बागी विधायकों से मिलने पहुंचे दिग्विजय सिंह हिरासत में, जेल में भूख हड़ताल पर बैठे
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश में सियासी संकट के बीच कांग्रेस अपने बागी विधायकों को मनाने में लगातार लगी हुई है। आज सुबह पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह मास्क लगाकर बागी विधायकों से मिलने बेंगुलूरू के रमाडा होटल पहुंच गए।
इस बीच जब पुलिस ने उन्हें बागी विधायकों से नहीं मिलने दिया तो वे होटल के बाहर अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए। बाद में पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर धरने को खत्म किया।
बयान
दिग्विजय बोले- विधायकों की जान को खतरा
धरने पर बैठे होने के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा, "मैं मध्य प्रदेश का राज्यसभा उम्मीदवार हूं। 26 तारीख को राज्यसभा चुनाव के लिए विधानसभा में वोटिंग होनी है। हमारे विधायकों को यहां होटल में बंधक बनाकर रखा गया है। वे हमसे बात करना चाहते हैं, लेकिन उनके मोबाइल छीन लिए गए। विधायकों की जान को खतरा है। मेरे पास हाथ में ना बम है, ना पिस्तौल है और ना हथियार है। फिर भी पुलिस मुझे क्यों रोक रही है।"
जानकारी
जेल में भूख हड़ताल पर बैठे दिग्विजय सिंह
दिग्विजय ने आरोप लगाया कि होटल के हर कमरे में पुलिस मौजूद है और विधायकों पर हर समय नजर रखी जा रही है। हिरासत में लिए जाने के बाद उन्हें अमृताहल्ली पुलिस स्टेशन ले जाया गया है जहां वे भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।
पृष्ठभूमि
ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद खतरे में आई मध्य प्रदेश सरकार
मध्य प्रदेश का सियासी संकट पिछले हफ्ते ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस के इस्तीफे के साथ शुरू हुआ था।
उनके इस्तीफे के बाद उनके खेमे के 22 कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया जिनमें छह मंत्री भी शामिल हैं।
विधानसभा स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति छह मंत्रियों का इस्तीफा स्वीकार कर चुके हैं लेकिन उन्होंने बाकी विधायकों का इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया है।
इस बीच राज्य में 26 मार्च को राज्यसभा चुनाव भी होने हैं।
संवैधानिक संकट
कमलनाथ को दो बार बहुमत साबित करने को कह चुके हैं राज्यपाल
सिंधिया के खेमे के बागी विधायकों के इस्तीफे के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार के गिरने का खतरा भी बना हुआ है और राज्यपाल लालजी टंडन दो बार मुख्यमंत्री कमलनाथ को बहुमत साबित करने को कह चुके हैं।
हालांकि कमलनाथ ने नियमों के हवाला देते हुए राज्यपाल के इन आदेशों को असंवैधानिक बताया है।
इस बीच मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है और आज कोर्ट राज्य में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करेगी।
जानकारी
विधानसभा 26 मार्च तक स्थगित होने के कारण कांग्रेस को मिला समय
कोरोना वायरस के कारण विधानसभा को 26 मार्च तक स्थगित करने के स्पीकर के फैसले के बाद कांग्रेस को अपनी सरकार को बचाने के लिए अतिरिक्त समय मिल गया है और वो लगातार अपने बागी विधायकों को मनाने का प्रयास कर रही है।
याचिका
सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की याचिका, विधायकों को बंधक बनाए जाने का आरोप
इस बीच कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका डाली है जिसमें उसने केंद्र, कर्नाटक सरकार और कर्नाटक भाजपा पर बागी विधायकों को बेंगलुरू के होटल में बंधक बनाने का आरोप लगाया है। याचिका में कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि वो इन विधायकों को रिहा करने का आदेश दे।
फ्लोर टेस्ट के बारे में इसमें लिखा है कि सभी विधायकों के सदन में मौजूद होने पर भी फ्लोर टेस्ट हो सकता है।
बयान
बागी विधायक बोले- हमें नहीं बनाया गया बंधक
हालांकि बागी विधायकों ने उन्हें बंधक बनाए जाने की बात से इनकार किया है। मंगलवार को मीडिया के सामने आते हुए उन्होंने कहा कि वे भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ हैं और अगर CRPF सुरक्षा मिलती है तो मध्य प्रदेश वापस लौट सकते हैं।
आंकड़े
क्या है मध्य प्रदेश विधानसभा की स्थिति?
230 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 116 है। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं और वो बसपा के दो, सपा के एक और चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार चला रही है।
अगर 22 बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होता है तो कांग्रेस सरकार को समर्थन देने वाले विधायकों की संख्या गिरकर 99 रह जाएगी और उसकी सरकार गिर जाएगी।
यही नहीं राज्यसभा चुनाव में भी उसे एक सीट का नुकसान हो सकता है।