यूक्रेन से निकाले गए 219 भारतीयों को रोमानिया से लेकर मुंबई पहुंचा एयर इंडिया का विमान
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के कारण यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वापसी के लिए सरकार के प्रयासों को शनिवार को आखिरकार सफलता मिल गई। यूक्रेन में भारतीय दूतावास की मदद से सड़क मार्ग के जरिए रोमानिया पहुंचाए गए 219 भारतीयों को लेकर एयर इंडिया का विशेष विमान देर शाम मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंच गया। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने नागरिकों की अगवानी करते हुए उनका हालचाल जाना।
दोपहर 2 बजे बुखारेस्ट से मुंबई के लिए रवाना हुई थी उड़ान
यूक्रेन में फंसे भारतीयों को रोमानिया से लेने के लिए एयर इंडिया की पहली उड़ान AI1944 शुक्रवार रात 2 बजे बुखारेस्ट के लिए रवाना हुई थी। इसके बाद यह उड़ान सुबह करीब 10:40 बजे वहां पहुंच गई थी। वहां से 219 भारतीया छात्राओं को इसमें सवार कर दोपहर करीब 2 बजे इसे मुंबई के लिए रवाना किया गया था। ऐसे में शाम 07:50 बजे उड़ान मुंबई पहुंच गई। यहां पहुंचने पर उड़ान में सवार छात्राओं ने राहत की सांस ली।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने किया छात्राओं का स्वागत
एयर इंडिया की उड़ान के मुंबई पहुंचने के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने विमान में चढ़कर छात्राओं की आगवानी की और उनका हालचाल जाना। इस दौरान उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरुआत से ही इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाई। विदेश मंत्रालय और दूतावासों के जरिये सैकड़ों भारतीय छात्र सुरक्षित आ चुके हैं, जिनमें ज्यादातर लड़कियां हैं। जल्द ही अन्य नागरिकों को वापस लाया जाएगा। सभी नागरिकों की वापसी तक मिशन चलता रहेगा।"
यहां देखें भारत पहुंची छात्राओं का वीडियो
छात्राओं ने 'भारत माता' के जयकारे लगाकर जताई खुशी
एयर इंडिया की उड़ान के मुंबई पहुंचते ही उसमें सवार सभी 219 छात्राओं ने 'भारत माता' के जयकारे लगाते हुए खुशी का इजहार किया। इस दौरान उन्होंने सुरक्षित वापसी के प्रयास करने के लिए सरकार का भी आभार जताया।
भारत लौटी छात्राओं को मुफ्त सुविधाएं देगी BMC
इधर, मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने भी छात्रओं की सुरक्षित वापसी पर खुशी जताते हुए उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा, "हमारे बच्चे सुरक्षित स्वदेश पहुंच गए हैं। BMC ने उनकी आवश्यक सुविधा के इंतजाम किए हैं। उनके अस्थायी तौर पर रहने, खाने-पीने, कोरोना टेस्टिंग सहित सभी तरह के इंतजाम किए गए हैं और उनका पूरा खर्च BMC वहन करेगी। संकट की घड़ी में यह हमारा फर्ज है।"
रूस के हमले के बाद यूक्रेन ने बंद कर दिया था एयरस्पेस
बता दें कि गुरुवार को रूस के हमला करने के बाद यूक्रेन ने उड़ानों पर हमले की आशंका को देखते हुए अपने एयरस्पेस को बंद कर दिया था। ऐसे में यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को लेने गई एयर इंडिया की उड़ान को ईरान के पास वापस लौटना पड़ा था। उसके बाद सरकार ने भारतीयों को यूक्रेन से सड़क मार्ग जरिए रोमानिया, हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया पहुंचाने और वहां से विमानों के जरिए भारत लाने की योजना तैयार की थी।
विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन की सीमा पर भेजी थी भारतीय दूतावास की टीमें
योजना के तहत भारतीय विदेश मंत्रालय ने हंगरी और रोमानिया स्थित भारतीय दूतावास से टीमों को यूक्रेन की सीमा पर भेजा था। इस टीमों ने यूक्रेन दूतावास से संपर्क स्थापित करते हुए बच्चों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की थी। इसके तहत शुक्रवार सुबह तक यूक्रेन से 419 भारतीयों को सड़क मार्ग के जरिए रोमानिया के बूखारेस्ट पहुंचाया था। भारतीय दूतावास ने ही नागरिकों को वहां रहने और खाने-पीने की व्यवस्था की थी।
दिल्ली से बुखारेस्ट और बूडापोस्ट के लिए रवाना हुई अन्य उड़ानें
बता दें कि निकासी अभियान के तहत शनिवार को एयर इंडिया की एक उड़ान दिल्ली से बुखारेस्ट और दूसरी उड़ान हंगरी की राजधानी बूडापोस्ट के लिए रवाना हो चुकी है। इन उड़ानों के छात्रों को लेकर दिल्ली पहुंचने की संभावना है। इसी तरह सरकार पोलैंड पहुंचे भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए भी विशेष उड़ान भेजने की योजना बनाई है। मुंबई पहुंची पहली उड़ान में केवल छात्राओं को लाया गया है। अन्य को दूसरी उड़ान से लाया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने की यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की से फोन पर बात की है। इसमें उन्होंने भारतीय छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया और उन्हें रोमानिया, हंगरी या अन्य सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने में मदद करने की मांग की।
भारतीय दूतावास ने नागरिकों के लिए जारी की एडवाइजरी
इधर, यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने सभी नागरिकों के लिए नई एडवाइजरी जारी करते हुए उन्हें खुद अकेले सीमावर्ती इलाकों की ओर न जाने को कहा है। एडवाइजरी में कहा गया है, 'कई सारे सीमावर्ती चेकपोस्ट पर हालात संवेदनशील बने हुए हैं। ऐसे में कोई भी नागरिक बिना समन्वय के अकेले नहीं जाएं। भारत जाने के लिए उन्हें लगातार दूसावास अधिकारियों के संपर्क में रहना होगा।' बता दें कि यूक्रेन में अभी भी हजारों भारतीय फंसे हुए हैं।