जम्मू-कश्मीर में इस साल अब तक निशाना बनाकर की गई 22 लोगों की हत्याएं
इस साल जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है और बीते कई दिनों में कई लोगों की निशाना बनाकर हत्याएं की गई हैं। पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि इस साल केंद्र शासित प्रदेश में निशाना बनाकर हत्या करने के 20 मामले सामने आए हैं, जिसमें 22 लोगों की मौत हुई है। इनमें अधिकतर अल्पसंख्यकों, प्रवासियों और सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाया गया है। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
तीन स्थानीय नागरिक और चार प्रवासियों को बनाया गया निशाना
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि निशाना बनाकर किए गए इन हमलों में जान गंवाने वाले 22 लोगों में एक कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी, एक राजपूत समुदाय का व्यक्ति, चार प्रवासी और चार पंचायत स्तर के नेता शामिल हैं। इनके अलावा चार पुलिसकर्मियों, एक सेना के जवान, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के दो जवानों, रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) को जवानों और तीन स्थानीय नागरिकों की आतंकियों ने निशाना बनाकर हत्याएं की हैं।
अलग-अलग जगह हो रहे हमले
आंकड़ों से पता चलता है कि 22 लोगों की हत्याओं में से सात बडगाम और तीन श्रीनगर, पांच कुलगाम, तीन पुलवामा, दो बारामूल्ला और एक-एक अनंतनाग और शोपियां में हुई हैं। ये इलाके केंद्रीय, दक्षिण और उत्तर कश्मीर में पड़ते हैं।
14 मामलों के हमलावर गिरफ्तार या ढेर
पुलिस ने बताया कि हत्या के इन 20 मामलों मे से 14 को अंजाम देने वाले आतंकियों या उनके सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया है या उन्हें मार गिराया गया है। छह मामलों में अभी कार्रवाई होना बाकी है। जो मामले अभी अनसुलझे हैं, उनमें जम्मू की महिला शिक्षक की हत्या, राजस्थान के रहने वाले बैंक मैनेजर की हत्या और बिहार के एक मजदूर की हत्या का मामला शामिल है। पुलिस इनके हमलावरों तक पहुंचने की कोशिश में है।
तीन हत्याओं के पीछे था एक ही आतंकी
पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, इस साल हुई तीन हत्याओं के पीछे लश्कर-ए-तैयबा के एक ही आतंकी का हाथ था। सुरक्षाबलों ने उसे 21 अप्रैल को बारामूला के मालवाह गांव में मार गिराया था।
लोगों में बढ़ा खौफ
लगातार हो रही हत्याओं को लेकर स्थानीय लोगों में खौफ बढ़ गया है। पिछले महीने हुई एक कश्मीरी पंडित युवक राहुल भट की हत्या के बाद लोगों में काफी गुस्सा है। इस हत्या के विरोध में कश्मीरी पंडितों ने प्रदर्शन कर अपनी सुरक्षा की मांग की थी। उनका कहना है कि सरकार उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने में असफल रही है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन ने कश्मीरी पंडितों का घाटी से बाहर तबादला करना शुरू कर दिया है।
गृह मंत्री ने की थी उच्च स्तरीय बैठक
बीते शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। इनमें इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) के प्रमुख अरविंद कुमार और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) प्रमुख सामंत गोयल के अलावा जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग और दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया था। इस बैठक में खुफिया एजेंसियों ने गृह मंत्री को बताया कि घाटी में बढ़ रही हिंसा के पीछे पाकिस्तान जिम्मेदार है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
इस साल की शुरुआत से ही जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में वृद्धि दर्ज की जा रही है। पिछले साल 23 मई तक जम्मू-कश्मीर में 31 आतंकी घटनाएं दर्ज हुई थीं, वहीं इस साल अब तक ऐसी 62 घटनाएं हो चुकी हैं। इसे लेकर लोगों में सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं। वहीं इसी महीने से अमरनाथ यात्रा भी शुरू होने जा रही है। यात्रा से पहले इन घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों की चुनौती बढ़ा दी है।