत से कम है और यहां दूसरी लहर की पीक के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई नहीं थी।
देश में जहां संक्रमित लोगों में से 1.3 प्रतिशत की मौत हो रही है, वहीं केरल में यह दर 0.6 प्रतिशत है।
स्वास्थ्य व्यवस्था
जॉर्ज बोलीं- कभी दबाव में नहीं रहे हमारे अस्पताल
केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बुजुर्गों की बड़ी आबादी और हाइपरटेंशन, डायबिटीज जैसी बीमारियों के मरीजों की अधिक संख्या राज्य सरकार के लिए चुनौती है, लेकिन यहां एक भी ऐसी घटना नहीं हुई, जब ऑक्सीजन की कमी या अस्पताल में सुविधाएं न मिलने के कारण किसी मरीज की मौत हुई हो।
उन्होंने कहा, "हमारे अस्पतालों ने कभी दबाव में काम नहीं किया। दूसरी लहर हमारे लिए सुनामी बनकर नहीं आई थी।"
जानकारी
केरल में संक्रमण की क्या स्थिति?
केरल में बीते दिन 6,674 लोगों को कोरोना संक्रमित पाया गया और 471 मरीजों की मौत हुई। इसी के साथ यहां कुल 50,48,756 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है और 35,511 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।