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25 Feb 2019
उपयोगकर्ता की मौत के बाद क्या होगा आधार डाटा के साथ, जानिए
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UIDAI की वेबसाइट के अनुसार अब तक लगभग 123 करोड़ आधार नंबर जेनरेट किए जा चुके हैं। यह देश का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला दस्तावेज़ है।
आधार के साथ कई सारी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के जुड़ने के बाद यह लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बन गया है।
लेकिन आपने कभी ये सोचा है कि लोगों की मौत के बाद आधार डाटा का क्या होता है? अगर नहीं जानते हैं तो यहाँ जानिए।
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इस खबर मेंवर्तमान स्थिति कुछ राज्यों में जनसंख्या से ज़्यादा जारी हुए हैं आधार कार्ड इन नियमों की वजह से हो सकता है आधार का दुरुपयोग इस बारे में UIDAI का कहना है यह आधार बायोमेट्रिक्स को लॉक करके रोक सकते हैं दुरुपयोग से UIDAI वेबसाइट के ज़रिए ऐसे लॉक करें अपना बायोमेट्रिक बायोमेट्रिक लॉक करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं 'mAaddhaar' ऐप कैसे लाभकारी है यह सुविधा
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जानकारी
वर्तमान स्थिति
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अब तक आधार डाटाबेस में उपयोगकर्ता की मृत्यु की जानकारी अपडेट करने का कोई विकल्प नहीं है। साथ ही मौत के बाद आधार को रद्द/वापस करने का भी कोई प्रावधान नहीं है।
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आँकड़े
कुछ राज्यों में जनसंख्या से ज़्यादा जारी हुए हैं आधार कार्ड
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डाटा के अनुसार कुछ राज्यों में वहाँ की जनसंख्या के हिसाब से आधार धारकों की संख्या ज़्यादा है।
उदाहरण के तौर पर दिल्ली में यह दर 119.1% है, जिसका मतलब है कि यहाँ की कुल जनसंख्या से आधार धारकों की संख्या 19.1% ज़्यादा है।
इसके पीछे कुछ और नहीं बल्कि UIDAI के डाटाबेस में उपयोगकर्ता की मृत्यु की जानकारी अपडेट न करने या आधार को रद्द/वापस करने का प्रावधान न होना भी हो सकता है।
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दुरुपयोग
इन नियमों की वजह से हो सकता है आधार का दुरुपयोग
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पैन, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जैसे दस्तावेज़ों को धारक की मृत्यु के बाद आसानी से रद्द या वापस किया जा सकता है, जबकि आधार कार्ड के संबंध में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
इसलिए यह संभावना है कि मृत व्यक्ति के आधार डाटा का दुरुपयोग भी किया जा सकता है।
अगर ऐसा सच में हो सकता है तो यह एक गंभीर समस्या है और इसका समाधान ढूँढना ज़रूरी है।
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बयान
इस बारे में UIDAI का कहना है यह
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वर्तमान समय में UIDAI के पास किसी व्यक्ति की मृत्यु की जानकारी रखने का प्रावधान नहीं है, क्योंकि यह जीवित व्यक्ति को पहचान प्रदान करने का साधन है। ऐसे मामलों में UIDAI को सूचित करने की आवश्यकता नहीं है।
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जानकारी
आधार बायोमेट्रिक्स को लॉक करके रोक सकते हैं दुरुपयोग से
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आधार कार्ड का ग़लत उपयोग न हो, इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है बायोमेट्रिक्स को लॉक करना। UIDAI प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए बायोमेट्रिक को अस्थायी रूप से लॉक/अनलॉक करने की अनुमति देता है।
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प्रक्रिया
UIDAI वेबसाइट के ज़रिए ऐसे लॉक करें अपना बायोमेट्रिक
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बायोमेट्रिक लॉक या अनलॉक करने के लिए नीचे दी गई प्रक्रिया का पालन करें।
UIDAI वेबसाइट पर 'Aadhaar Service' के 'Lock/Unlock Biometrics' पर क्लिक करें।
वहाँ से आपको बायोमेट्रिक लॉकिंग सेक्शन पर रीडायरेक्ट किया जाएगा। वहाँ आप मृतक का 12 अंकों का आधार नंबर और स्क्रीन पर दिया गया सुरक्षा कोड डालें।
अब रजिस्टर नंबर पर एक 'OTP' भेजा जाएगा। अब OTP दर्ज करके अपनी आवश्यकता के अनुसार बायोमेट्रिक को लॉक या अनलॉक करें।
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जानकारी
बायोमेट्रिक लॉक करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं 'mAaddhaar' ऐप
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अब आप बायोमेट्रिक को लॉक/अनलॉक करने के लिए 'mAadhaar' ऐप के टॉगल बटन का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए ऐप के टॉप राइट कॉर्नर में मौजूद तीन डॉट्स पर क्लिक करें और बायोमेट्रिक को अपनी ज़रूरत के अनुसार चालू/बंद करें।
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लाभ
कैसे लाभकारी है यह सुविधा
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किसी भी उपयोगकर्ता के बायोमेट्रिक डाटा में उसकी उँगलियों का निशान और आँखों का स्कैन शामिल होता है।
UIDAI के अनुसार, लॉक/अनलॉक सुविधा लोगों के बायोमेट्रिक डाटा की गोपनीयता की रक्षा करती है।
बायोमेट्रिक के अस्थायी लॉक/अनलॉक की यह सुविधा सुनिश्चित करती है कि प्रमाणीकरण के लिए उसका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।
उपयोगकर्ता की मृत्यु के बाद यह और भी ज़रूरी हो जाता है।