#NewsBytesExclusive: 20 सालों से परिवहन नियमों को तोड़ रही राजस्थान सरकार
केंद्र सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन करते हुए जुर्माना राशि में भारी बढ़ोतरी की थी। इसके बाद परिवहन विभाग और यातायात पुलिस का डंडा आम आदमी पर तो जमकर चल रहा है, लेकिन सरकारी विभागों के लिए यह कार्रवाई ठण्डे बस्ते में पड़ी है। ऐसा ही कुछ हो रहा है राजस्थान में, जहां राज्य पथ परिवहन निगम (रोडवेज) के चालक-परिचालक 20 सालों से बिना वर्दी बसें दौड़ा रहे हैं, लेकिन उन पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई।
मोटर वाहन अधिनियम के तहत जरूरी है वर्दी
मोटर वाहन अधिनियम के तहत सवारी वाहनों के व्यावसायिक पंजीयन की शर्तो में चालक-परिचालकों को वर्दी पहनना अनिवार्य बताया है। हालांकि, इसमें वर्दी का रंग राज्य के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। इसके तहत राजस्थान रोडवेज में चालक-परिचालकों के लिए खाकी रंग की वर्दी निर्धारित कर रखी है। नियम के अनुसार चालक-परिचालक के वर्दी नहीं पहनने पर परिवहन विभाग की ओर से सामान्य तौर पर 500 रुपये का जुर्माना करने का प्रावधान है।
20 साल से बिना वर्दी बसें दौड़ा रहे हैं राजस्थान रोडवेज के चालक-परिचालक
रोडवेज परिचालक विवेकानंद ने न्यूजबाइट्स हिंदी को बताया कि चालक-परिचालकों सहित मैकेनिकों को साल में एक बार वर्दी के लिए खाकी कपड़ा या नकदी और जूते उपलब्ध कराए जाते थे। इसके अलावा प्रत्येक तीन साल में गर्म वर्दी का कपड़ा जर्सी के साथ दिया जाता था और सिलाई का पैसा अलग से मिलता था। उन्होंने बताया कि कभी-कभार वर्दी का सीधा भुगतान होता था, लेकिन साल 2000 से निगम ने कर्मचारियों को वर्दी अथवा भुगतान देना बंद कर दिया।
वर्दी बंद होने के बाद भी दिया गया धुलाई भत्ता
पहले रोडवेज द्वारा वर्दी के साथ-साथ कर्मचारियों को प्रतिमाह धुलाई भत्ता भी दिया जाता था। 20 साल पहले वर्दी देना बंद करने के बाद भी कई वर्षों तक कर्मचारियों को धुलाई भत्ता दिया जाता रहा, लेकिन साल 2015 में यह भत्ता भी बंद कर दिया।
20 साल में नहीं हुई एक भी कार्रवाई
राजस्थान रोडवेज के चालक-परिचालक पिछले 20 सालों से बिना वर्दी के बसें दौड़ा रहे हैं, लेकिन परिवहन विभाग और यातायात पुलिस की ओर से आज तक एक भी कार्रवाई नहीं की गई। चौंकाने वाली बात यह है कि यातायात पुलिस ने बीच रास्ते में बस रोकने पर रोडवेज बसों का सैकड़ों बार जुर्माना किया है, लेकिन वर्दी के नाम पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे साफ है कि राजस्थान सरकार खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रही है।
अन्य निजी व्यावसायिक वाहनों पर जमकर हुई कार्रवाई
राजस्थान में एक ओर जहां रोडवेज कर्मचारियों पर 20 सालों में बिना वर्दी के एक भी कार्रवाई नहीं हुई, वहीं अन्य निजी व्यावसायिक सवारी वाहनों के चालकों पर हजारों कार्रवाई हो चुकी है। परिवहन विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार राज्य में प्रतिवर्ष निजी व्यावसायिक वाहनों पर बिना वर्दी के औसतन 300 कार्रवाई होती है। ऐसे में राज्य में पिछले 20 सालों में 5,000 से अधिक कार्रवाई से लाखों रुपये का जुर्माना वसूला जा चुका है।
यातायात पुलिस ने भी 6,000 से अधिक कार्रवाई
बिना वर्दी को लेकर कार्रवाई करने में यातायात पुलिस की बात करें तो राज्य में पिछले 20 सालों में 6,000 से अधिक कार्रवाई की जा चुकी है। इसमें करीब 6.5 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है, लेकिन रोडवेज कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की।
वर्दी के लिए यूनियन ने कई बार किए प्रयास
राजस्थान रोडवेज की एटक यूनियन के जिलाध्यक्ष हितेश जोशी ने हमें बताया कि कर्मचारियों को वर्दी दिलाने की यूनियन ने कई बार प्रदेश स्तरीय प्रयास किए गए, लेकिन सफलता नहीं मिली। साल 2019 में यूनियन के एक सप्ताह की हड़ताल भी की थी। उस दौरान सरकार ने 300-300 रुपये देकर टरका दिया था। उन्होंने कहा कि वर्दी बंद होने से रोडवेज के चालक-परिचालकों की पहचान ही खत्म हो गई है। इसके लिए फिर से प्रयास किए जाएंगे।
चालक-परिचालकों का वर्दी पहनना है अनिवार्य
भरतपुर जिला परिवहन अधिकारी एसपी शर्मा ने न्यूजबाइट्स हिंदी को बताया कि रोडवेज चालक-परिचालकों का वर्दी पहनना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 177 के तहत 500 रुपये का सामान्य जुर्माना किया जाता है। स्टाफ की कमी और बड़े राजस्व लक्ष्यों की पूर्ति के प्रयास में रोडवेज बसों के चालक-परिचालकों पर आज तक जुर्माना नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि अब भविष्य में चालक-परिचालकों के वर्दी नहीं पहनने पर कार्रवाई के प्रयास करेंगे।
"वर्दी को लेकर जुर्माना की परिवहन विभाग की है जिम्मेदारी"
पुलिस उप महानिरीक्षक अंशुमन भोमिया ने न्यूजबाइट्स हिंदी को बताया कि वर्दी को लेकर जुर्माना करने की मूल जिम्मेदारी परिवहन विभाग की है। यातायात पुलिस सामान्य जुर्माना कर सकती है। इसके बाद भी पुलिस हर साल वर्दी को लेकर कई कार्रवाई करती है। इसमें सड़क सुरक्षा सप्ताह में सबसे अधिक कार्रवाई होती हैं। उन्होंने कहा कि रोडवेज बसों पर वर्दी को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस पर कार्रवाई के लिए परिवहन विभाग से चर्चा की जाएगी।