महंगाई रोकने की जरूरत, लेकिन दाम कम होने से किसानों को न हो नुकसान- RSS
क्या है खबर?
खाद्य पदार्थों के ऊंचे दामों के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने शनिवार को सरकार से महंगाई पर रोक लगाने की मांग की है।
RSS के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि मंहगाई पर रोक लगाने की जरूरत है। सरकार को दाम कम करने चाहिए, लेकिन इसका बुरा प्रभाव किसानों पर नहीं पड़ना चाहिए।
उनका यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत में जून में मंहगाई दर 7.01 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
बयान
सस्ती होनी चाहिए मूलभूत जरूरतें- होसबोले
दिल्ली में RSS के एक कार्यक्रम में बोलते हुए होसबोले ने कहा कि खाद्य पदार्थों और महंगाई के बीच संबंध पर विचार करने की जरूरत है। औद्योगिक उत्पादों की कीमतें बढ़ रही हैं, लेकिन लोगों को लगता है कि कपड़ों और खाने के दाम कम होने चाहिए। ये मूलभूत जरूरतें हैं और इन्हें सस्ता होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि खेती का मुख्य उद्देश्य सबके लिए पर्याप्त पौष्टिक भोजन पैदा करना है।
बयान
"दाम बढ़े तो पौष्टिक भोजन नहीं खरीद पाएंगे लोग"
RSS महासचिव ने कहा कि हर किसी को पौष्टिक भोजन मिलना जरूरी है। इसलिए इनके दाम नहीं बढ़ने चाहिए। नहीं तो लोग इसे खरीद नहीं पाएंगे। इसलिए सहकारी समितियों को इसमें अहम भूमिका निभानी चाहिए।
बयान
बढ़ते शहरीकरण पर जताई चिंता
तेजी से हो रहे शहरीकरण पर चिंता व्यक्ति करते हुए होसबोले ने कहा, "देश में शहरीकरण बढ़ रहा है। आज 52 फीसदी से अधिक आबादी शहरों में रह रही है। अगर भारत के गांव गायब होने शुरू हो गए तो जिस सभ्यता और संस्कृति की हम गर्व से बात करते हैं, उस पर असर पड़ेगा। इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि लोग गांवों में रहें। हमें खेती और इससे जुड़े उद्योगों को मजबूत करने की जरूरत है।"
महंगाई का हाल
कई महीनों से बढ़ रही है महंगाई
देश में पिछले कई महीनों से महंगाई दर लगातार बढ़ रही है और फिलहाल 7 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है।
खाद्य सामान, सब्जियों, दूध और ईंधन जैसी जरूरती चीजों पर महंगाई का सबसे ज्यादा असर पड़ा है और इनकी कीमतें आसमान छू रही हैं। इसे देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौजूदा साल के लिए महंगाई दर का अनुमान बढ़ाकर 5.7 प्रतिशत कर दिया है।
इससे आम लोगों की जेब पर भी भार बढ़ रहा है।
असर
महंगाई नियंत्रित करने के लिए रेपो रेट बढ़ा चुका है RBI
बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने के लिए RBI मई और जून में रेपो रेट बढ़ा चुका है। 4 मई को इसमें 40 बेसिस प्वाइंट और 8 जून को 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया गया। इसी के साथ अब यह बढ़कर 4.90 प्रतिशत हो गई है।
दरअसल, रेपो रेट बढ़ने पर अब बैंकों को RBI को अधिक ब्याज चुकाना होगा और इसके बदले में वो अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देंगे। इससे बाजार में पैसा कम होगा।