विदेश मंत्री एस जयशंकर का संयुक्त राष्ट्र पर बड़ा बयान, बताया जगह घेरने वाली पुरानी कंपनी
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र (UN) की आलोचना करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि UN एक पुरानी कंपनी की तरह है, जो बाजार के साथ पूरी तरह तालमेल नहीं रखती, लेकिन बहुत अधिक जगह घेरती है। उन्होंने नई दिल्ली में आयोजित कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में यह बात कही है। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के संभावित खतरों पर कहा कि यह अगले दशक में दुनिया को गहराई से प्रभावित करेगा।
सम्मेलन में क्या बोले विदेश मंत्री जयशंकर?
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "चूंकि यह आर्थिक सम्मेलन है, इसलिए मैं इसे व्यवसाय के संदर्भ में समझाता हूं। संयुक्त राष्ट्र एक बहुत पुरानी कंपनी है, जो अधिक जगह घेर रही है। वह आज दुनिया के बदलते नियमों को नहीं समझ रहा है, जबकि आज व्यापार जगत में स्टार्ट-अप हैं। UN को उसी के अनुसार कदम उठाने चाहिए।" उन्होंने कहा, "वर्तमान में दुनिया 2 मुख्य संघर्षों से विभाजित है, संयुक्त राष्ट्र की भूमिका क्या है? यह सिर्फ एक दर्शक है।"
प्रमुख मुद्दों पर UN की निष्क्रियता वैकल्पिक समाधानों को जन्म देती है- जयशंकर
उन्होंने कोरोना महामारी जैसी वैश्विक घटनाओं के दौरान UN की निष्क्रियता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "सोचिए कि संयुक्त राष्ट्र ने कोविड पर क्या किया। मुझे लगता है कि ज्यादा कुछ नहीं। मुझे लगता है कि आप पाएंगे कि देशों का एक समूह एक साथ आ रहा है और कह रहा है कि चलो इस पर सहमत हो जाएं और इसे करें। संयुक्त राष्ट्र जारी रहेगा, लेकिन गैर-संयुक्त राष्ट्र देश भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।"
जयशंकर ने परमाणु हथियार से की AI की तुलना
विदेश मंत्री जयशंकर ने AI के विकास पर कहा, "AI संभवतः वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र में सबसे महत्वपूर्ण कारक बनने जा रहा है। यह दुनिया के लिए उतना ही खतरनाक है, जितना कि कभी परमाणु हथियार थे। यह अगले दशक में दुनिया को गहराई से प्रभावित करेगा। ऐसे में देशों को इसके प्रभाव से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।" उन्होंने इजरायल-ईरान-फिलिस्तीन-लेबनान संघर्ष पर कहा, "मध्य पूर्व संघर्ष में फंसे देशों को आगे आकर जिम्मेदारी लेनी चाहिए।"