AIIMS के वरिष्ठ महामारी विशेषज्ञ ने बच्चों के वैक्सीनेशन के सरकार के फैसले को बताया अवैज्ञानिक
दिल्ली स्थति अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के वरिष्ठ महामारी विशेषज्ञ डॉ संजय के राय ने 3 जनवरी से 15 से 18 साल के बच्चों को कोविड वैक्सीन लगाने के केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। इसे अवैज्ञानिक फैसला बताते हुए उन्होंने कहा है कि इससे कोई अतिरिक्त फायदा नहीं होगा। उन्होंने दलील दी है कि बच्चों को पहले से ही कोरोना वायरस से कम खतरा होता है, ऐसे में वैक्सीन से उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा।
प्रधानमंत्री का प्रशंसक, लेकिन बच्चों के वैक्सीनेशन के खिलाफ- डॉ राय
बच्चों के वैक्सीनेशन के ऐलान के प्रधानमंत्री के ऐलान पर ट्वीट करते हुए डॉ राय ने कहा, 'देश की निस्वार्थ सेवा करने और सही समय पर सही फैसले लेने के लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। लेकिन मैं बच्चों के वैक्सीनेशन के उनके अवैज्ञानिक फैसले से पूरी तरह निराश हूं।' उन्होंने कहा कि अभी तक वैक्सीनों के बारे में जो जानकारी उपलब्ध है, उसके अनुसार बच्चों का वैक्सीनेशन करने पर संक्रमण पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
डॉ राय बोले- संक्रमण नहीं मौतों को रोक रहा है वैक्सीनेशन
डॉ राय ने कहा कि वैक्सीनेशन का साफ-साफ उद्देश्य होना चाहिए, या तो ये कोरोना वायरस से संक्रमण रोके या गंभीर बीमार और मौतों को। उन्होंने कहा, "लोग बूस्टर खुराक लगवाने के बाद भी संक्रमित हो रहे है। UK में रोजाना 50,000 ब्रेकथ्रू मामले सामने आ रहे हैं। ये साबित करता है कि वैक्सीनेशन संक्रमण को नहीं रोक रहा है, बल्कि ये बीमारी की गंभीरता और मौत को रोकने में कामयाब है।"
हर 10 लाख आबादी पर 13,000-14,000 मौतें बचा रहा वैक्सीनेशन- डॉ राय
वैक्सीनेशन से संबंधित आंकड़े पेश करते हुए डॉ राय ने कहा कि कोविड की मृत्यु दर लगभग 1.5 प्रतिशत है, यानि प्रति 10 लाख आबादी पर 15,000 मौतें। उन्होंने कहा, "वैक्सीनेशन के जरिए हम इनमें से 80-90 प्रतिशत मौतों को रोक सकते हैं। इसका मतलब प्रति 10 लाख आबादी पर 13,000-14,000 मौतें रोकी जा सकती हैं... अगर हम वयस्कों में खतरों और फायदों का विश्लेषण करें तो फायदे बहुत ज्यादा हैं।"
"बच्चों में वैक्सीनेशन के नुकसान फायदों से ज्यादा"
डॉ राय ने आगे कहा कि बच्चों के मामले में कोविड संक्रमण की गंभीरता पहले से ही काफी कम होती है और सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध डाटा के अनुसार, प्रति 10 लाख बच्चों पर दो ही बच्चों की मौत होती है। उन्होंने समझाया, "बच्चों के वर्ग में 15,000 नहीं मर रहे हैं और साइफ इफेक्ट्स को ध्यान में रखते हुए अगर हम खतरों और फायदों का विश्लेषण करते हैं तो खतरे फायदों से ज्यादा हैं।"
प्रधानमंत्री ने शनिवार को किया था बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू करने का ऐलान
बता दें कि शनिवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले महीने से बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू होने का ऐलान किया था। देश के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा था कि 3 जनवरी से 15 से 18 साल के बच्चों को कोविड वैक्सीन लगाई जाएगी उन्होंने कहा था कि देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। प्रधानमंत्री ने 10 जनवरी से स्वास्थ्यकर्मियों को तीसरी खुराक लागने का ऐलान भी किया था।