क्या सड़क पर पार्क हुई कार की फोटो भेजने पर सरकार देगी 500 रुपये का ईनाम?
शहरी इलाकों में सड़कों पर गलत तरीके से गाड़ियां पार्क होने के चलते आने वाली मुश्किलें आम हो चली हैं। खासकर दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में यह समस्या बहुत देखने को मिलती है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सड़कों पर सुरक्षित और सुगम यातायात के लिये नई-नई कार्य योजना निकालते रहते हैं। सड़कों पर गलत पार्किंग से छुटकारा पाने के लिए भी गडकरी ने एक नई योजना के बारे में बताया, जिसमें लोग ही सरकार की मदद करेंगे।
क्या है पूरी योजना?
समाचार एजेंसी PTI के अनुसार, नितिन गडकरी ने नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि उनका विभाग एक ऐसा कानून लाने पर विचार कर रहा है, जिससे लोगों की गलत तरीके से सड़क पर गाड़ी खड़ी करने की आदत छूटेगी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सड़क पर गलत जगह गाड़ी खड़ी करने वाले व्यक्ति से 1,000 रुपये का जुर्माना लिया जायेगा और जिस व्यक्ति ने इसकी फोटो भेजकर सूचना दी होगी, उसे 500 रुपये का ईनाम मिलेगा।
सड़कों पर गाड़ियां खड़ी करते हैं लोग- गडकरी
कार्यक्रम के दौरान संबोधन में नितिन गडकरी ने दुख जताते हुऐ हल्के अंदाज में कहा "नागपुर में मेरे रसोइये के पास भी दो सेकेंड हैंड गाड़िया हैं। आज चार सदस्यों वाले परिवार के पास भी 6-6 कारें होती हैं। दिल्ली के लोग भाग्यशाली हैं क्योंकि हमने उनकी गाड़ियां खड़ी करने के लिए सड़कें बनाई हैं। कोई पार्किग की जगह नहीं बनाता है, सभी सड़कों पर अपनी गाड़ियां खड़ी करते हैं।"
पार्किंग के लिए गडकरी अपने घर का दिया उदाहरण
गडकरी ने अपने घर का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने नागपुर के घर में 12 गाड़ियों की पार्किंग बना रखी है, वहां कभी रोड पर गाड़ी खड़ी नहीं होती है।
वैकल्पिक ईंधन स्रोत पर सरकार का जोर
गडकरी ने गुरुवार को हुए इस कार्यक्रम में पारिस्थितिकी, पर्यावरण और विकास के बीच एक संतुलन बनाए रखने की जरूरत पर भी जोर दिया। उनका मानना है कि वैकल्पिक ईंधन के नये स्रोत विकसित करना बहुत आवश्यक है और इन मुद्दों पर एकतरफा दृष्टिकोण देश के लिए फायदेमंद नहीं है। बता दें कि वर्तमान में देश में 10 प्रतिशत ईथेनॉल मिश्रित पेट्रोल का उपयोग किया जाता है। आने वाले समय में इस 20 प्रतिशत किये जाने की योजना है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
कार पार्क करना एक परेशानी का सबब हो सकता है, खासकर तब जब जगह की कमी हो। यही कारण है कि अब कार निर्माता कंपनियां पार्किंग असिस्टेंस जैसे फीचर्स को शामिल करने लगी हैं, जो आमतौर पर सेंसर और कैमरों की मदद से काम करते हैं। यह तकनीक पहली बार 1970 के दशक में नेत्रहीनों के लिए बनाई गई थी, जबकि कार बंपर में इस सेंसर को पहली बार 1982 में इस्तेमाल किया गया था।