पाकिस्तान में गिरी मिसाइल पर राज्यसभा में बोले राजनाथ सिंह, कहा- गलती से छूट गई थी
क्या है खबर?
पिछले सप्ताह निरीक्षण के दौरान एक मिसाइल के पाकिस्तान में जाकर गिरने के मामले में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को राज्यसभा में विस्तृत बयान दिया।
उन्होंने कहा कि यह घटना निरीक्षण के दौरान एक मिसाइल के अनजाने में छोड़े जाने से संबंधित है। नियमित रखरखाव और निरीक्षण के दौरान गलती से एक मिसाइल छूट गई थी जो पाकिस्तान में जाकर गिरी थी। अनजाने में हुई यह घटना पूरी तरह से खेदजनक है।
पृष्ठभूमि
क्या था मामला?
13 मार्च को पाकिस्तान ने दावा किया था कि 9 मार्च शाम को एक भारतीय मिसाइल उसके क्षेत्र में गिरी थी। इस पर कोई हथियार नहीं थे और न ही किसी तरह के जानमाल का नुकसान हुआ।
पड़ोसी देश ने कहा कि 124 किलोमीटर तक उसके क्षेत्र में घुस आई थी।
भारत ने घटना पर खेद जताते हुए कहा था कि तकनीकी खराबी के चलते मिसाइल फायर हो गई थी। इसे गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
बयान
निरीक्षण के दौरान अनजाने में छूट गई थी मिसाइल- सिंह
रक्षा मंत्री सिंह ने कहा, "आज मैं 9 मार्च, 2022 को हुई घटना के बारे में बताना चाहता हूं। यह घटना निरीक्षण के दौरान मिसाइल के अनजाने में छोड़े जाने से संबंधित है। नियमित रखरखाव और निरीक्षण के दौरान लगभग 7 बजे गलती से एक मिसाइल छूट गई थी। बाद में पता चला कि मिसाइल पाकिस्तान के क्षेत्र में गिरी थी।"
उन्होंने कहा, "इस घटना के लिए हमें खेद है, हमें राहत है कि इसमें किसी को चोट नहीं आई।"
गंभीरता
"सरकार ने घटना को गंभीरता से लिया"
रक्षा मंत्री सिंह ने कहा, "सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और औपचारिक उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इस जांच से दुर्घटना के सही कारण का पता चलेगा। मैं यह भी बताना चाहूंगा कि इस घटना के मद्देनजर संचालन, रखरखाव और निरीक्षण प्रक्रियाओं की समीक्षा की जा रही है।"
उन्होंने कहा, "हम अपनी हथियार प्रणालियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं। यदि कोई कमी मिलती है तो उसे तत्काल दूर किया जाएगा।"
बयान
हमारा मिसाइल सिस्टम अत्यंत सुरक्षित और भरोसेमंद- सिंह
सिंह ने कहा, "हमारा मिसाइल सिस्टम अत्यंत सुरक्षित और भरोसेमंद है। इसी तरह हमारी सुरक्षा प्रक्रिया और प्रोटोकॉल उच्चस्तरीय हैं और समय-समय पर इसकी समीक्षा भी का जाती है। हमारी सेना के पास ऐसे सिस्टम संभालने का अच्छा अनुभव है।
दावा
3 मिनट से अधिक समय तक पाकिस्तानी क्षेत्र में रही थी मिसाइल
पाकिस्तानी वायुसेना के प्रवक्ता तारिक जिया ने कहा कि इस 'ऑब्जेक्ट' को 40,000 फीट की ऊंचाई पर दर्ज किया गया था। यह पहले 2.5 मैक और फिर 3 मैक की गति से पाकिस्तान की तरफ आया।
उन्होंने बताया कि इसने पाकिस्तानी सीमा के भीतर 124 किलोमीटर तक सफर किया और जमीन पर गिरने से पहले यह 6 मिनट 46 सेकंड तक हवा में रहा था। इसमें से 3 मिनट 44 सेकंड तक यह पाकिस्तानी क्षेत्र में था।
सवाल
पाकिस्तान ने घटना को लेकर उठाए थे कई सवाल
मामले में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि घटना अहम हथियारों को संभालने में भारत की खामियों को दर्शाती है। भारत का केवल जांच का आदेश देना काफी नहीं है। इस मामले की संयुक्त जांच होनी चाहिए।
पाकिस्तान ने भारत से मिसाइल के प्रकार और इसके रास्ते की पूरी जानकारी मांगते हुए पूछा था कि भारत ने मिसाइल के लॉन्च की जानकारी क्यों नहीं दी और क्यों पाकिस्तान द्वारा स्पष्टीकरण मांगने पर ही इसे स्वीकार किया गया?
समझौता
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
भारत और पाकिस्तान के बीच 2005 में हुए समझौते के तहत किसी भी देश को बैलिस्टिक मिसाइलों के फ्लाइट टेस्ट से तीन दिन पहले दूसरे देश को जानकारी देनी होगी।
उसे यह भी बताना होगा कि टेस्ट की जाने वाली मिसाइल जमीन से जमीन पर मार करने वाली या जमीन या समुद्र से लॉन्च की जाने वाली मिसाइल है।
समझौते में यह भी लिखा गया है कि लॉन्च साइट अंतरराष्ट्रीय सीमा से कम से कम 40 किलोमीटर दूर होनी चाहिए।