मध्य प्रदेश: राज्यपाल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखा पत्र, कहा- कल ही कराएं फ्लोर टेस्ट
मध्य प्रदेश में वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद शुरू हुआ सियासी संग्राम लगातार जारी है। राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर मंगलवार को ही फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा है। इससे पहले कमलनाथ सरकार ने फ्लोर टेस्ट से बचने के लिए सोमवार को विधानसभा सत्र के साथ फ्लोर टेस्ट को 26 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया था।
बहुमत साबित नहीं करने पर अल्पमत में मानी जाएगी सरकार- राज्यपाल
न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखे पत्र में कहा, 'आप 17 मार्च यानी मंगलवार को ही फ्लोर टेस्ट आयोजित करें। ऐसा नहीं करने पर माना जाएगा कि कांग्रेस के पास पर्याप्त बहुमत नहीं है।' इससे पहले भी राज्यपाल ने कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद उनके बहुमत साबित करने की क्षमता पर संदेह जताया था। शनिवार को राज्यपाल ने सोमवार को फ्लोर टेस्ट कराने को कहा था।
भाजपा पहुंची सुप्रीम कोर्ट, कल होगी सुनवाई
इससे पहले कांग्रेस की ओर से सोमवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद कोरोना वायरस के चलते विधानसभा और फ्लोर टेस्ट को 26 मार्च के लिए स्थगित कर दिया था। इसको लेकर भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी। इस मामले में भी मंगलवार को सुनवाई होनी है। इससे पहले राज्यपाल ने ही मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर फ्लोर टेस्ट कराने कह दिया है।
भाजपा ने राजभवन में कराई विधायकों की परेड
मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से फ्लोर टेस्ट को 26 मार्च तक स्थगित करने के बाद भाजपा अपने विधायकों के साथ राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंच गई। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल के समक्ष अपने विधायकों की परेड कराई और कांग्रेस को अल्पमत में होना बताया। भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्यपाल के आदेश के बाद भी कांग्रेस ने फ्लोर टेस्ट नहीं कराया। इस पर राज्यपाल ने कहा कि उन्हें आदेश का पालन करवाना आता है और वह उचित कार्रवाई करेंगे।
ये है मध्य प्रदेश विधानसभा की वर्तमान स्थिति
मध्य प्रदेश विधानसभा में वर्तमान में दो विधायकों का निधन होने के कारण 228 सदस्य हैं। कांग्रेस के पास 114 और भाजपा के पास 107 विधायक हैं। इसके अलावा चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा विधायक का भी समर्थन है। इस तरह कांग्रेस को फिलहाल 121 विधायकों का साथ है। बहुमत का आंकड़ा 116 है। सिंधिया के करीबी 22 विधायकों के इस्तीफा देने से अब कांग्रेस के पास 92 विधायक बचे हैं। हालांकि, इनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है।