कोरोना संकट: नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लगी रोक को 28 फरवरी तक बढ़ाया गया

कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए सरकार ने निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर लगी रोक को 31 जनवरी से बढ़ाकर 28 फरवरी तक कर दिया है। नागरिक उड्डयन निदेशालय (DGCA) की तरफ से जारी निर्देशों में कहा गया है कि यह रोक कार्गो और विशेष अनुमति वाली उड़ानों पर लागू नहीं होगी। इसके अलावा 'एयर बबल' समझौते के तहत संचालित हो रहीं उड़ानें भी पहले की तरह जारी रहेंगी। आइये पूरी खबर जानते हैं।
महामारी के खतरे को देखते हुए सरकार ने पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का निलंबन 31 जनवरी तक बढ़ा दिया था। कोरोना वायरस के बेहद संक्रामक ओमिक्रॉन वेरिएंट के मद्देनजर यह फैसला लिया गया था।
नवंबर के अंत और दिसंबर की शुरुआत तक देश में कोरोना के कारण बने हालात काफी हद तक सुधर चुके थे। ऐसे में सरकार ने 26 नवंबर को ऐलान किया था कि 15 दिसंबर से नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू कर दी जाएंगी। सरकार ने गहन विचार-विमर्श के बाद कुछ देशों के लिए उड़ानें शुरू करने का फैसला किया था, लेकिन इसी बीच ओमिक्रॉन का प्रसार शुरू हो गया। इसके बाद इस फैसले को टाल दिया गया था।
भारत में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार ने 23 मार्च, 2020 को अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानें बंद कर दी थीं। कुछ समय बाद कोविड प्रोटोकॉल के साथ घरेलू उड़ानें शुरू कर दी गईं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की पूर्ण बहाली नहीं हो पाई है। हालांकि, वंदे भारत मिशन के तहत चुनिंदा देशों के साथ द्विपक्षीय 'एयर बबल' व्यवस्था के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित हो रही हैं।
बता दें कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के खतरे को देखते हुए जोखिम श्रेणी वाले देशों से आने वाले यात्रियों का हवाई अड्डों पर RT-PCR टेस्ट किया जा रहा है। जांच रिपोर्ट आने तक उन्हें बाहर जाने की अनुमति नहीं है और संक्रमित पाए जाने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है। अगर रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो उन्हें सात होम क्वारंटाइन किया जाता है और आठवें से 14वें दिन तक इन्हें अपने स्वास्थ्य पर नजर रखनी होती है।
भारत में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 2,82,970 नए मामले सामने आए और 441 मरीजों की मौत दर्ज हुई। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 3,79,01,241 हो गई है। इनमें से 4,87,202 लोगों की मौत हुई है। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 18,31,000 हो गई है। ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण मामलों में यह उछाल देखने को मिल रहा है। देश में आधिकारिक तौर पर ओमिक्रॉन के 8,961 मामले सामने आ चुके हैं।