मणिपुर हिंसा: भारत ने UN विशेषज्ञों की रिपोर्ट को किया खारिज, अनुचित और भ्रामक बताया
भारत ने मणिपुर पर संयुक्त राष्ट्र (UN) के विशेषज्ञों की टिप्पणियों को दृढ़ता से खारिज कर दिया है। उसने इन टिप्पणियों को अनुचित, अनुमानपूर्ण और भ्रामक बताया है। सोमवार को मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय की विशेष प्रक्रिया शाखा को जारी किए गए नोट में भारतीय मिशन ने रेखांकित किया कि मणिपुर में स्थिति शांतिपूर्ण और स्थिर है। इस नोट में कहा गया है कि भारत सरकार पूर्वोत्तर राज्य में शांति बनाए रखने के लिए अपेक्षित कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
क्या है मामला?
हाल में UN विशेषज्ञों के एक समूह ने मणिपुर हिंसा में मानवधिकारों के गंभीर उल्लंघन की खबरों पर चिंता जताते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें हिंसाग्रस्त मणिपुर में यौन हिंसा, न्यायेतर हत्याएं, जबरन विस्थापन, यातना और दुर्व्यवहार के कथित कृत्य शामिल हैं। UN विशेषज्ञों ने भारत सरकार से मणिपुर में हिंसा की घटनाओं की जांच करने और हिंसा के दौरान महिलाओं को निशाना बनाने वाले अपराधियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।
भारत ने रिपोर्टा में क्या कहा?
जिनेवा स्थित UN कार्यालय में भारत के स्थायी मिशन ने कहा, "वह इस रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज करता है क्योंकि यह न केवल अनुचित, अनुमानपूर्ण और भ्रामक है, बल्कि मणिपुर की स्थिति और इसे हल करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर समझ की पूरी कमी को भी दर्शाती है।" मिशन ने कहा, "सरकार मणिपुर के लोगों सहित समस्त देशवासियों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।"
भारत ने कहा- जवाब का नहीं किया इंतजार
विशेष प्रक्रिया अधिदेश धारकों (SPMH) द्वारा 'भारत के मणिपुर में निरंतर दुर्व्यवहार से चिंतित संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ' शीर्षक से जारी रिपोर्ट पर भारतीय मिशन ने निराशा और आश्चर्य व्यक्त किया। भारतीय मिशन ने कहा कि SPMH ने भारत सरकार के जवाब की प्रतीक्षा किए बिना बयान जारी कर दिया। उसने कहा कि हैरानी की बात है कि SPMH ने इस विषय पर भारत सरकार के जवाब देने के लिए 60 दिन की प्रतीक्षा भी नहीं की।
SPHM बयान जारी करने से पहले प्रक्रिया का करें पालन- भारत
भारतीय मिशन ने आशा व्यक्त की है कि भविष्य में SPHM तथ्यों के आधार पर बयान जारी करेगा। मिशन ने कहा कि उम्मीद है कि SPHM उन घटनाक्रमों पर टिप्पणी करने से परहेज करेगा, जिनका परिषद द्वारा उन्हें दिए गए अधिकारों से कोई संबंध नहीं है। उसने कहा कि उम्मीद है भविष्य में SPHM समाचार विज्ञप्ति जारी करने के लिए स्थापित प्रक्रिया का पालन करेगा और ऐसा करने से पहले भारत सरकार से मांगे गई जानकारी की प्रतीक्षा करेगा।
भारत ने कहा- हम मानवाधिकारों के लिए प्रतिबद्ध
भारतीय मिशन ने दोहराया कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां कानून के शासन और हमारे लोगों के मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने की स्थायी प्रतिबद्धता है। मिशन ने अपने नोट में कहा कि भारतीय कानून प्रवर्तन प्राधिकरण और सुरक्षा बल कानूनी निश्चितता, आवश्यकता, आनुपातिकता और गैर-भेदभाव के सिद्धांतों के अनुसार कानून-व्यवस्था की परिस्थितियों से सख्ती से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मिशन ने मणिपुर को लेकर UN विशेषज्ञों की सभी टिप्पणियों का खंडन किया है।