रेलवे में 'अग्निवीरों' को मिलेगा कुल 15 प्रतिशत तक आरक्षण, आयु सीमा में भी छूट
भारतीय रेलवे ने सेना की अग्निपथ योजना के तहत सेवानिवृत्त हुए 'अग्निवीरों' के लिए बड़ा ऐलान किया है। रेलवे पूर्व अग्निवीरों को अपने विभिन्न विभागों की गैर-राजपत्रित पदों पर भर्ती में कुल मिलाकर 15 प्रतिशत तक आरक्षण प्रदान करेगा। अग्निवीरों को आयु सीमा और शारीरिक दक्षता परीक्षा में भी छूट दी जाएगी। रेलवे ने इस संबंध में 10 मई को रेलवे के सभी जोन के महाप्रबंधक और रेलवे भर्ती बोर्ड को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
किन पदों पर मिलेगा आरक्षण का लाभ?
रेलवे में अग्निवीरों को लेवल-1 और लेवल-2 में क्रमश: 10 और 5 प्रतिशत का आरक्षण मिलेगा। लेवल-1 में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जैसे गैंगमैन, ट्रैकमैन और पॉइंट्समैन जैसे पदों पर 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा, जबकि लेवल-2 में टाइपिस्ट, जूनियर क्लर्क, अकाउंटेंट जैसे पदों पर 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। लेवल-1 में रिक्त पदों को रेलवे भर्ती सेल के जरिए भरा जाएगा, जबकि लेवल-2 के लिए रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) भर्ती प्रक्रिया आयोजित करेगा।
आयु सीमा और शारीरिक दक्षता परीक्षा में भी छूट
अग्निवीरों के पहली बैच को आयु सीमा में 5 साल की छूट दी जाएगी, जबकि दूसरी बैच को 3 साल की छूट मिलेगी। इस कोटे में अगर पर्याप्त आवेदन प्राप्त नहीं होते हैं तो दूसरे आरक्षित वर्ग के आवेदकों को मौका दिया जाएगा। अग्निवीरों को लिखित परीक्षा पास करनी होगी, लेकिन उन्हें शारीरिक दक्षता परीक्षा से छूट दी जाएगी। बता दें कि इससे पहले कई मंत्रालय और राज्य सरकारें अग्निवीरों के लिए छूट का ऐलान कर चुकी है।
पूर्व अग्निवीरों को CRPF, BSF में भी मिला आरक्षण
पूर्व अग्निवीरों को केंद्र सरकार, कई राज्य सरकारें और मंत्रालय भर्तियों में आरक्षण और आयु सीमा में छूट देने का ऐलान कर चुके हैं। केंद्र सरकार ने इसी साल मार्च में सीमा सुरक्षा बल (BSF) की भर्तियों में अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण और आयु सीमा में छूट देने का ऐलान किया था। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और असम राइफल्स में भर्ती के लिए भी अग्निवीरों को आरक्षण और बाकी छूट दी जा चुकी है।
क्या है अग्निपथ योजना?
भारतीय सेना की तीनों शाखाओं में भर्ती के अग्निपथ योजना लॉन्च की गई थी। इसके तहत युवाओं को 4 साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा और उन्हें अग्निवीर कहा जाएगा। 4 साल पूरे होने के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थायी कैडर में भर्ती किया जाएगा। बचे 75 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा। बता दें कि योजना की घोषणा के बाद युवाओं ने इसका खासा विरोध किया था।