Page Loader
अमेरिका में 18 साल बाद सामने आया 'मंकीपॉक्स' संक्रमण का पहला मामला
अमेरिका के टेक्सास में 18 साल बाद सामने आया 'मंकीपॉक्स' संक्रमण का पहला मामला।

अमेरिका में 18 साल बाद सामने आया 'मंकीपॉक्स' संक्रमण का पहला मामला

Jul 17, 2021
03:48 pm

क्या है खबर?

दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के मामलों में फिर से इजाफा होने के साथ महामारी की तीसरी लहर का आशंका तेज हो गई है। तमाम देश इस लहर से बचने की तैयारी में जुटे हुए हैं। इसी बीच अमेरिका के टेक्सास शहर में 'मंकीपॉक्स' वायरस के संक्रमण का एक दुर्लभ मामला सामने आया है। अमेरिका में 18 साल बाद इस संक्रमण का कोई मामला सामने आया है। खुद रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) ने इस मामले की पुष्टि की है।

मंकीपॉक्स

आखिर क्या होता है मंकीपॉक्स संक्रमण?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, मंकीपॉक्स एक दुर्लभ लेकिन संभावित रूप से गंभीर वायरस जनित बीमारी है, जो ज्यादातर मध्य और पश्चिम अफ्रीका के दूरदराज के हिस्सों में पाई जाती है। यह वायरस बंदर और चूहों सहित अन्य जानवरों में रहता है, लेकिन कुछ मामलों में यह इंसानों तक पहुंच जाता है। WHO के अनुसार संक्रमित जानवरों के रक्त, शारीरिक तरल पदार्थ या त्वचा के घाव के संपर्क में आने के कारण यह वायरस इंसानों में फैलता है।

लक्षण

क्या है मंकीपॉक्स संक्रमण के लक्षण?

WHO के अनुसार, मंकीपॉक्स संक्रमण में छह से 21 दिन के बीच लक्षण नजर आने लग जाते हैं। इसमें संक्रमित व्यक्ति को बुखार, तेज सिरदर्द, लिम्फैडेनोपैथी (लिम्फ नोड्स की सूजन), पीठ और मांसपेशियों में दर्द के साथ कमजोरी महसूस होती है। लिम्फ नोड्स की सूजन सबसे आम लक्षण है। इसके अलावा संक्रमित के चेहरे या हाथ-पांव पर बड़े-बड़े दाने हो सकते हैं। कुछ गंभीर मामलों में इन दानों के कारण आंख का कॉर्निया भी प्रभावित हो सकता हैं।

जानकारी

मंकीपॉक्स में 11 प्रतिशत तक रहता है मौत का खतरा

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, मंकीपॉक्स से मौत के मामले 11 फीसदी तक हो सकते हैं। संक्रमण के कारण छोटे बच्चों में मौत का सबसे अधिक खतरा रहता है। ऐसे में इसे एक गंभीर बीमारी के रूप में परिभाषित किया गया है।

पुष्टि

टेक्सास निवासी युवक में हुई मंकीपॉक्स के संक्रमण की पुष्टि

इंडिया टुडे के अनुसार, CDC ने कहा कि अमेरिका के टेक्सास निवासी एक युवक में मंकीपॉक्स के संक्रमण की पुष्टि हुई है। वह हाल ही में नाइजीरिया की यात्रा कर अमेरिका लौटा है। वर्तमान में उसे डलास के अस्पताल में क्वारंटाइन किया गया है। CDC ने कहा कि संबंधित राज्य और एयरलाइन कंपनियों के साथ काम करके संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। उसके बाद उनकी भी जांच की जाएगी।

खतरा

मंकीपॉक्स संक्रमण नहीं है खतरे का संकेत- जेनकिन्स

डलास काउंटी जज क्ले जेनकिन्स ने कहा कि मंकीपॉक्स संक्रमण खतरे का संकेत नहीं है। अभी इस बीमारी से आम लोगों के लिए कोई खतरा नहीं लगता है। इस बीमारी का प्रकोप नाइजीरिया के अलावा मध्य और पश्चिमी अफ्रीकी देशों में 1970 में देखने को मिला था। इसी तरह CDC ने कहा कि अमेरिका में मंकीपॉक्स का कहर 2003 में सामने आया था। उस समय कुल 47 मरीज मिले थे। मिडवेस्ट के पालतू प्रैरी कुत्तों में यह वायरस मिला था।

संक्रमण

पानी की बूंदों के जरिए संक्रमण फैलने का खतरा

CDC ने कहा कि मंकीपॉक्स का संक्रमण संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने, बोलने या सांस लेने के दौरान निकलने वाली ड्रॉपलेट्स (पानी की छोटी बूंदें) के जरिए दूसरों तक फैल सकता है। हालांकि, वर्तमान में कोरोना वायरस महामारी के खतरे के कारण लोगों में मास्क पहनने का चलन है। इसी तरह उड़ान में भी यात्रियों ने मास्क पहना हुआ था। इस वजह से विमान और एयरपोर्ट पर पानी की बूंदों के जरिए संक्रमण फैलने का खतरा कम है।

उपचार

कैसे किया जा सकता है मंकीपॉक्स संक्रमण का उपचार?

WHO के अनुसार, वर्तमान में मंकीपॉक्स का कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। चेचक को खत्म करने के लिए दी जाने वाली वैक्सीनिया को ही मंकीपॉक्स के खिलाफ सुरक्षात्मक माना जाता है। हालिया वर्षों में चेचक और मंकीपॉक्स की रोकथाम के लिए वैक्सीनिया वैक्सीन के थर्ड जनरेशन को मंजूरी दी गई है। कई अध्ययनों में चेचक के लिए दी जाने वाली वैक्सीन को मंकीपॉक्स संक्रमण रोकने में 85 फीसदी तक कारगर पाया गया है।