
केंद्र सरकार के ऑनलाइन गेमिंग विधेयक में क्या हैं प्रावधान?
क्या है खबर?
केंद्रीय कैबिनेट ने ऑनलाइन गेमिंग विधेयक को आज (19 अगस्त) मंजूरी दे दी है। इकोनॉमिक टाइम्स (ET) की रिपोर्ट के अनुसार, इस नए विधेयक के तहत केंद्र सरकार ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स को नियंत्रित और नियमित कर सकेगी। इस महत्वपूर्ण कदम से सरकार का उद्देश्य न केवल नियमों को सख्ती से लागू करना है, बल्कि गेमिंग सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ाना, जवाबदेही तय करना और निवेशकों के बीच भरोसा बढ़ाना भी है।
प्रावधान
विधेयक के नियम और प्रावधान
ऑनलाइन गेमिंग विधेयक के तहत सभी ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म को कानूनी ढांचे में लाना होगा और नियम तोड़ने पर जुर्माना व सजा का प्रावधान होगा। केंद्र सरकार ने इन्हें GST के दायरे में लाकर 28 प्रतिशत कर लगाया है और जीत पर 30 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान भी किया है। इसके साथ ही, विदेशी प्लेटफॉर्म भी इसमें शामिल होंगे और एजेंसियों को अवैध या अपंजीकृत साइटों को ब्लॉक करने का अधिकार मिलेगा।
उद्देश्य
विधेयक का उद्देश्य क्या है?
सरकार का कहना है कि यह कदम घरेलू कारोबार को बचाने और विदेशी कंपनियों द्वारा कर चोरी रोकने के लिए जरूरी है। अगर विदेशी कंपनियां नियमों का पालन नहीं करतीं, तो इससे स्थानीय कारोबार को नुकसान होता है और बाजार की सही प्रतिस्पर्धा भी बिगड़ती है। मंत्रालय के मुताबिक, कई कंपनियां बार-बार नए वेब एड्रेस बनाकर नियमों से बचने की कोशिश कर रही थीं, जिन पर अब सख्ती करने की तैयारी हो गई है।
जांच
हालिया कार्रवाई और जांच
सरकार ने हाल ही में 357 अवैध वेबसाइटों और 2,400 बैंक अकाउंट्स को ब्लॉक किया है। इनमें से कई अकाउंट्स में 126 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जब्त की गई है। जांच में यह भी सामने आया कि कुछ भारतीय नागरिक विदेश से प्लेटफॉर्म चलाकर भारतीय ग्राहकों से पैसे वसूल रहे थे और म्यूल अकाउंट्स का इस्तेमाल कर रहे थे। अब तक 3 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 166 ऐसे अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया है।