#NewsBytesExplainer: पन्नू की हत्या की साजिश और भारतीय शख्स की गिरफ्तारी पर अमेरिका ने क्या-क्या बताया?
क्या है खबर?
अमेरिका ने खालिस्तान समर्थित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश रचने के आरोप में एक भारतीय नागरिक के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की है। इस शख्स का नाम निखिल गुप्ता बताया जा रहा है।
इससे पहले दावा किया गया था कि अमेरिका ने पन्नू की हत्या की साजिश को नाकाम किया है और भारत को चेतावनी भी दी है।
आइए समझते हैं कि पूरा मामला क्या है।
शुरुआत
सबसे पहले जानिए कैसे हुई मामले की शुरुआत?
22 नवंबर को फाइनेंशियल टाइम्स ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से कहा था कि अमेरिका ने खालिस्तान समर्थित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की साजिश को नाकाम किया था।
अमेरिकी सरकार ने भारत के इस साजिश में शामिल होने का आरोप लगाते हुए भारत को 'चेतावनी' जारी की थी। हालांकि, ये सामने नहीं आया कि ये साजिश अमेरिका की चेतावनी के बाद स्थगित की गई या संघीय जांच ब्यूरो (FBI) ने इसमें हस्तक्षेप किया।
अमेरिका
कानूनी कार्यवाही शुरू करने को लेकर अमेरिका ने क्या कहा?
अमेरिकी वकील डेमियन विलियम्स ने कहा, "प्रतिवादी (निखिल) ने भारत से न्यूयॉर्क शहर में भारतीय मूल के एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश रची, जिसने सार्वजनिक रूप से सिखों के लिए एक संप्रभु राज्य की स्थापना की वकालत की है।"
हालांकि, इस बयान में कहीं भी पन्नू का नाम नहीं है, लेकिन अधिकारियों ने कथित लक्ष्य की पहचान पन्नू के तौर पर ही की है। अमेरिका के मुताबिक, इस कथित साजिश में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी भी शामिल है।
निखिल
कौन है निखिल गुप्ता?
अमेरिकी न्याय विभाग के मुताबिक, 52 वर्षीय निखिल एक भारतीय नागरिक है। इसी साल 30 जून को निखिल भारत से चेक गणराज्य गया था, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
ये गिरफ्तारी अमेरिका के कहने पर हुई थी। दरअसल, अमेरिका और चेक गणराज्य के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि है। इसी के तहत अमेरिका के अनुरोध पर निखिल की गिरफ्तारी हुई।
न्याय विभाग ने कहा कि निखिल नशीले पदार्थों और हथियारों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तस्करी में भी शामिल रहा है।
अधिकारी
कथित साजिश में शामिल भारतीय सरकारी अधिकारी कौन है?
अमेरिका ने कथित साजिश में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के भी शामिल होने की बात कही है। हालांकि, इसका नाम दस्तावेज में नहीं है और इसे CC-1 नाम से संबोधित किया गया है।
कहा गया है कि CC-1 भारत और अन्य जगहों पर निखिल और दूसरे लोगों के साथ मिलकर हत्या की साजिश रच रहा था। अमेरिका ने CC-1 को सुरक्षा और खुफिया विभाग की पृष्ठभूमि वाला अधिकारी बताया है।
साजिश
साजिश में कैसे शामिल था निखिल?
अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, CC-1 ने निखिल को हत्या के लिए एक किलर तलाशने को कहा। इस काम के बदले एक लाख डॉलर दिए जाने थे।
इस दौरान निखिल की मुलाकात अपराधियों के बीच उठने-बैठने वाले शख्स से हुई। हालांकि, ये शख्स एक गुप्त अमेरिकी एजेंट था। इस शख्स ने निखिल को एक सुपारी किलर से मिलवाया, जो खुद अंडरकवर अफसर था। यानी सुपारी किलर और निखिल को उससे मिलवाने वाला शख्स दोनों ही अमेरिकी एजेंट थे।
निज्जर
सुपारी किलर से किया गया निज्जर की हत्या का जिक्र
खुलासे के मुताबिक, CC-1 ने निखिल को लक्ष्य के घर का पता, फोन नंबर और दूसरी जरूरी जानकारी दी। इस दौरान सुपारी किलर को 15,000 डॉलर की राशि देने की व्यवस्था भी की गई।
इसके बाद CC-1 ने निखिल को एक मैसेज भेजा, जिसमें पन्नू से संबंधित खबर थी और कहा कि अब ये हमारी प्राथमिकता है।
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद निखिल ने सुपारी किलर को बताया था कि निज्जर भी उनका लक्ष्य था।
भारत
पूरे मामले पर भारत का क्या कहना है?
भारत ने मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने आज ही कहा है कि ये मामला गंभीर और भारतीय नीतियों के विपरीत है।
इससे पहले बागची ने कहा था, "अमेरिकी पक्ष ने संगठित अपराधियों, आतंकवादियों और अन्य लोगों के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ इनपुट साझा किए थे। हम इन आरोपों को गंभीरता से ले रहे हैं और ये दोनों देशों के लिए चिंता का कारण हैं।"