बिना खाना पानी के 10 घंटे खड़ी रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन, भड़के मजदूरों ने किया प्रदर्शन
क्या है खबर?
लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में अव्यवस्थाओं के चलते अब अपने घर जाने को मजबूर हुए मजदूरों का गुस्सा फूट पड़ा है।
ट्रेनों में भोजन-पानी की व्यवस्था नहीं होने, बासी भोजन देने और ट्रेनों को घंटो खड़े रखने को लेकर शुक्रवार को तीन श्रमिक स्पेशन ट्रेनों में सवार मजदूरों ने ट्रैक पर जमकर हंगाम किया। बाद में समझाइश के बाद मजदूरों को हटाकर ट्रेनों को रवाना किया गया।
उत्तर प्रदेश
उन्नाव स्टेशन पर मजदूरों ने की तोड़फोड़
बेंगलुरू सिटी से डींग गोपालापुरम जा रही एक श्रमिक स्पेशन ट्रेन में भोजन-पानी की व्यवस्था नहीं होने पर ट्रेन में सवार मजदूरों का गुस्सा उन्नाव स्टेशन पर फूट पड़ा।
ट्रेन के यात्रियों ने स्टेशन पर जमकर तोड़फोड़ की। यात्रियों ने ईंट-पत्थर फेंककर स्टेशन मास्टर के कमरे के दरवाजे, शीशे तोड़ दिए।
भीड़ को देखकर रेलकर्मी जान बचाकर भाग निकले। इसमें स्टेशन मास्टर को भी चोट आई है। स्टेशन पर RPF और GRP बल तैनात है।
मामला
दीन दयाल उपाध्याय रेलवे जंक्शन के आउटर पर 10 घंटे खड़ी रही ट्रेन
आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से बिहार जा रही ट्रेन में बैठकर आए मजदूरों का गुस्सा उस समय फूट पड़ा जब उनकी ट्रेन को दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन के आउटर सिंग्नल पर 10 घंटे तक रोके रखा गया।
गुस्साए मजदूरों ने रेलवे ट्रैक पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी की।
एक मजदूर धीरेन ने बताया कि ट्रेन रात 11 बजे आ गई थी, लेकिन 10 घंटे से उसे सिग्नल नहीं दिए गए हैं। इससे परेशानी हो रही है।
जानकारी
ट्रेन में यात्रा के लिए 1,500 रुपये वसूलने का लगाया आरोप
यात्री धीरेन ने बताया कि रेलवे श्रमिकों से किराया नहीं लेने का दावा कर रहा है, लेकिन इस ट्रेन में सवार होने के लिए उनके से 1,500-1,500 रुपये वसूले गए हैं। पैसे देने के बाद भी ट्रेन का सही संचालन नहीं हो रहा है।
वाराणसी
जौनपुर जा रही ट्रेन को करीब 10 घंटे तक वाराणसी में रोका गया
इसी तरह महाराष्ट्र के पनवेल से जौनपुर आ रही एक अन्य श्रमिक स्पेशल ट्रेन को वाराणसी में करीब 10 घंटे तक रोके रखा गया।
इससे गुस्साए मजदूरों ने रेलवे ट्रैक पर बैठकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। रेलवे पुलिल ने इन लोगों के खाने की व्यवस्था की तब जाकर ट्रेन को आगे बढ़ाया गया।
ट्रेन में सवार मजदूर गोविंद ने बताया कि ट्रेन को काशी में सात घंटे और एक अन्य स्टेशन पर दो घंटे तक खड़ा रखा गया था।
जानकारी
मजदूरों को रास्ते में कहीं नहीं दिया गया खाना
ट्रेन के सवार मजदूरों का कहना था कि उन्हें महाराष्ट्र में एक बार खाना दिया गया था, लेकिन उसके बाद उत्तर प्रदेश में कहीं भी खाना नहीं दिया गया। ट्रेन को घंटों तक खड़े रखने से मजदूरों का भूख-प्यास से बुरा हाल है।
कानपुर
कानपुर स्टेशन पर बासी खाना देने पर फूट पड़ा मजदूरों का गुस्सा
गुजरात से बिहार जा रही एक ट्रेन में सवार मजदूरों का कानपुर स्टेशर पर उस समय गुस्सा फूट पड़ा जब उन्हें बासी खाना दे दिया गया।
गुस्साए मजदूरों ने खाना फेक दिया और रेलवे पर उनके साथ अमानवीय बर्ताव करने का आरोप लगाया।
मजदूरों का कहना था कि शौचालय में पानी तक नहीं और पीने को भी पानी नहीं मिल रहा है। उन्हें तीन-चार दिन पुराना खाना दिया जा रहा है। भीषण गर्मी में वह बीमार हो सकते हैं।