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#NewsBytesExplainer: ऑनलाइन गेमिंग वाले कौन-कौनसे प्लेटफॉर्म होंगे बंद, आप कौनसे गेम खेल पाएंगे? जानें हर बात
ऑनलाइन मनी गेम्स पर प्रतिबंध वाला विधेयक संसद से पारित हो गया है

#NewsBytesExplainer: ऑनलाइन गेमिंग वाले कौन-कौनसे प्लेटफॉर्म होंगे बंद, आप कौनसे गेम खेल पाएंगे? जानें हर बात

लेखन आबिद खान
Aug 22, 2025
12:39 pm

क्या है खबर?

ऑनलाइन मनी गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक संसद से पारित हो गया है। अब राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलते ही ये कानून बन जाएगा। इस कदम के बाद करीब 32,000 करोड़ रुपये की ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ऑनलाइन मनी गेम्स का संचालन करने वाले प्लेटफॉर्म्स या तो रियल मनी गेम का कारोबार समेट रहे हैं या अपनी व्यापार रणनीति में बदलाव कर रहे हैं। आइए कुछ बड़े सवालों के जवाब जानते हैं।

प्लेटफॉर्म

किन-किन प्लेटफॉर्म पर होगा असर?

विधेयक में ऑनलाइन मनी गेम्स पर पूरी तरह से रोक लगाने का प्रावधान है। यानी इसके दायरे में वे सभी गेमिंग प्लेटफॉर्म आएंगे, जो पैसे या फीस देकर गेम खिलाते हैं और बदले में जीतने पर बढ़ी हुई राशि या किसी तरह का दूसरा वित्तीय फायदा मिलता है। कानून बनने के बाद लोग फैंटेसी स्पोर्ट्स गेम्स, ऑनलाइन रमी, कार्ड गेम्स, पोकर प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन टीम बनाकर सीधा पैसा लगाने वाले गेम नहीं खेल पाएंगे।

समय

कब से लागू होगा कानून?

विधेयक राज्यसभा और लोकसभा दोनों से पारित हो गया है। अब इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद केंद्र सरकार इसे अधिसूचित करेगी। जैसे ही ये अधिसूचित होगा, वैसे ही कानून बन जाएगा। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अगले 3 महीनों के भीतर ये कानून लागू हो सकता है। हालांकि, इस दौरान एक अंतर-मंत्रालयी समिति द्वारा कानून के कार्यान्वयन से जुड़े नियमों तैयार किए जाएंगे।

असर

कदम का ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर क्या होगा असर?

देश में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री करीब 32,000 करोड़ रुपये की है। 2029 तक ये करीब 80,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती थी, लेकिन इस कदम से उधोग को झटका लगा है। जानकारों का कहना है कि कानून से 2 लाख लोगों की नौकरियां जा सकती हैं। अनुमानों के अनुसार, इस कदम से केंद्र को वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह में सालाना लगभग 18,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।

प्रतिक्रिया

विधेयक पारित होने के बाद प्लेटफॉर्म्स क्या-क्या कदम उठा रहे हैं?

ऑनलाइन फैंटेसी गेमिंग प्लेटफॉर्म प्रोबो ने यूजर्स से कहा है कि वो अब पैसे स्वीकार नहीं कर रहा है और खिलाड़ियों को तुरंत अपना पैसा निकाल लेना चाहिए। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि भारत की सबसे बड़ी फैंटेसी गेमिंग कंपनी ड्रीम 11 अपना रियल मनी गेमिंग कारोबार बंद करने जा रही है। जूपी लूडो ने भी भुगतान खेल बंद कर दिए हैं। इसके अलावा कई प्लेटफॉर्म्स ने नए यूजर रजिस्ट्रेशन रोक दिए हैं।

खिलाड़ी

क्या गेम खेलने वालों पर कोई कार्रवाई होगी?

विधेयक में गेम खेलने वालों पर कोई कार्रवाई का प्रावधान नहीं है। विधेयक में ऑनलाइन मनी गेम्स खेलने वालों को अपराधी ना मानकर पीड़ित माना गया है। विधेयक के मुताबिक, गेम खेलने वाला व्यक्ति दोषी नहीं है और उसका मकसद ऐसे लोगों की सुरक्षा करना है। वहीं, मनी गेमिंग चलाने वाली कंपनियों और ऐसे गेम का प्रचार-प्रसार कर रहे सेलिब्रिटी पर भी कार्रवाई होगी। प्लेटफॉर्म्स को वित्तीय लेन-देन की सुविधा देने वालों पर भी कार्रवाई होगी।

विशेषज्ञ

क्या कह रहे हैं गेमिंग उद्योग के विशेषज्ञ?

आल इंडिया गेमिंग फेडरेशन, ई-गेमिंग फेडरेशन, फेडरेशन ऑफ इंडियन फैंटेसी स्पो‌र्ट्स ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को संयुक्त रूप से पत्र लिखकर मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह के पूर्ण प्रतिबंध से यह उद्योग चौपट हो जाएगा और करोड़ों यूजर्स अवैध विदेशी गैंबलिंग प्लेटफार्मों पर चले जाएंगे। खबर है कि नियमों के खिलाफ ड्रीम 11, गेम्सक्राफ्ट और अन्य बड़ी RMG कंपनियां कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सकती हैं।

सरकार

कानून बनाने के पीछे सरकार का क्या तर्क है?

सरकार का कहना है कि ऐसे गेमों के चलते लोगों को मानसिक और आर्थिक नुकसान हो रहा है। कई मामलों में लोगों की इन गेमों की आदत लग गई और वे भारी राशि हार गए। इसके बाद कुछ लोगों ने तो आत्महत्या तक कर ली। सरकार का मानना है कि यह कदम घरेलू कारोबार को बचाने और विदेशी कंपनियों द्वारा टैक्स चोरी रोकने के लिए जरूरी है। इसके अलावा सरकार मनी लॉन्ड्रिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर भी चिंतित है।