केंद्र के 'कोरोनिल' का समर्थन करने पर खफा हुआ IMA, सरकार से पूछे कई सवाल
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि द्वारा तैयार कोरोना वैक्सीन 'कोरोनिल' को अवैज्ञानिक करार देते हुए उसका समर्थन करने को लेकर केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की है। IMA ने सोमवार को कोरोनिल का समर्थन में 'कोरोना के खिलाफ पहली सुबूत आधारित वैक्सीन' का ट्वीट करने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से सवाल किए हैं। बता दें कि आयुष मंत्रालय ने इसे कोरोना के खिलाफ सहायक के रूप में मजूरी दी थी।
"भारत को कोरोनिल पर चाहिए स्पष्टीकरण"
IMA ने सवाल किया कि डॉ हर्षवर्धन गलत तरीके से तैयार अवैज्ञानिक उत्पाद का समर्थन कैसे कर सकते हैं? इसने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा "गुप्त दवा" के रूप में मंजूरी मिलने का स्पष्ट झूठ बोलकर भी धोखा दिया है। IMA ने कहा कि कोरोनिल के प्रचार जनता के साथ बड़ा धोखा है और भारत को इस पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। यदि यह कोरोना के खिलाफ प्रभावी है तो सरकार वैक्सीनेशन पर 35,000 करोड़ क्यों खर्च कर रही है?
अवैज्ञानिक उत्पाद को बढ़ावा देना कितना नैतिक?- IMA
IMA ने कहा, "देश के स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते पूरे देश में अनैतिक, गलत और गलत तरीकों से उत्पाद को बढ़ावा देना कितना नैतिक है?" IMA ने आगे कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) के नियमों के मुताबिक कोई भी डॉक्टर किसी भी दवा का प्रमोशन नहीं कर सकता है। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन खुद एक डॉक्टर हैं। ऐसे में उन्होंने MCI के नियमों के खिलाफ काम किया है। इसको लेकर उन्हें जवाब देना होगा।
केंद्रीय मंत्रियों की उपस्थिति में 'कोरोनिल' को किया गया था लॉन्च
बाबा रामदेव ने रविवार को डॉ हर्षवर्धन और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति में 'कोरोनिल' को लॉन्च किया था। उस दौरान दावा किया गया था कि दवा फार्मास्यूटिकल उत्पाद (COPP) और WHO द्वारा प्रमाणित है। उस दौरान बाबा दामदेव ने कोरोना के खिलाफ पहली सुबूत आधारित दवा पर साइंटिफिक रिसर्च पेपर भी पेश किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि कोरोनिल इम्यूनिटी बढ़ाने और कोरोना को नियंत्रित करने में बहुत असरदार है।
ऐसी किसी दवा को नहीं किया प्रमाणित- WHO
बाबा रामदेव द्वारा दावा करने के बाद ही WHO ने इसका खड़न कर दिया था। WHO ने कहा था कि उसने कोरोना वायरस का इलाज करने वाली ऐसी किसी पारंपरिक दवा का न तो रीव्यू किया है और न ही किसी को प्रमाणित किया है।
DCGI ने जारी किया प्रमाण पत्र- आचार्य बालकृष्ण
WHO के ट्वीट से पहले लोगों के संदेह को देखते हुए पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने एक स्पष्टीकरण जारी किया था। बालकृष्ण ने कहा, "WHO GMP और COPP प्रमाण पत्र कोरोनिल को भारत सरकार के DCGI द्वारा जारी किया गया है। यह स्पष्ट है कि WHO किसी भी ड्रग्स को स्वीकार या अस्वीकृत नहीं करता है। WHO दुनिया भर के लोगों के लिए एक बेहतर, स्वस्थ भविष्य के निर्माण के लिए काम करता है।"