जम्मू-कश्मीर में पिछले पांच सालों में आतंकी घटनाओं में हुई 34 अल्पसंख्यकों की मौत- सरकार
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाएं थम नहीं रही है और अब आतंकी सुरक्षा बल और वहां रहने वाले अल्पसंख्यकों को अपना निशाना बना रहे हैं।
हालात यह है कि पिछले पांच सालों में आतंकियों ने विभिन्न घटनाओं ने 34 अल्पसंख्यकों की हत्या कर दी। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा जनसांख्यिकी बदलने के प्रयास करने के बाद से राज्य में अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं।
सबसे ज्यादा
पिछले तीन महीनों में हुई 11 अल्पसंख्यकों की मौत
मंत्री राय ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 2017 से 2021 के बीच विभिन्न आतंकी घटनाओं में अल्पसंख्यक समुदाय के 34 लोगों की मौत हुई है। इनमें 2017 में 11, 2018 में तीन, 2019 में छह, 2021 में तीन और इस साल के तीन महीनों में ही 11 अल्पसंख्यकों की मौत हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों में अनंतनाग, श्रीनगर, कुलगाम और पुलवामा में 14 अल्पसंख्यक हिंदुओं की मौत हुई थी। इनमें चार कश्मीरी पंडित भी शामिल है।
प्रयास
अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा के लिए उठाए कई कदम- राय
मंत्री राय ने बताया कि सरकार ने कश्मीर घाटी में अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें सुरक्षा को मजबूत करना, खुफिया ग्रिड, ग्रुप सिक्योरिटी, 24 घंटे चैकिंग नाका और अल्पसंख्यकों के रहने वाले क्षेत्र में गश्त करना शामिल है।
उन्होंने यह भी बताया कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद प्रधानमंत्री विकास योजना के तहत करीब 2015 प्रवासी फिर कश्मीर में वापस लौटे हैं और यह बड़ी उपलब्धि है।
सुधार
जम्मू-कश्मीर के हालातों में हुआ है बड़ा सुधार- राय
मंत्री राय ने बताया कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति में काफी सुधार देखने को मिला है और हिंसा की घटनाओं में भी कमी आई है। साल 2014 से 4 अगस्त, 2019 तक आतंकियों के हाथों 177 आम नागरिक और 405 पुलिसकर्मी या सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई थी।
उन्होंने बताया कि 5 अगस्त, 2019 से नवंबर 2021 तक इस संख्या में बड़ी कमी देखने को मिली है। इस अवधि में 87 आम नागरिक और 99 पुलिसकर्मी या सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई है।
जानकारी
सीमा पर घुसपैठ में भी आई है कमी
मंत्री राय ने बताया कि सीमा पर घुसपैठ में भी कमी आई है। साल 2019 में घुसपैठ की कुल 138 घटनाएं हुई थी, जबकि साल 2020 में यह संख्या 51 पर आ गई थी। इसी तरह साल 2021 में घुसपैठ की 34 घटनाएं हुई थी।
बयान
"जनसांख्यिकीय बदलाव के कारण बढ़े हैं अल्पसंख्यकों पर हमले"
गृृह मंत्रालय के आंकड़ो पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, "हाल में हुई अल्पसंख्यकों की हत्याओं से संकेत मिले हैं कि केंद्र सरकार साल 2019 के बाद से क्षेत्र में जनसांख्यिकी बदलाव लाने का प्रयास कर रही है और इसके कारण आतंकी संगठन डरे हुए हैं।"
उन्होंने कहा, "केंद्र शासित प्रदेश में जनसांख्यिकी बदलाव की संभावनाओं को देखते हुए ही आतंकी उन्हें रोकने के लिए अल्पसंख्यक हिंदुओं को अपना निशाना बना रहे हैं।"