NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / देश की खबरें / मोदी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा पर सचमुच सख्त या महज एक तिलिस्म?
    अगली खबर
    मोदी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा पर सचमुच सख्त या महज एक तिलिस्म?

    मोदी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा पर सचमुच सख्त या महज एक तिलिस्म?

    लेखन मुकुल तोमर
    Mar 27, 2019
    04:58 pm

    क्या है खबर?

    मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार के बारे में जो एक बात सबसे अधिक दावे के साथ कही जाती है, वो ये कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर पिछली सरकारों के मुकाबले सख्त है।

    एक आम राय है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में मोदी सरकार ने बेहतर परिणाम दिए हैं।

    लेकिन क्या सचमुच ऐसा है या फिर यह एक और ऐसा विचार है जो सरकार और भाजपा के 'प्रोपगैंडा' के बलबूते मजबूत हुआ है।

    आइए इसकी पड़ताल करते हैं।

    मोदी राज

    मोदी राज में सुरक्षा बलों पर हुए 3 बड़े आतंकी हमले

    हम प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में हुए 3 सबसे बड़े आतंकी हमलों की बात करेंगे।

    पठानकोट, उरी और पुलवामा में सुरक्षा बलों पर हुए ये तीनों हमले बेहद गंभीर सवाल खड़े करते हैं। विशेषकर इसलिए, क्योंकि इन तीनों हमलों के बारे में पहले से खुफिया जानकारी थी।

    यह सही है कि खुफिया जानकारियों के बावजूद सारे हमलों को रोक पाना मुश्किल होता है, लेकिन एक के बाद एक तीन सुरक्षा ठिकानों पर हमले होना इस मोर्चे पर नाकामी दिखाता है।

    पठानकोट हमला

    खुफिया जानकारी के बावजूद हुआ पठानकोट एयरबेस पर हमला

    मोदी सरकार के कार्यकाल में आतंकियों ने सबसे पहले 2 जनवरी, 2016 को पंजाब के पठानकोट एयरबेस को निशाना बनाया।

    सुबह 3 बजे के करीब जैश-ए-मोहम्मद के 4 हमलावरों ने एयरबेस पर हमला किया। हमले में 7 सैन्यकर्मी शहीद हुए।

    आतंकी ऐसा कोई हमला कर सकते हैं, इसकी पहले ही खुफिया जानकारी थी।

    आतंकियों ने एयरबेस पहुंचने के लिए गुरदासपुर SP सलविंदर सिंह की गाड़ी का इस्तेमाल किया था, जिन्होंने जानकारी दी कि हमलावर सेना की वर्दी में हैं।

    अव्यवस्था

    एयरबेस में छिपे 2 आतंकी, फिर भी गृह मंत्री ने की ऑपरेशन समाप्त होने की घोषणा

    इस सबके बावजूद आतंकी बेहद सुरक्षित और अलर्ट पठानकोट एयरबेस को निशाना बनाने में कामयाब रहे।

    सरकार कितनी चौंकन्नी थी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2 जनवरी की शाम को ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन को सफल करार दे दिया, जबकि 2 आतंकी अभी भी एयरबेस में छुपे हुए थे, जिन्हें बाद में मार गिराया गया।

    हमले की खुफिया जानकारी और पुख्ता सुरक्षा इंतजाम होने के बावजूद यह मुठभेड़ 17 घंटे चली।

    उरी आतंकी हमला

    पठानकोट से सबक नहीं लिया तो हुआ उरी में हमला

    मोदी राज में दूसरा बड़ा हमला 18 सितंबर, 2016 को सेना के उरी कैंप पर हुआ। हमले को फिर से जैश ने अंजाम दिया।

    आतंकियों ने सोते हुए और निहत्थे सैनिकों पर हमला किया और इसमें 17 जवान शहीद हुए।

    पठानकोट हमले की तरह इस हमले की भी पहले से खुफिया जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद आतंकी अपने मंसूबों को अंजाम देने में कामयाब रहे।

    हमले से साबित हुआ कि सरकार ने पठानकोट हमले से कोई सबक नहीं लिया था।

    पुलवामा आतंकी हमला

    सुरक्षा के स्तर पर बहुत बड़ी चूक का परिणाम था पुलवामा हमला

    सुरक्षा बलों पर तीसरा और सबसे बड़ा हमला 14 फरवरी को पुलवामा में हुआ।

    यह कश्मीर के इतिहास में सुरक्षा बलों पर हुआ सबसे बड़ा हमला था।

    इस बड़े हमले की जैश काफी समय से तैयारी कर रहा था, जिसकी खुफिया जानकारी लगातार दी जा रही थी।

    इसके बावजूद सुरक्षा में बड़ी चूक हुई और फियादीन आदिल अहमद डार विस्फोटकों से भरी गाड़ी से CRPF के काफिले को निशाना बनाने में सफल रहा।

    हमले में 40 जवान शहीद हुए।

    व्यक्तिगत

    सरकार का सख्त जवाब लेकिन फायदा क्या?

    उरी और पुलवामा हमले के बाद सर्जिकल और एयर स्ट्राइक कर सरकार ने पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया। लेकिन ज्यादा अहम ये है कि खुफिया जानकारी के बावजूद ये हमले क्यों हुए। हमले होते रहें और हम जवाब देते रहे, यह सही रणनीति नहीं लगती।

    NSA पर सवाल

    क्या असफल साबित नहीं हुए NSA अजीत डोभाल?

    सुरक्षा और खुफियां एजेंसियों के बीच सामंजस्य बनाने का काम राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का होता है।

    मौजूदा NSA अजीत डोभाल के कार्यकाल में एक के बाद एक सुरक्षा बलों पर 3 बड़े आतंकी हमले हुए, लेकिन सरकार ने कभी इसे उनकी असफलता नहीं माना।

    शायद ही कहीं ऐसा होता हो कि किसी NSA की देखरेख में सुरक्षाबलों पर इतने बड़े हमले हो जाए और इसके लिए उनकी जवाबदेही तय करने की बजाय उन्हें 'जेम्स बांड' की तरह पेश किया जाए।

    जानकारी

    किस आधार पर अपने कार्यकाल में कोई आतंकी हमला नहीं होने का दावा करती रही सरकार?

    मोदी सरकार न केवल इन सुरक्षा और खुफिया असफलताओं के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने में नाकाम रही, बल्कि हाल ही तक उसने यह प्रचार किया कि उसके कार्यकाल में कोई आतंकी हमला नहीं हुआ। ये दावा सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है।

    सवाल

    क्या सरकार कह सकती है चौथा हमला नहीं होगा?

    सुरक्षाबलों पर एक के बाद एक 3 बड़े आतंकी हमले और इन्हें रोक पाने में नाकामी मोदी सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर मजबूत होने के 'तिलिस्म' को तोड़ती है।

    आज यह 'मजबूत सरकार' इस बात का कोई पुख्ता जवाब नहीं दे सकती कि जब दो के बाद तीसरा हमला हो सकता है, तो यह क्यों न माना जाए कि तीसरे के बाद चौथा हमला भी हो सकता है और सरकार उसे रोकने में नाकामयाब रहेगी।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    नरेंद्र मोदी
    पुलवामा
    पठानकोट
    राजनाथ सिंह

    ताज़ा खबरें

    उत्तराखंड: पिथौरागढ़ में कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर भारी भूस्खलन, सैंकड़ों यात्री फंसे कैलाश मानसरोवर यात्रा
    PDF फाइल को एडिट करने योग्य टेक्स्ट में कैसे बदलें? इन बातों का रखें ध्यान  काम की बात
    वित्तीय सुरक्षा के लिए कभी न करें बचत से जुड़ी ये गलतियां, हो सकता है नुकसान  UPI
    ममता बनर्जी की नाराजगी रंग लाई, केंद्र सरकार के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में अभिषेक बनर्जी शामिल ममता बनर्जी

    नरेंद्र मोदी

    भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं संभावना सेठ भारतीय जनता पार्टी
    2019 लोकसभा चुनाव: मोदी की राह पर राहुल गांधी, लड़ सकते हैं 2 जगह से चुनाव तेलंगाना
    लोकसभा चुनावों में मोदी की हार की वजह बन सकते हैं ये पांच कारण भारतीय जनता पार्टी
    केजरीवाल की मौजूदगी में बोले AAP विधायक, कांग्रेस के प्रधानमंत्री को भी दे देंगे समर्थन दिल्ली

    पुलवामा

    पुलवामा हमलाः जांच एजेंसियों के हाथ लगा सुराग, हमले में इस्तेमाल की गई 2010-11 मॉडल कार CRPF
    जानिए विश्व कप में पाकिस्तान से मैच खेलने पर क्रिकेट खिलाड़ियों ने क्या कुछ कहा विराट कोहली
    खौफ में परवेज मुशर्रफ, कहा- पाकिस्तान ने परमाणु बम गिराया तो भारत हमें खत्म कर देगा भारत की खबरें
    NIA पुलवामा हमले की गुत्थी सुलझाने के करीब, पाकिस्तान का हाथ होने के मिले स्पष्ट सबूत पाकिस्तान समाचार

    पठानकोट

    राजनाथ सिंह का दावा, मोदी सरकार के कार्यकाल में हुईं 2 नहीं 3 सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान समाचार

    राजनाथ सिंह

    जानिये क्या है लोकसभा में पारित हुआ 'नागरिकता संशोधन बिल', जिसका पूर्वोत्तर में हो रहा विरोध लोकसभा
    BSF के खाने का वीडियो डालने वाले पूर्व सैनिक के बेटे की संदिग्ध हालात में मौत तेज बहादुर यादव
    अंतरिम बजट पेश, जानिये क्या रही सरकार और विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रिया योगी आदित्यनाथ
    पुलवामा आतंकी हमलाः केंद्रीय सुरक्षा समिति की बैठक खत्म, पाकिस्तान से वापस लिया MFN का दर्जा कश्मीर
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025