भोपाल: सरकारी होम्योपैथी अस्पताल का दावा- हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों का सफलतापूर्वक किया इलाज
क्या है खबर?
भोपाल के सरकारी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज ने दावा किया है कि उसने होम्योपैथी का इस्तेमाल करते हुए कोरोना संक्रमित छह मरीजों को ठीक कर दिया है।
इस मेडिकल कॉलेज को COVID-19 केयर सेंटर बनाया गया है, जहां हल्के लक्षण वाले और संदिग्ध मरीजों का इलाज किया जाता है।
वहीं जिला प्रशासन का कहना है कि मरीजों को एलोपैथी और होम्योपैथी दोनों इलाज दिए गए थे, ऐसे में यह कहना गलत है कि वो केवल होम्योपैथी से ये ठीक हुए हैं।
बयान
क्या कहती हैं अस्पताल की सुपरिटेंडेंट?
अस्पताल की सुपरिटेंडेट डॉक्टर सुनीता तोमर ने कहा कि 14 मई को भर्ती किए गए छह मरीज सोमवार को पूरी तरह ठीक हो गए।
उन्होंने कहा कि संक्रमित पाए गए एक दंपत्ति के दो बच्चों को मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की जगह सिर्फ होम्योपैथिक दवाएं दी गई थीं। इस वजह से 10 दिनों तक अपने माता-पिता के साथ रहने के बावजूद इन दोनों बच्चों में संक्रमण के कोई लक्षण नहीं देखे गए।
बयान
दवाओं के कारण नहीं पड़ी ऑक्सीजन की जरूरत- तोमर
तोमर ने कहा कि मरीजों को भर्ती करने के समय इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए केवल एक बार हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दी गई थी। उसके बाद उन्हें रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने की दवाएं दी गईं।
अस्पताल ने कहा कि होम्योपैथिक दवाओं की वजह से मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी और उनकी सेहत में तेजी से सुधार हुआ। किसी भी मरीज को बड़े अस्पताल में भेजने की जरूरत नहीं पड़ी।
खंडन
जिला प्रशासन ने किया अस्पताल के दावे का खंडन
हालांकि, अस्पताल के दावे पर जिला प्रशासन ने ही सवाल उठा दिए हैं।
भोपाल के कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने कहा कि इन मरीजों को एलोपैथिक और होम्योपैथिक दवाएं दी गई थी। इसलिए यह कहना ठीक नहीं होगा कि इन मरीजों का इलाज केवल होम्योपैथिक दवाओं से किया गया। यह संयोगवश हो सकता है। हो सकता है मरीजों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर करने के लिए दवाएं दी गईं हों।
इसके अलावा दूसरे लोगों ने भी दावे पर सवाल उठाए हैं।
बयान
"ICMR ने दी ऐसे ट्रायल की अनुमति"
जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ अमूल्य निधि ने कहा, "विश्व स्वास्थ्य संगठन ऐसे मरीजों का केवल एलोपैथी से इलाज की बात कहता है। भारत सरकार के आयुष विभाग की एडवायजरी में भी मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए आयुर्वेदिक दवाओं की बात कही गई है। जहां तक एलोपैथिक दवाओं के विकल्प से कोरोना संक्रमितों के इलाज का सवाल है, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने ऐसे किसी भी ट्रायल को मंजूरी नहीं दी है।"
महामारी
अभी तक नहीं मिला कोरोना वायरस का इलाज
गौरतलब है कि दुनियाभर में जारी तमाम प्रयासों के बावजूद अभी तक कोरोना वायरस का कोई इलाज या वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पाई है।
अलग-अलग देशों में प्रयोग के तौर पर रेमडेसिवीर और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन आदि दवाओं का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन इनमें से कोई भी पुख्ता तरीके से कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में कारगर सिद्ध नहीं हो पाई है।
वहीं वैक्सीन को लेकर जानकारों का कहना है कि इसे आने में कम से 12-18 महीने का समय लगेगा।
कोरोना वायरस
मध्य प्रदेश और देश में कितने मामले?
मध्य प्रदेश में अब तक 6,859 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 3,571 लोग ठीक हुए हैं और 300 लोगों की मौत हुई है।
वहीं पूरे देश की बात करें तो संक्रमित लोगों की संख्या 1,45,380 पहुंच गई है। भारत में इस महामारी के 80,722 सक्रिय मामले हैं, 60,491 लोग ठीक हो चुके हैं और 4,167 लोगों की मौत हुई है।
बीते 24 घंटों में देश में 6,535 नए मामले सामने आए हैं।