घाटी में हिंसा: सरकार ने पाकिस्तान को बताया जिम्मेदार, सुरक्षित स्थानों पर भेजे जाएंगे कश्मीरी पंडित
कश्मीर में आम नागरिकों पर बढ़ रहे हमलों के बीच शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह ने कई उच्च स्तरीय बैठकें की थीं। इनमें खुफिया एजेंसियों ने गृह मंत्री को बताया कि घाटी में बढ़ रही हिंसा के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। वहीं एक बैठक में फैसला लिया गया कि बढ़ते खतरे के बीच कश्मीरी पंडितों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जाएगा, लेकिन उन्हें कश्मीर से बाहर नहीं भेजा जाएगा।
कश्मीर में बढी हैं लक्षित हत्याएं
पिछले महीने की शुरुआत से लेकर अब तक घाटी में नौ लोगों की निशाना बनाकर हत्याएं की जा चुकी हैं। इनमें कश्मीरी पंडित, प्रवासी, महिलाएं और सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। गुरुवार को ही आतंकियों ने पहले कुलगाम में एक बैंक मैनेजर और बडगाम में प्रवासी मजदूर की गोली मारकर हत्या की थी। बिगड़ते हालात को देखते हुए कई कश्मीरी पंडित घाटी छोड़कर जम्मू पहुंचने लगे हैं। उन्होंने सरकार पर सुरक्षा मुहैया कराने में असफल रहने का आरोप लगाया है।
बैठकों में ये अधिकारी हुए शामिल
शुक्रवार को दिल्ली स्थित नॉर्थ ब्लॉक में कश्मीर के सुरक्षा हालात और आगामी अमरनाथ यात्रा को लेकर बैठकें हुई थीं। इनमें इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) के प्रमुख अरविंद कुमार और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) प्रमुख सामंत गोयल के अलावा जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग और दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इन्होंने गृह मंत्री को जमीनी हालात और हिंसा रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में अवगत कराया।
कश्मीर से बाहर नहीं भेजे जाएंगे कश्मीरी पंडित
NDTV ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया कि बैठक में एकमत से यह तय हुआ कि कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से बाहर नहीं भेजा जाएगा, लेकिन उन्हें सुरक्षित जगह ठहराया जाएगा। केंद्र सरकार जातीय संहार का हिस्सा नहीं बन सकती। सरकार विविध संस्कृतियों वाले समाज में विश्वास रखती है। गौरतलब है कि लगातार हो रहे हमलों से दहशत में आए कश्मीरी पंडित केंद्र सरकार से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं।
"हिंसा को बढ़ावा देने के प्रयास कर रहा पाकिस्तान"
अधिकारी ने आगे बताया कि खुफिया एजेंसियों द्वारा इंटरसेप्ट की गई बातचीत से पता चला है कि पाकिस्तान कश्मीर में हिंसा को और बढ़ाना चाहता है। इसीलिए घुसपैठ के नए प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें कि आम नागरिकों पर हमलों के अलावा इस साल कश्मीर में आतंकी घटनाओं में भी वृद्धि हुई है। पिछले साल 23 मई तक जम्मू-कश्मीर में 31 आतंकी घटनाएं दर्ज हुई थीं, वहीं इस साल अब तक ऐसी 62 घटनाएं हो चुकी हैं।
अमरनाथ यात्रा को लेकर भी हुई बातचीत
शुक्रवार को हुई बैठकों में अमरनाथ यात्रा को लेकर भी बातचीत हुई थी। इससे पहले 17 मई को भी गृह मंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की थी। इसमें उन्होंने सुरक्षाबलों को घुसपैठ रोकने और आतंकियों के खात्मे के लिए जरूरी निर्देश दिए थे। जानकारी के मुताबिक, गृह मंत्रालय हर सोमवार को यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करता है, लेकिन शुक्रवार को हुई बैठक में खुद अमित शाह ने इसकी जानकारी ली।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
इस साल अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू होगी और इसके लिए पंजीयन शुरू हो चुका है। यह यात्रा 43 दिनों तक चलेगी और रक्षाबंधन के दिन इसका समापन होगा। पिछले दो साल महामारी के प्रकोप के चलते इस यात्रा का आयोजन नहीं हो पाया था। इस बार भी यात्रियों को महामारी से बचाव के सभी प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी होगा। दूसरी तरफ बढ़ती आतंकी गतिविधियों के लिए इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती होगा।