कुलभूषण जाधव मामला: पाकिस्तान ने सबूत के तौर पर पेश किया अजीत डोभाल का बयान
जासूसी के आरोप में पाकिस्तान में फांसी की सजा पाने वाले भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में सुनवाई चल रही है। जहां भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने जाधव का ईरान से अपहरण करके उस पर जासूसी का झूठा आरोप लगाया है, वहीं पाकिस्तान भारतीय नेवी का हिस्सा रहे जाधव को जासूस बताता रहा है। इसी को लेकर ICJ में दोनों देशों के बीच जिरह हो रही है।
पाकिस्तान ने जाधव को बताया जासूस
मामले में भारत का पक्ष रख रहे हरीश साल्वे ने सोमवार को पाकिस्तान के खिलाफ सबूत पेश किए थे। अब मंगलवार को पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान ने जाधव को भारतीय खुफिया एजेंसी R&AW का जासूस बताया जो बलूचिस्तान में हमला करने के लिए आया था। मामले में पाकिस्तान के वकील ख्वार कुरैशी ने इस तर्क के समर्थन में भारतीय मीडिया में प्रकाशित कुछ लेखों और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजील डोभाल के बलूचिस्तान प्लान का जिक्र किया।
डोभाल के बयान का दिया हवाला
सबूत के तौर पर कुरैशी ने 'इंडियन एक्सप्रेस' में 30 सितंबर, 2016 को छपे NSA अजीत डोभाल के एक बयान का हवाला दिया। इस बयान में उन्होंने कहा था, "पाकिस्तान भारत से कहीं ज्यादा कमजोर है। जब उसे पता चलेगा कि भारत ने आक्रामक रवैया अपना लिया है तो यह उसके लिए महंगा साबित होगा। आप एक मुंबई करेंगे तो आप बलूचिस्तान खो सकते हैं। इसमें कोई परमाणु युद्ध नहीं होगा और न ही सेना की जरूरत होगी।"
भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स को भी सबूत के तौर पर किया पेश
कुरैशी ने जाधव के जासूस होने के समर्थन में पत्रकार करण थापर, प्रवीन स्वामी और चंदन नंदी की रिपोर्ट का भी हवाला दिया। स्वामी ने अंग्रेजी मैगजीन फ्रंटलाइन में जनवरी, 2018 के लेख को लिखा था जिसमें दावा किया गया था कि R&AW 2013 से बलूचिस्तान में काम कर रही है और इसी के तहत कमांडर जाधव ने ईरान के चाबहार में 2003 में अपना बिजनेस सेट किया था। कुरैशी ने कहा कि जाधव ने ये बात मानी है।
करण थापर के लेख का दिया हवाला
थापर की 21 अप्रैल, 2017 को 'इंडियन एक्सप्रेस' में छपी एक रिपोर्ट को भी पाकिस्तान ने सबूत के तौर पर पेश किया। इस रिपोर्ट में थापर ने दावा किया था कि विदेश मंत्रालय यह जानना चाहता था कि क्यों जाधव के पास मुस्लिम पहचान और अपनी पहचान के 2 अलग पासपार्ट थे। बता दें कि इतने गंभीर मुद्दे पर थापर की इस रिपोर्ट के लिए देशभर में उनकी आलोचना हुई थी और उन्हें देशद्रोही तक बोला गया था।
'द क्विंट' का लेख भी हुआ सबूत के तौर पर पेश
कुरैशी ने वेबसाइट 'द क्विंट' में 5 जनवरी, 2018 को चंदन नंदी द्वारा लिखे एक लेख का भी हवाला दिया जिसमें दावा किया गया था कि जाधव R&AW के लिए काम करता है और पूर्व R&AW प्रमुख समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने मुंबई में जाधव की मां से संपर्क कर उनसे अपने बेटे के केस के बारे में किसी से भी जिक्र करने से मना किया था। पाकिस्तान ने जाधव के पास 2 पासपोर्ट होने पर भी सवाल खड़े किए।