किन-किन देशों में सामने आ चुके हैं मंकीपॉक्स के मामले और यह कितना खतरनाक है?
क्या है खबर?
दुनिया से अभी कोरोना वायरस महामारी का खात्मा हुआ भी नहीं कि अब दूसरी बीमारी का खतरा मंडराने लगा है।
इस बीमारी का नाम है मंकीपॉक्स और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इससे संक्रमित हर 10वें व्यक्ति की मौत होने की चेतावनी दी है।
दुनिया के 10 से अधिक देशों में इसके मामलों की पुष्टि हो चुकी है। ऐसे में WHO ने आपात बैठक भी बुलाई है।
आइये जानते हैं किन-किन देशों में मंकीपॉक्स के मामले आ चुके हैं।
पृष्ठभूमि
क्या है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स एक जूनोटिक (एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में फैलने वाली) बीमारी है। ये बीमारी मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमण के कारण होती है जो पॉक्सविरिडाइ फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से आता है।
ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस में चेचक (स्मालपॉक्स) और काउपॉक्स बीमारी फैलाने वाले वायरस भी आते हैं।
मंकीपॉक्स वायरस का सबसे पहले 1958 में पता चला था। तब रिसर्च के लिए तैयार की गईं बंदरों की बस्तियों में इस वायरस के कारण पॉक्स जैसी बीमारी देखी गई थी।
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फ्रांस और बेल्जियम में हुई पहले मामले की पुष्टि
फ्रांस के इले-डी-फ्रांस क्षेत्र में शुक्रवार को मंकीपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि हो गई है। इस क्षेत्र में पेरिस भी शामिल है।
फ्रांस के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति के प्रभावित देश से लौटने की पुष्टि नहीं हुई है। यह एक चिंता का विषय है।
इसी तरह बेल्जियम के फ्लेमिश ब्रेबेंट क्षेत्र में भी आज दो मामलों की पुष्टि हुई है। हालांकि, दोनों की हालत फिलहाल सामान्य है और उन्हें क्वारंटाइन कर दिया गया है।
जानकारी
जर्मनी में म्यूनिख में मिला देश का पहला मामला
जर्मनी के म्यूनिख में भी शुक्रवार को मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आ चुका है। जर्मन सशस्त्र बलों के माइक्रोबायोलॉजी संस्थान ने इसकी पुष्टि की है। स्वास्थ्य मंत्री कार्ल लॉटरबैक वायरस का विश्लेषण करने और अन्य मामलों का पता लगाने की बात कही है।
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स्पेन में 21 तो पुर्तगाल में 23 मामलों की पुष्टि
यूरोप के कई हिस्सों में यह बीमारी तेजी से फैल रही है। स्पेन के मैड्रिड और कैनरी द्वीप में शुक्रवार को मिले 14 मामलों के साथ इससे संक्रमितों की कुल संख्या 21 हो गई। इसके अलावा 20 लोग संदिग्ध माने गए हैं।
इसी तरह पुर्तगाल में इसके 23 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 10 मरीजों की पहचान कर ली गई है। तेजी से बढ़ती मामलों की संख्या ने देश के स्वास्थ्य विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है।
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UK में 20 तो कनाडा के दो लोगों में हुई संक्रमण की पुष्टि
यूनाइटेड किंगडम (UK) स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के अनुसार, शुक्रवार को देश में संक्रमण के 11 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही संक्रमितों की कुल संख्या 20 हो गई है।
एजेंसी ने गे और बाइसेक्सुअल लोगों को खासतौर पर सचेत रहने और किसी भी असाधारण लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करने को कहा है।
इसी तरह कनाडा में भी दो नए मामलों की पुष्टि हुई है और 17 अन्य संदिग्ध मामलों की जांच की जा रही है।
जानकारी
स्वीडन और इटली में सामने आ चुके हैं मामले
स्वीडन में इस बीमारी का एक मामला सामने आ चुका है, जबकि इटली में शुक्रवार को सामने आए दो मामलों के साथ संक्रमितों की कुल संख्या तीन हो गई है। दोनों देशों की सरकार ने संदिग्धों की पहचान और जांच का अभियान चला रखा है।
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अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में मिले मामले
अमेरिका के मैसाचुसेट्स में गुरुवार को मंकीपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि हो चुकी है। संक्रमित व्यक्ति ने अप्रैल में कनाडा की यात्रा की थी और इस महीने वापस लौटा था।
अमेरिकी रोग नियंत्रण केन्द्र (CDC) छह और संदिग्ध मामलों पर नज़र रख रहा है।
इसी तरह ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने यूरोप के एक यात्री में मंकीपॉक्स के संभावित मामले की पहचान की है, जिसकी पुष्टि के लिए जांच जारी है।
प्रसार और लक्षण
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स वायरस और क्या हैं इसके लक्षण?
मंकीपॉक्स से संक्रमित किसी जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। ये वायरस टूटी त्वचा, सांस और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है।
छींक या खांसी के दौरान निकलने वाली बड़ी श्वसन बूंदों से इसका प्रसार होता है।
इंसानों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक जैसे होते हैं। शुरूआत में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और पीठ में दर्द, थकावट होती है और तीन दिन में शरीर पर दाने निकलने लग जाते हैं।
बैठक
WHO ने बुलाई आपात बैठक
दुनिया के 10 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आने के बाद WHO ने चर्चा करने के लिए शुक्रवार को आपात बैठक बुलाई है।
इसमें वायरस के प्रसार के कारणों, माध्यमों और उसकी रोकथाम के प्रयासों पर चर्चा की जाएगी। WHO के अनुसार, यूरोप में इस बीमारी 100 से अधिक मामले हो चुके हैं। ऐसे में जल्द से जल्द उनका पता लगाना जरूरी है।
इसी तरह अन्य देशों को भी इससे बचाव के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे।
ऐहतियात और इलाज
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
अभी तक मंकीपॉक्स का कोई भी प्रमाणित उपचार नहीं है। हालांकि, CDC के अनुसार, चेचक की वैक्सीन, एंटीवायरल दवाओं और चेचक की एंटीबॉडीज (वैक्सिनिया इम्यून ग्लोबुलिन) की मदद से इसे रोका जा सकता है।
स्टडीज में पाया गया है कि चेचक की वैक्सिनिया वैक्सीन मंकीपॉक्स को रोकने में 85 प्रतिशत तक प्रभावी है।
बचाव की बात करें तो संक्रमित व्यक्ति या जानवर से दूर रहकर इस बीमारी से बचा जा सकता है।