हरियाणा: आय से अधिक संपत्ति मामले में ओम प्रकाश चौटाला को 4 साल की सजा
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को आय से अधिक संपत्ति के मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को चार साल जेल की सजा सुनाई है। इसके अलावा उन पर 50 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है और उनकी चार संपतियों को जब्त करने के निर्देश भी दिए हैं। बता दें कोर्ट ने 21 मई को चौटाला को मामले में दोषी मानते हुए सजा पर बहस के लिए 26 मई का दिन निर्धारित किया था।
चौटाला के खिलाफ क्या है आय से अधिक संपत्ति का मामला?
बता दें कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में 2005 में मामला दर्ज किया था। इसके बाद 26 मार्च, 2010 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करते हुए चौटाला को साल 1993 से 2006 के बीच कथित रूप से उनकी वैध आय से काफी अधिक 6.09 करोड़ रुपये की संपत्ति जुटाने के लिए जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, चौटाला ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था और कहा था कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित होकर लगाए गए हैं।
CBI ने बताई थी आय से 189.11 प्रतिशत अधिक संपत्ति
CBI ने चार्जशीट में का आरोप था कि चौटाला ने साठगांठ कर परिवार के सदस्यों के नाम पर आय के ज्ञात स्रोत से अधिक चल व अचल संपत्ति अर्जित की है। यह संपत्ति उनके आय के ज्ञात स्रोत की तुलना में 189.11 प्रतिशत अधिक थी।
ED ने 2019 में जब्त की थी चौटाला की 3.68 करोड़ की संपत्ति
प्रवर्तन निदेशाल (ED) ने साल 2019 में चौटाला की 3.68 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त किया था। इन संपत्तियों में उनके फ्लैट, मकान और भूखंड शामिल थे। जब्त की गईं संपत्तियां नई दिल्ली, पंचकूला और सिरसा में स्थित हैं। ED ने यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज FIR पर की थी। जनवरी 2021 में दिल्ली की कोर्ट ने चौटाला के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप तय किए थे।
कोर्ट ने 21 मई को दिया था दोषी करार
कोर्ट ने 21 मई को मामले में चौटाला को दोषी करार दिया था। उस दौरान कोर्ट ने सजा पर बहस के लिए 26 मई का दिन निर्धारित किया था। गुरुवार को हुई सजा पर बहस में चौटाला ने बुढ़ापे और बीमारी के आधार पर कम से कम सजा देने का अनुरोध किया था। हालांकि, CBI ने अधिक सजा की मांग की थी। उसके बाद कोर्ट ने सजा पर बहस पूरी करके शुक्रवार के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
चौटाला को JBT घोटाले में भी मिली थी 10 साल की सजा
चौटाला को 1999-2000 में हरियाणा में जूनियर बेसिक ट्रेंड टीचर (JBT) भर्ती घोटाला मामले में भी दोषी पाया गया था। उस समय चौटाला हरियाणा के मुख्यमंत्री थी। CBI ने घोटाले में कुल 55 लोगों को दोषी पाया था। उसके बाद साल 2013 में कोर्ट ने चौटाला और उनके बेटे अजय को 10-10 साल के कारावास की सजा सुनाई थी। पिछले साल 2 जुलाई को सजा पूरी होने पर वह रिहा हुए थे, लेकिन अब उन्हें फिर जेल जाना होगा।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बता दें कि चौटाला पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह पहली बार जनता दल पार्टी से 2 दिसंबर, 1989 से 22 मई, 1990, दूसरी बार 12 जुलाई, 1990 से 17 जुलाई, 1990 और तीसरी बार समाजवादी जनता पार्टी से 22 मार्च, 1991 से 5 अप्रैल 1991 तक मुख्यमंत्री रहे थे। इसके बाद वह INDL की ओर से 24 जुलाई, 1999 से 2 मार्च, 2000 तथा 2 मार्च, 2000 से 5 मार्च, 2005 तक मुख्यमंत्री रहे थे।