आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से दिल के दौरे के खतरे का लगाया जा सकता है पता
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तस्वीरें बनाने और आर्टिकल लिखने के साथ-साथ बीमारियों को पहचानने में भी मददगार साबित हो रहा है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि अगले 10 वर्षों में दिल के दौरे के जोखिम की पहचान करने में यह तकनीक बहुत ही कारगर साबित होगी। हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक AI मॉडल बनाया है। यह दिल में सूजन का पता लगाता है, जो CT स्कैन पर दिखाई नहीं देती है, जिसमें X-रे और कंप्यूटर तकनीक दोनों शामिल हैं।
5 अस्पतालों में चल रहा यह प्रोजेक्ट
यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) इंग्लैंड द्वारा समर्थित एक पायलट प्रोजेक्ट है, जो ऑक्सफोर्ड, मिल्टन कीन्स, लीसेस्टर, लिवरपूल और वॉल्वरहैम्प्टन में 5 अस्पताल ट्रस्टों में चल रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में, सीने में दर्द से पीड़ित मरीज, जिन्हें नियमित CT स्कैन के लिए भेजा जाता है, उनके स्कैन का विश्लेषण कैरिस्टो डायग्नोस्टिक्स के कैरी-हार्ट AI प्लेटफॉर्म द्वारा किया जाता है। यह सीने में मौजूद सूजन का पता लगाता। सूजन हृदय रोग और दिल के दौरे से जुड़ी है।
इतना बढ़ जाता है जोखिम
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन (BHF) का अनुमान है कि ब्रिटेन में लगभग 76 लाख लोग हृदय रोग से पीड़ित हैं । BHF ने कहा कि ब्रिटेन में हर साल लगभग 3.50 लाख मरीजों को कार्डियक CT स्कैन के लिए भेजा जाता है। शोधकर्ताओं ने हाल के अपने अध्ययन में पाया कि यदि रोगियों की कोरोनरी धमनियों में सूजन थी, तो उन्हें अगले 10 वर्षों में हृदय संबंधी घटना से मरने का 20 से 30 गुना अधिक जोखिम था।
अध्ययन के प्रमुख ने क्या कहा?
अध्ययन के प्रमुख प्रोफेसर चारलाम्बोस एंटोनियाडेस ने कहा "अब, इस तरह की तकनीक के साथ, हम यह जान पाते हैं कि किस रोगी की धमनियों में रोग की गतिविधि है।" उन्होंने कहा, "इसका मतलब है कि हम रोग प्रक्रिया को समाप्त करने के लिए जल्दी कदम उठा सकते हैं और इस रोगी का इलाज कर सकते हैं ताकि रोग को विकसित होने से रोका जा सके और फिर दिल के दौरे को होने से रोका जा सके।"