जम्मू-कश्मीर: बडगाम में आतंकियों ने तहसीलदार के दफ्तर में घुसकर की कश्मीरी पंडित की हत्या
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के बडगाम में आज आतंकियों ने तहसीलदार के दफ्तर में घुसकर एक कश्मीरी पंडित की हत्या कर दी। पीड़ित की पहचान राहुल भट के तौर पर हुई है और वो राज्य के राजस्व विभाग का कर्मचारी था।
पुलिस ने अनुसार, दोपहर में दो आतंकी चदूरा स्थिति तहसीलदार के दफ्तर में घुसे और बेहद करीब से राहुल को गोली मार दी।
राहुल को नाजुक स्थिति में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
प्रतिक्रिया
कश्मीर में बदतर हो रहे हालात, अन्य लोगों में डर पैदा करेगी हत्या- फारूक अब्दुल्ला
इंडिया टुडे से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने राहुल की हत्या की तीखी आलोचना की है।
उन्होंने कहा, "एक कश्मीरी पंडित की हत्या के बारे में सुनकर बहुत दुखी और व्यथित हुआ हूं। ये हत्या अन्य लोगों में डर पैदा करेगी। कश्मीर घाटी में सुरक्षा हालात बदतर हो रहे हैं और सरकार कश्मीर की एक नकली गुलाबी तस्वीर पेश कर रही है। कश्मीर में सब ठीक नहीं है।"
प्रतिक्रिया
उमर अब्दुल्ला ने भी की घटना की निंदा
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी राहुल की हत्या की निंदा की है।
उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं राहुल भट्ट पर जानलेवा आतंकवादी हमले की स्पष्ट रूप से निंदा करता हूं। राहुल चदूरा में तहसील कार्यालय में कार्यरत एक सरकारी कर्मचारी था, जहां उस पर हमला किया गया। लक्षित हत्याएं जारी हैं और भय की भावना अनियंत्रित हो रही है। राहुल के परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।'
उन्होंने राहुल की तस्वीर भी शेयर की है।
अल्पसंख्यकों पर हमला
कश्मीर में अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना
बता दें कि कश्मीर में पिछले कुछ समय से अल्पसंख्यकों निशाना बनाया जा रहा है। पिछले महीने ही 4 अप्रैल को आतंकियों ने शोपियां जिले में एक दवा विक्रेता कश्मीरी पंडित को गोली मार दी थी। इलाज के बाद उसे बचा लिया गया था।
इस हमले से कुछ घंटे पहले ही पुलवामा में आतंकियों ने गोली मारकर दो प्रवासी मजदूरों की हत्या कर दी थी। उन्हें भी घायलवस्था में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
कश्मीर
पिछले साल अक्टूबर में भी निशाने पर आए थे पंडित और बाहरी लोग
बता दें कि अक्टूबर, 2021 में भी आतंकियों ने अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया था और कम से कम नौ अल्पसंख्यकों की हत्या की थी।
अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में आतंकियों ने महज 48 घंटे के अंदर दो शिक्षकों सहित पांच लोगों की हत्या कर दी थी। इनमें जाने-माने केमिस्ट माखन लाल बिंद्रू (70) और लाल बाजार में रेहड़ी लगाने वाले बिहार के निवासी वीरेंद्र पासवान आदि शामिल थे।
इसके बाद चार मजदूरों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
कश्मीर में आतंकवाद
न्यूजबाइट्स प्लस
अधिकारियों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में अभी कम से कम 165 आतंकवादी सक्रिय हैं। इसके अलावा इस साल 75 आतंकियों को ढेर किया जा चुका है। ढेर किए गए आतंकियों में 21 विदेशी आतंकी थे।
इससे पहले 2021 में जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा 100 सफल आतंकवादी विरोधी अभियान चलाए गए थे। इन अभियानों में 184 आतंकवादी मारे गए थे, जिनमें से 44 शीर्ष कमांडर और 20 विदेशी आतंकी थे।