पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने की भारत की विदेश नीति की तारीफ, कही ये बातें
क्या है खबर?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को भारत की विदेश नीति की तारीफ की है।
खैबर-पख्तूनखवा प्रांत में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि भारत क्वाड (QUAD) का हिस्सा है और वह अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद रूस से तेल का आयात कर रहा है।
इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि उनकी नीतियां भी पाकिस्तान के लोगों की भलाई के लिए है।
आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
बयान
इमरान खान ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार के घोर आलोचक माने जाने वाले खान ने कहा कि 'स्वतंत्र विदेश नीति' के लिए वो भारत की तारीफ करना चाहेंगे।
उन्होंने कहा, "मैं आज भारत को सलाम करता हूं। इन्होंने हमेशा एक आजाद विदेश नीति का पालन किया है। आज भारत का अमेरिका के साथ क्वाड में गठबंधन है और रूस से तेल भी खरीद रहा है जबकि प्रतिबंध लगे हुए हैं क्योंकि भारत की नीति अपने लोगों के लिए है।'
जानकारी
जनसमर्थन हासिल कर रहे हैं इमरान खान
अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश होने से पहले जनसमर्थन जुटा रहे खान ने कहा, "मैं किसी के सामने नहीं झुका और न ही देश को झुकने दिया।" उन्होंने कहा कि वो पार्टी के बागी सांसदों को माफ करने और वापस बुलाने के लिए तैयार हैं।
बयान
नहीं मानी यूरोप की मांग- खान
विदेश नीति से जुड़े पेचीदा मामलों पर सार्वजनिक तौर पर न बोलने की परंपरा तोड़ते हुए इमरान खान ने कहा कि उन्होंने यूरोप की उस मांग को सिरे से खारिज कर दिया था, जिसमें उससे यूक्रेन में जारी युद्ध को लेकर रूस के खिलाफ समर्थन मांगा गया था।
खान ने कहा कि उन्होंने ऐसा कर प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है। यूरोपीय संघ की मांग को मानकर पाकिस्तान को कुछ फायदा नहीं होने वाला था।
जानकारी
प्रतिबंधों के बावजूद रूस से तेल आयात कर रहा भारत
यूक्रेन में जारी युद्ध को लेकर अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं।
अमेरिका ने चीन समेत कई देशों को चेतावनी दी है कि अगर वे रूस की मदद करेंगे तो इसके बदले उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
दूसरी तरफ भारत इन प्रतिबंधों के बावजूद रूस से कम कीमत पर तेल आयात कर रहा है। अमेरिका ने कहा है कि भारत का तेल खरीदना प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं है।
जानकारी
यूक्रेन युद्ध पर क्या है भारत की स्थिति?
यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से ही भारत इसे लेकर किसी भी खेमे में जाने से बचता रहा है। संयुक्त राष्ट्र समेत कई मंचों पर भारत ने बातचीत के जरिये इस संकट का समाधान निकालने की पैरवी की है।
हालांकि, उसने संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ लाए गए निंदा प्रस्तावों से खुद को दूर रखा है, लेकिन वह युद्ध को जायज भी नहीं ठहरा रहा। भारत ने यूक्रेन को भी मानवीय मदद भेजी है।