जम्मू-कश्मीर: इस साल आतंकियों गतिविधियों में इजाफा, अब तक 63 घटनाएं
क्या है खबर?
बुधवार को बडगाम में हुई एक महिला टीवी कलाकार की हत्या ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी गतिविधियों की तरफ ध्यान आकर्षित किया है।
पिछले साल के मुकाबले इस साल केंद्र शासित प्रदेश में आतंकी घटनाओं में इजाफा देखने को मिल रहा है।
पिछले साल 23 मई तक जम्मू-कश्मीर में में 31 आतंकी घटनाएं दर्ज हुई थीं, वहीं इस साल अब तक ऐसी 62 घटनाएं हो चुकी हैं। इसे लेकर लोगों में सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं।
जम्मू-कश्मीर
इस साल मारे जा चुके हैं 80 आतंकवादी
आतंकी घटनाएं बढ़ने के अनुपात में ही आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई बढ़ी है। पिछले साल जहां जनवरी से लेकर मई तक सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ 24 अभियान चलाए थे, वहीं इस साल 52 अभियान चलाए जा चुके हैं।
इस साल सुरक्षाबलों ने 80 आतंकवादियों को ढेर कर दिया है। इनमें से तीन को बुधवार सुबह ही मार गिराया गया था। पिछले साल मई तक 54 आतंकवादी ढेर किए गए थे।
जम्मू-कश्मीर
पुलिसकर्मियों पर बढ़े हमले
इस साल आम नागरिकों के साथ-साथ पुलिसकर्मियों पर भी हमलों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। ताजा मामला बीते मंगलवार का है, जब श्रीनगर में आतंकवादियों ने गोली मारकर एक पुलिसकर्मी की हत्या और उसकी बेटी को घायल कर दिया था।
इससे पहले इसी महीने कश्मीर के दो अन्य स्थानों पर आतंकियों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर उनकी जान ली थी। इनमें से पहली घटना 7 और दूसरी 13 मई की है।
बडगाम
कश्मीरी पंडित की हुई थी हत्या
इसी महीने आतंकवादियों ने बडगाम में एक कश्मीरी पंडित राहुल भट की गोली मारकर हत्या की थी।
वो राज्य के राजस्व विभाग में काम करते थे और आतंकियों ने उनके ऑफिस में घुसकर उन्हें मारा था। उनकी मौत के बाद कश्मीर पंडितों ने विरोध प्रदर्शन किया था।
वहीं बारामूला में आतंकियों ने शराब की दुकान के अंदर बम फेंक दिया था, जिससे वहां मौजूद चार कर्मचारी घायल हुए थे, जिनमें से एक की मौत हो गई थी।
चुनौती
अमरनाथ यात्रा से पहले बढ़ी चुनौती
परिसीमन आयोग की रिपोर्ट आने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में हमलों की रफ्तार बढ़ी है। वहीं 30 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा से पहले इन घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों की चुनौती बढ़ा दी है।
एक सरकारी अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि ये घटनाएं अमरनाथ यात्रा के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। सुरक्षाबलों को एक साथ मिलकर आतंक विरोधी अभियान चलाने को कहा गया है।
तैयारी
गृह मंत्री ने की उच्च स्तरीय बैठक
पिछले हफ्ते केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने एक के बाद एक तीन बैठकें की थीं। इसमें अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा और लॉजिस्टिक के मुद्दों पर चर्चा हुई थी और सुरक्षा एजेंसियों को घुसपैठ रोकने के आदेश दिए गए।
अधिकारियों ने बताया कि बालटाल और पहलगाम से जाने वाले दोनों रूटों पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बलों की 150 कंपनियां (15,000 जवान) तैनात की जाएंगी।
अमरनाथ यात्रा
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बता दें कि दो साल बाद इस बार 30 जून से अमरनाथ यात्रा शुरू होने जा रही है। यह यात्रा 43 दिनों तक चलेगी और रक्षाबंधन के दिन इसका समापन होगा।
कोरोना महामारी के प्रभाव को देखते हुए यात्रा के दौरान उससे बचाव के सभी प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी होगा।
इस बार यात्रा में 16-65 साल आयु वर्ग के लोग ही शामिल हो सकेंगे और यात्रा के लिए मेडिकल और फिटनेस प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।