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जम्मू-कश्मीर: कठुआ में बादल फटने और भूस्खलन से 7 लोगों की मौत, दर्जनों घर दबे
जम्मू-कश्मीर में कठुआ में बादल फटने से 4 लोगों की मौत हो गई है

जम्मू-कश्मीर: कठुआ में बादल फटने और भूस्खलन से 7 लोगों की मौत, दर्जनों घर दबे

Aug 17, 2025
09:48 am

क्या है खबर?

जम्मू-कश्मीर में मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। इस बीच कठुआ जिले के एक गांव में देर रात बादल फटने के बाद आई बाढ़ और भूस्खलन में 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 अन्य घायल हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया। बता दें कि 14 अगस्त को किश्तवाड़ में भी बादल फटने की घटना में 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।

आपदा

कठुआ में कैसे आई आपदा?

पुलिस के अनुसार, देर रात कठुआ जिले के राजबाग इलाके के जॉड घाटी गांव में भारी बारिश के बीच अचानक बादल फट गया। इसके बाद आए पानी और मलबे के सैलाब से कई घर बह गए और कई मलबे में दब गए। हालांकि, शुरुआत में किसी जनहानि की रिपोर्ट नहीं थी, लेकिन बाद में 5 लोगों की मौत और 10 लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है। पुलिस और SDRF की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई है।

ट्विटर पोस्ट

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परेशानी

जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग को भी पहुंचा नुकसान

पुलिस ने बताया कि बादल फटने के बाद आए पानी के तेज बहाव से जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। इससे गांव का कठुआ से संपर्क टूट गया और बचाव टीमों को मौके पर पहुंचने में परेशानी हुई। हालांकि, बाद में टीमें मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया। इधर, हाईवे के क्षतिग्रस्त होने से ट्रैफिक भी जाम हो गया। कई घंटों से मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं।

भूस्खलन

इन इलाकों में हुआ भूस्खलन

अधिकारियों ने बताया कि कठुआ पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत बागड़ और चांगडा गांव तथा लखनपुर पुलिस थाना क्षेत्र के दिलवान-हुतली में भी भारी बारिश के बीच भूस्खलन हुआ है। इन घटनाओं में 2 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण अधिकांश जलाशयों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है और उझ नदी खतरे के निशान के करीब बह रही है। जिला प्रशासन ने लोगों से जलाशयों से दूर रहने की अपील की है।

प्रयास

हाईवे की मरम्मत का कार्य शुरू कराया

प्रशासन और NHAI की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और जम्मू-पठानकोट हाईवे के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत कर मार्ग को जल्द से जल्द बहाल करने के प्रयास जारी हैं। अधिकारियों ने बताया कि वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था भी की जा रही है ताकि फंसे हुए यात्रियों को राहत मिल सके। वहीं, लगातार हो रही बारिश के चलते कठुआ के कई निचले इलाकों में पानी भर गया है, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

संवेदना

केंद्रीय मंत्री ने व्यक्त की संवेदना

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कठुआ में बादल फटने की घटना से हुई मौतों पर संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'कठुआ के जंगलोटा क्षेत्र में बादल फटने की घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। नागरिक प्रशासन, सेना और अर्धसैनिक बल तुरंत कार्रवाई में जुट गए हैं। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। घटना में एक रेलवे ट्रैक, राष्ट्रीय राजमार्ग-44 और एक पुलिस स्टेशन भी क्षतिग्रस्त हो गया।'

चेतावनी

मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

कठुआ के जिला सूचना केंद्र ने एक्स पर चेतावनी जारी करते हुए लिखा, 'लोगों को नदियों, नालों, नालों और अन्य जल निकायों के पास जाने से बचने की सख्त सलाह दी जाती है। साथ ही, पहाड़ी और भूस्खलन और अन्य जोखिम-प्रवण क्षेत्रों से भी दूर रहने की सलाह दी जाती है। भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ सकता है।' प्रशासन ने आगे लिखा, 'परेशानी होने पर 01922-238796 और 9858034100 हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें।'

पुनरावृत्ति

किश्तवाड़ में बादल फटने से हुई थी 60 लोगों की मौत

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ जिले के चशोटी गांव में 14 अगस्त की दोपहर साढ़े 12 बजे बादल फटने के बाद आई भीषण बाढ़ में 60 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए। वर्तमान में भी वहां राहत और बचाव कार्य जारी और 100 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। हादसे के वक्त हजारों श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के लिए गांव में थे। उसी दौरान वहां बादल फट गया था।