अग्निपथ योजना पायलट प्रोजेक्ट, जरूरत पड़ी तो 4-5 साल बाद होंगे बदलाव- उप सेना प्रमुख
अग्निपथ योजना के विरोध के बीच सरकार और सेना की तरफ से लगातार इसे लेकर सफाई दी जा रही है और फायदे गिनाए जा रहे हैं। उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने सोमवार को कहा कि अग्निपथ योजना को बहुत सोच-समझकर लाया गया है और अगर जरूरत पड़ती है तो 4-5 साल बाद इसमें बदलाव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी इस योजना को 'पायलट प्रोजेक्ट' के तौर पर लाया गया है।
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, वायुसेना और नौसेना, के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। उन्हें चार साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा। इसके बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा। इस योजना के खिलाफ देशभर में युवा सड़कों पर हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
उप सेना प्रमुख ने योजना को बताया बड़ा बदलाव
इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने अग्निपथ योजना को सेना की भर्ती में एक 'मूलभूत बदलाव' बताते हुए कहा कि सभी को इस बदलाव को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर भर्ती के तरीके, जवानों को रखने और उन्हें सेवा विस्तार समेत जितने भी बदलाव की जरूरत होगी, वो 4-5 साल बाद किए जाएंगे, जब इससे जुड़े पर्याप्त आंकड़े मौजूद होंगे। अभी के लिए एक बेहद सोची-समझी नीति को लागू किया जा रहा है।
यह योजना एक पायलट प्रोजेक्ट है- राजू
इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि सेना ने एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस योजना को लागू कर आंकड़े क्यों हासिल नहीं किए? इसके जवाब में उप सेना प्रमुख ने कहा, "अभी हम जो कर रहे हैं, वो असल में एक पायलट प्रोजेक्ट है। हम भले ही इसे पायलट प्रोजेक्ट नहीं कह रहे हैं, लेकिन इस पर काम चल रहा है। हम एक पायलट प्रोजेक्ट ही कर रहे हैं, जिसकी समयसीमा बहुत स्पष्ट है।"
योजना में हड़बड़ी के आरोपों पर क्या बोले राजू?
अग्निपथ योजना की घोषणा होने के बाद इसमें कई बदलाव किए गए हैं। इसे लेकर कई लोग आरोप लगा रहे हैं कि सरकार ने इस योजना पर विचार नहीं किया और इसे हड़बड़ी में लागू किया गया है। इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उप सेना प्रमुख ने कहा कि वो इन आरोपों से सहमत नहीं है। योजना में केवल उम्र सीमा को 21 साल से बढ़ाकर 23 साल करने वाला एक बदलाव किया गया है।
बड़े स्तर पर हो रहा अग्निपथ योजना का विरोध
पिछले सप्ताह लॉन्च होने के बाद से ही अग्निपथ योजना का देश में बड़े स्तर पर विरोध हो रहा है। सेना में भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं की एक बड़ी संख्या इस योजना के प्रावधानों से संतुष्ट नहीं है और वो इसकी वापसी की मांग कर रहे हैं। बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में कई जगहों पर ये विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए और उपद्रवियों ने ट्रेनों समेत सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया।
प्रधानमंत्री से मिलेंगे तीनों सेनाओं के प्रमुख
अग्निपथ योजना के जबरदस्त विरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में तीनों प्रमुख प्रधानमंत्री को योजना के बारे में बताएंगे। अग्निपथ योजना जारी होने के बाद ये पहली बार होगा जब सैन्य प्रमुख प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। इससे पहले वे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ समीक्षा बैठक कर चुके हैं जिसमें योजना को वापस न लेने का निर्णय लिया गया था।