अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन भारत पहुंचे, जानिए क्यों महत्वपूर्ण है यह दौरा
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जेक सुलिवन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (iCET) पहल की दूसरी बैठक में हिस्सा लेने के लिए सोमवार को भारत पहुंचे हैं।
नई दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका भव्य स्वागत किया गया।
इसके बाद उन्होंने सबसे पहले अपने भारतीय समकक्ष अजित डोभाल से मुलाकात की और फिर विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मिले। उनके प्रधानमंत्री मोदी से भी मिलने की संभावना है।
आइए जानते हैं यह दौरा महत्वपूर्ण क्यों है।
यात्रा
पहली बार भारत यात्रा पर आए हैं सुलिवन
अमेरिकी NSA सुलिवन की यह पहली भारत यात्रा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में अमेरिका के किसी उच्च अधिकारी की भी पहली यात्रा है।
इसे भारत और अमेरिका के संबंधों की दृष्टि से काफी अहम माना जा रहा है।
इससे पहले 5 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात कर उन्हें तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने की बधाई दी थी। उसी दौरान सुलिवन की यात्रा पर भी चर्चा हुई थी।
मुद्दा
उठ सकता है निखिल गुप्ता मामले का मुद्दा
सुलिवन की यात्रा खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश मामले में आरोपी निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य से अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने के एक दिन बाद हो रही है।
यह मामला दोनों देशों के बीच विवादास्पद मुद्दा है। अमेरिका सरकारी अधिकारियों से किसी भी मिलिभगत की जांच के लिए भारत पर दबाव डाल रहे हैं, जबकि भारत ने साजिश में अपनी भूमिका से इनकार किया है।
ऐसे में सुलिवन इस मामले पर भी चर्चा कर सकते हैं।
यात्रा
सुलिवन यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन से सीधे भारत पहुंचे
सुलिवन स्विट्जरलैंड के बर्गेनस्टॉक में आयोजित यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन से सीधे भारत आए हैं।
इस सम्मेलन में 80 से अधिक देशों ने एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर कर रूस से यूक्रेन पर हमले बंद करने का आह्वान किया था।
भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के तरीकों पर चर्चा करते हुए सम्मेलन में भाग लिया था, लेकिन संयुक्त आह्वान पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए।
ऐसे में सुलिवन भारत के इस रुख पर भी विस्तृत चर्चा कर सकते हैं।
ध्यान
iCET पर होगा सुलिवन का पूरा ध्यान
इस दौरान पर सुलिवन का पूरा ध्यान महत्वाकांक्षी iCET पहल की समग्र प्रगति को लेकर चर्चा करने पर होगा।
iCET प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका और भारत की आपसी पहल है।
iCET का मुख्य पहलू अगली पीढ़ी के दूरसंचार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और रक्षा जैसे विशिष्ट उच्च-प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में मिलकर काम करना है।
ऐसे में सुलिवन सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में चीन और ताइवान पर निर्भरता को कम करने पर चर्चा कर सकते हैं।
चर्चा
IMEC पर भी हो सकती है अहम चर्चा
सुलिवन भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) की महत्वाकांक्षी योजना पर भी चर्चा कर सकते हैं।
भारत की यह अहम योजना पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुए इजरायल-हमास युद्ध के कारण लटकी हुई है।
IMEC योजना को चीन से मुकाबले के लिए तैयार किया है। इसमें भारत से सऊदी अरब होते हुए यूरोप तक एक विशाल सड़क, रेलमार्ग और शिपिंग नेटवर्क तैयार करने की योजना है।
इसके तैयार होने से भारत, अमेरिका और यूरोप को सीधा रणनीतिक फायदा होगा।