'धर्म संसद' में भड़काऊ बयानबाजी के मामले में भी गिरफ्तार किए गए यति नरसिंहानंद

पिछले महीने हरिद्वार में विवादित 'धर्म संसद' का आयोजन करने वाले यति नरसिंहानंद को भड़काऊ बयानबाजी के मामले में भी गिरफ्तार किया गया है। उन्हें दो दिन पहले महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अब पुलिस ने कहा है कि उनके खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी की धाराएं भी लगाई गई हैं और कोर्ट के सामने दाखिल की गई रिमांड एप्लीकेशन में इनका भी जिक्र किया गया।
एक पुलिस अधिकारी ने NDTV से बात करते हुए कहा, "नई आरोपों में धर्म के आधार पर दो समुदायों में दुश्मनी पैदा करना और सद्भाव के विरुद्ध कार्य करना शामिल हैं। उन पर दुर्भावनापूर्ण कार्यों के जरिए जानबूझकर धर्म का अपमान करके एक वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप भी लगाया गया है।" बता दें कि कोर्ट ने नरसिंहानंद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।
हरिद्वार में 17-19 दिसंबर को हुई 'धर्म संसद' में संतों ने भड़काऊ बयान दिए थे और मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा के लिए उकसाया था। इसमें अन्नपूर्णा मां ने कहा था, "अगर इनकी जनसंख्या को खत्म करना है तो मारने को तैयार रहो। हम 100 ने इनके 20 लाख को भी मार दिया तो हम विजयी हैं।" यति नरसिंहानंद इस 'धर्म संसद' के आयोजनकर्ताओं में से एक हैं और उन्होंने भी इसमें नफरत भरा भाषण दिया था।
भड़काऊ भाषण देने के मामले में दो FIR दर्ज हुई हैं। 23 दिसंबर को दर्ज पहली FIR में त्यागी, धर्मदास महाराज, अन्नपूर्णा मां, नरसिंहानंद और सागर सिंधुराज महाराज के नाम शामिल हैं। इसके बाद 2 जनवरी को दूसरी FIR दर्ज की गई थी। उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है। मामले में नरसिंहानंद से पहले जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को गिरफ्तार किया जा चुका है।
नरसिंहानंद ने अपने भड़काऊ बयानों पर कोई शर्मिंदगी व्यक्त नहीं की है और वे इसके बाद भी कई विवादित बयान दे चुके हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि पुलिस उनके साथ है, वहीं अपने दूसरे बयान में उन्होंने त्यागी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिसकर्मियों को श्राप देते हुए कहा था कि वे सभी मरेंगे। इससे पहले वे भाजपा की महिला नेताओं के खिलाफ भी अभद्र टिप्पणियां कर चुके हैं।