मंकीपॉक्स: केरल में सामने आया भारत का पहला मामला
केरल में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से लौटे एक व्यक्ति को मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि वह तीन दिन पहले ही UAE से लौटा था। बीमारी के लक्षण नजर आने के बाद उसके सैंपल को जांच के लिए भेजा गया था और इसकी रिपोर्ट में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है। ये केरल और भारत दोनों में मंकीपॉक्स का पहला मामला है।
राज्य सरकार की मदद के लिए अपनी एक टीम केरल भेजेगी केंद्र सरकार
मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार सतर्क हो गई है और उसने बीमारी से निपटने में राज्य सरकार की मदद करने के लिए एक टीम भेजने का फैसला किया है। ये टीम हर तरीके से राज्य सरकार की मदद करेगी।
जून में ही मंकीपॉक्स से संबंधित गाइडलाइंस जारी कर चुका है भारत
बता दें कि दुनियाभर के देशों में मंकीपॉक्स के बढ़ते प्रसार के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जून में ही मंकीपॉक्स को लेकर गाइडलाइंस जारी कर चुका है। इनमें बीमारी की निगरानी, पहचान, पुष्टि और इलाज के बारे में विस्तार से बताया गया है। गाइडलाइंस में कहा गया है कि संदिग्ध मरीजों में PCR टेस्ट (संक्रमण की पुष्टि के लिए किए जाने वाला टेस्ट) या सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग के बाद ही बीमारी की पुष्टि की जाएगी।
क्या है मंकीपॉक्स वायरस?
मंकीपॉक्स एक जूनोटिक (एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में फैलने वाली) बीमारी है। यह बीमारी मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमण के कारण होती है जो पॉक्सविरिडाइ फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से आता है। ये सबसे पहले 1958 में बंदरों की एक बस्ती में मिला था और वहीं से इसे अपना नाम मिला है। यह धीरे-धीरे म्यूटेट होने वाला DNA वायरस है। इसके लक्षण दिखने में संक्रमित होने के बाद 5 से 21 दिनों तक का समय लग सकता है।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स और क्या हैं इसके लक्षण?
मंकीपॉक्स से संक्रमित किसी जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। यह वायरस त्वचा, सांस और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। छींक या खांसी के दौरान निकलने वाली बड़ी श्वसन बूंदों से इसका प्रसार होता है। इंसानों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक जैसे होते हैं। शुरूआत में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और पीठ में दर्द, थकावट होती है और कुछ ही दिन में शरीर पर दाने निकलने लग जाते हैं।
इन देशों में सामने आ चुके हैं मंकीपॉक्स के मामले
अभी तक अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ऑस्ट्रिया, इजरायल, स्विट्जरलैंड आदि देशों में मंकीपॉक्स के लगभग 4,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से ज्यादातर मामले यूरोप में सामने आए हैं। कैमरून, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, कॉन्गो, गैबोन, लाइबेरिया, नाइजीरिया और सिएरा लियोन जैसे अफ्रीकी देशों में ये वायरस पहले से ही मौजूद है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने देशों से इस बीमारी से सतर्क रहने को कहा है।