अग्निपथ योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर, केंद्र सरकार ने दी ये प्रतिक्रिया
भारतीय सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं। इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि भाजपा सरकार ने सेना की सदियों पुरानी भर्ती प्रक्रिया को संसद की अनुमति लिए बिना बदल दिया है जो कि संविधान के खिलाफ है। केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह उसका पक्ष जाने बिना फैसला न सुनाए।
संवैधानिक प्रावधानों के उलट है यह योजना- याचिकाकर्ता
वकील मनोहर लाल शर्मा ने अपनी याचिका में कहा है कि संवैधानिक प्रावधानों के उलट और बिना किसी राजपत्र अधिसूचना के सेना में भर्ती की सदियों पुरानी प्रक्रिया को खत्म कर दिया गया है। उन्होंने इस योजना को 'अवैध' और 'असंवैधानिक' करार दिया और सुप्रीम कोर्ट से रक्षा मंत्रालय द्वारा 14 जून को जारी किए गए अग्निपथ योजना के प्रेस नोट को रद्द करने का निर्देश देने का अनुरोध किया।
सुप्रीम कोर्ट में कुल तीन याचिकाएं दायर
अग्निपथ योजना के विरोध में कोर्ट में अब तक तीन याचिकाएं डाली गई हैं। वकील हर्ष अजय, मनोहर लाल और विशाल तिवारी ने इन याचिकाओं को दायर किया है। इन याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट से योजना को वापस लेने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। इसके अलावा इसके विरोध में हुई हिंसा में सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान और प्रदर्शनकारी लोगो की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का अनुरोध भी किया गया है।
केंद्र सरकार की उसका पक्ष सुनने की अपील
केंद्र सरकार ने भी मामले में अपना आग्रह दाखिल किया है। उसने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के खिलाफ दायर की गई किसी भी याचिका पर सुनवाई करने या फैसला लेने से पहले उसका पक्ष भी सुना जाए।
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, वायुसेना और नौसेना, के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इसमें युवाओं को सेना के नियमित कैडर में सेवा करने का मौका दिया जाएगा। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। इसके तहत युवाओं को चार साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा। इसके बाद योग्यता, इच्छा और चिकित्सा फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा।
सरकार और सेना ने किया योजना वापस लेने से इनकार
युवाओं के इस विरोध के बावजूद सरकार और सेना ने योजना को वापस लेने से इनकार कर दिया है। रविवार को रक्षा मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अब से सेना में सभी भर्ती अग्निपथ योजना के तहत ही होंगी। उन्होंने योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे युवाओं को भी चेताया और कहा कि भर्ती में सभी उम्मीदवारों को प्रदर्शन या हिंसा में हिस्सा नहीं होने का शपथ पत्र देना होगा।