सेना में बदलाव जरूरी, अग्निपथ योजना को वापस लेने का सवाल ही नहीं- अजित डोभाल
अग्निपथ योजना को लेकर मचे घमासान के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने साफ कर दिया है कि इस योजना को वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता। समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए डोभाल ने कहा कि अगर देश भविष्य के युद्धों और संघर्षों के लिए तैयार होना है तो सशस्त्र बलों में बदलाव जरूरी है। गौरतलब है कि सरकार और सेना भी पहले स्पष्ट कर चुकी है कि इस योजना को वापस नहीं लिया जाएगा।
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, वायुसेना और नौसेना, के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। उन्हें चार साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा। इसके बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा। इस योजना के खिलाफ देशभर में युवा सड़कों पर हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
क्या बोले डोभाल?
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने कहा, "युद्ध में बहुत बदलाव आ गया है। हम संपर्क रहित युद्धों और अदृश्य दुश्मनों के खिलाफ युद्धों की तरफ बढ़ रहे हैं। तकनीक बहुत तेजी ओवरटेक कर रही है। अगर हमें कल के लिए तैयार होना है तो हमें बदलना पड़ेगा।" उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुरक्षित और मजबूत भारत के विजन का हिस्सा है। देश को सुरक्षित बनाना मोदी की प्राथमिकताओं में से एक है।
प्रदर्शनों पर क्या बोले डोभाल?
अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों पर बोलते हुए डोभाल ने कहा कि इसमें दो तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं, एक तो वे हैं जिन्हें चिंता है, उन्होंने देश की सेवा भी की है।जैसे-जैसे उन्हें पूरी बात का पता चल रहा है वे समझ रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा कि दूसरा ऐसा वर्ग है, जिन्हें देश और देश की सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है। वे समाज में टकराव चाहते हैं। वे ट्रेन जलाते और पथराव करते हैं।
उपद्रवियों के खिलाफ हो रही कार्रवाई- डोभाल
उपद्रवियों के खिलाफ कार्रवाई पर बात करते हुए डोभाल ने कहा कि FIR दर्ज हो गई हैं और आरोपियों की पहचान हो चुकी है। पूरी पड़ताल के बाद ही पता चल सकेगा कि इन हिंसक प्रदर्शनों के पीछे कौन हैं। बता दें कि सरकार और सेना भी यह साफ कर चुकी है कि अग्निपथ योजना को बहुत सोच समझकर लाया गया है और इसे वापस नहीं लिया जाएगा। सेनाओं ने इसके तहत भर्ती की तैयारी भी शुरू कर दी है।
प्रधानमंत्री ने दिया था यह अहम बयान
इससे पहले कल इशारों-इशारों में अग्निपथ योजना के बारे में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कुछ फैसले शुरुआत में अनुचित लग सकते हैं, लेकिन बाद में ये राष्ट्र निर्माण में मदद करते हैं। युवाओं पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, "सुधारों का रास्ता ही हमें नए लक्ष्यों की तरफ ले जा सकता है। हमने युवाओं के लिए रक्षा और अंतरिक्ष का सेक्टर खोला है, जिनमें दशकों तक सरकार का एकाधिकार था।"
यह योजना पायलट प्रोजेक्ट- उप सेना प्रमुख
उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने सोमवार को कहा कि अग्निपथ योजना को बहुत सोच-समझकर लाया गया है और अगर जरूरत पड़ती है तो 4-5 साल बाद इसमें बदलाव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी इस योजना को 'पायलट प्रोजेक्ट' के तौर पर लाया गया है। उन्होंने अग्निपथ योजना को सेना की भर्ती में एक 'मूलभूत बदलाव' बताते हुए कहा कि सभी को इस बदलाव को स्वीकार करना चाहिए।