यूक्रेन ने बंद किया एयरस्पेस, भारतीयों को निकालने के लिए वैकल्पिक मार्ग तलाश रही सरकार
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश के बाद रूसी सेना ने गुरुवार सुबह यूक्रेन पर हमला बोल दिया है। इसके बाद यूक्रेन ने अपना एयरस्पेस (हवाई क्षेत्र) बंद कर दिया है। इसके कारण यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लेने के लिए रवाना हुई एयर इंडिया की उड़ान को बीच रास्ते से ही वापस लौटना पड़ा। वर्तमान में भी यूक्रेन में हजारों भारतीय फंसे हुए हैं। ऐसे में सरकार उन्हें निकालने के लिए वैकल्पिक मार्गों की तलाश कर रही है।
रूस के हमले में हुई सात लोगों की मौत
बता दें कि राष्ट्रपति पुतिन ने सुबह यूक्रेन का विसैन्यीकरण और नागरिकों की सुरक्षा करने के लिए यूक्रेन में सैन्य अभियान चलाने का ऐलान किया था। इसके बाद रूसी सेना के विमान बेलारूस और क्रीमिया के रास्ते यूक्रेन की सीमा में घुसे गए और कई शहरों में मिसाइल से हमला कर दिया। यूक्रेन ने भी जवाबी हमले शुरू कर दिए हैं। इस हमले में अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है और नौ लोग घायल हो गए हैं।
यूक्रेन ने किया एयरस्पेस बंद करने का ऐलान
रूसी सेना के हमला करने के बाद यूक्रेन सरकार ने वहां जाने वाली उड़ानों को भी निशाना बनाए जाने की आशंका को देखते हुए सभी वाणिज्यिक उड़ानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया। यूक्रेन ने कहा कि उसने अपने पूर्वी क्षेत्रों में रूसी सैन्य अभियानों के बीच विमानों को निशाना बनाए जाने की आशंका के बीच अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है और जोखिम क्षेत्रों में उड़ान वाले पायलेटों को नोटिस टू एयरमैन (NOTAM) भी जारी किया है।
न्यूजबाइट्स प्लस (फैक्ट)
बता दें यूक्रेन ने एयरस्पेस बंद करने का फैसला साल 2014 में पूर्वी यूक्रेन में हुए एक हादसे को लेकर किया है। उस दौरान मलेशिया एयरलाइंस की उड़ान MH17 को शूटडाउन कर दिया गया था। ऐसे में यूक्रेन ने इस बार यह कदम उठाया है।
एयरस्पेस बंद करने के बाद वापस लौटी एयर इंडिया की उड़ान
बता दें कि एयर इंडिया ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लाने के लिए 22, 24 और 26 फरवरी को तीन विशेष उड़ान संचालित करने का ऐलान किया था। इसके तहत 22 फरवरी को पहली उड़ान यूक्रेन से 240 भारतीय यात्रियों को लेकर आ गई थी, लेकिन गुरुवार सुबह करीब 07:30 यूक्रेन रवाना हुई दूसरी उड़ान को वहां के एयरस्पेस के बंद होने की सूचना के बाद इरान की सीमा के पास से वापस लौटना पड़ा है।
यूक्रेन में फंसे हैं करीब 20,000 भारतीय
यूक्रेन में रह रहे भारतीयों की संख्या की पुख्ता जानकारी तो नहीं है, लेकिन 2020 के एक आधिकारिक दस्तावेज के मुताबिक, यूक्रेन में करीब 20,000 भारतीय रह रहे हैं। इनमें से करीब 18,000 छात्र हैं, जो विभिन्न पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर रहे हैं।
भारतीयों को लाने के लिए वैकल्पिक मार्ग तलाश रही सरकार
यूक्रेन के एयरस्पेस को बंद करने के बाद अब भारत सरकार वहां फंसे भारतीयों को निकालने के लिए वैकल्पिक मार्गों की तलाश कर रही है। इसके लिए विदेश मंत्रालय और यूक्रेन में भारतीय दूतावास के अधिकारी लगातार बैठकें कर रहे हैं। इसके अलावा रूसी भाषा के जानकार अधिकारियों को यूक्रेन में स्थिति भारतीय दूतावास में तैनात किया गया है। इसके अलावा रूसी अधिकारियों से भी वार्ता कर वैकल्पिक मार्ग मांगा जा रहा है।
भारतीय दूतावास ने फिर से जारी की एडवाइजरी
यूक्रेन की राजधानी कीव में स्थित भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों के लिए फिर से नई एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है, 'यूक्रेन में बहुत अनिश्चितता की स्थिति है। आप शांति बनाए रखे और अपने घरों, हॉस्टलों और रास्तों में जहां हैं, वहां सुरक्षित रहें।' एडवाइजरी में आगे कहा गया है, 'राजधानी कीव की तरफ यात्रा कर रहे भारतीय नागरिकों को अस्थाई तौर पर अपने शहरों में सुरक्षित स्थानों पर लौट जाना चाहिए।'
भारतीय दूतावास ने फिर से जारी किए हेल्पलाइन नंबर
भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबरों को फिर से जारी किया है। दूतावास ने कहा कहा कि भारतीय नागरिक किसी भी स्थिति में 24x7 के आधार पर टोल फ्री नंबर 1800118797 पर मदद मांग सकते हैं। इसके अलावा इन फोन नंबरों पर भी संपर्क कर सकते हैं- +91 11 23012113, +91 11 23014104, +91 11 23017905 इसी तरह +91 11 23088124 पर फैक्स और situationroom@mea.gov.in पर ईमेल कर सकते हैं। आपातकालीन 24x7 हेल्पलाइन- +380 9997300428, +380 997300483 ईमेल- cons1.kyiv@mea.gov.in वेबसाइट- eoiukraine.gov.in
यूक्रेन को लेकर क्यों बना हुआ है विवाद?
यूक्रेन को लेकर तनाव के काई छोटे-छोटे कारण हैं, लेकिन इसकी मुख्य वजह यूक्रेन की पश्चिमी यूरोप और नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) से बढ़ती नजदीकियां हैं। दरअसल, यूक्रेन पश्चिमी यूरोप के करीब जा रहा है और NATO में शामिल होना चाहता है, जो शीत युद्ध के समय रूस के खिलाफ बना एक सैन्य गठबंधन है। रूस की चिंता है कि अगर यूक्रेन NATO में शामिल होता है तो NATO के सैन्य ठिकाने बिल्कुल उसकी सीमा के पास आ जाएंगे।