क्या है इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल और वाहनों पर इसका क्या असर पड़ता है?
विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इथेनॉल मिश्रित ईंधन का जिक्र करते हुए कहा था कि नवंबर, 2022 की समयसीमा से लगभग पांच महीने पहले ही देश ने 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल का लक्ष्य हासिल कर लिया है। प्रधानमंत्री के इस बयान से यह तो साफ है कि देश में इस तरह का ईंधन भी प्रयोग में लाया जा रहा है। आइए जानते हैं कि इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल होता क्या है और इसके फायदे क्या हैं।
इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल क्या होता है?
इथेनॉल ईंधन और कुछ नहीं बल्कि एथिल अल्कोहल है, जिसका इस्तेमाल शराब बनाने में किया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसका उपयोग ईंधन के रूप में किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए वाहनों के कुछ पार्ट्स में बदलाव करना पड़ता है। यही वजह है कि वर्तमान में इसे पेट्रोल मिलाकर इस्तेमाल किया जा रहा है। शुरुआत एक या दो प्रतिशत से हुई थी, लेकिन अब पेट्रोल में पांच से 10 प्रतिशत तक इथेनॉल मिलाया जा रहा है।
कैसे बनता है इथेनॉल?
जानकारी के लिए बता दें कि इथेनॉल मकई, भांग और आलू आदि फसलों से मिलता है। इसका उपयोग फ्लेक्सिबल फ्यूल व्हीकल्स (जिन में पेट्रोल और गैसोलीन से बने ईंधन का उपयोग किया जा सकता है) में जैव (कार्बनिक) ईंधन के रूप में किया जा सकता है। इथेनॉल जलने पर कम कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है। यही कारण है कि अन्य ईंधनों की तुलना में यह कम प्रदूषण फैलाता है। इसलिए सरकार E20 ईंधन का इस्तेमाल करने पर जोर देती रही है।
ईथेनॉल मिश्रित पेट्रोल को बढ़ावा दे रही सरकार
इस बारे में केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि अप्रैल, 2023 से पहले देश के चुनिंदा पेट्रोल पंपों पर 20 प्रतिशत तक इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल उपलब्ध हो सकता है। बता दें कि वर्तमान में देश में पांच से 10 प्रतिशत ईथेनॉल मिश्रित पेट्रोल का उपयोग किया जा रहा है। वहीं, आने वाले समय में इस अनुपात को और बढ़ाए जाने की योजना बनाई जा रही है।
यह ईंधन बनाने में सरकारी तेल कंपनियां निभा रही अहम भूमिका
सरकार द्वारा दिए गए आधिकारिक बयान की मानें तो इस लक्ष्य को पाने में सरकारी तेल कंपनियों इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम की अहम भूमिका रही है। ये कंपनियां देशभर में पेट्रोल में औसतन पांच से 10 प्रतिशत इथेनॉल मिला रही है। बीते शनिवार केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संकेत दिया है कि जल्द ही देश में इथेनॉल मिश्रित ईंधन वाले वाहन चलने लगेंगे।
वाहनों पर कैसा है इसका असर?
रिपोर्ट्स की मानें तो अभी तक इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल के इस्तेमाल से वाहनों पर कोई बुरा असर देखने को नहीं मिला है। इसमें ऑक्सीजन होता है, जिससे ईंधन को पूरी तरह से जलने में मदद मिलती है। इस वजह से इसे पर्यावरण की नजर से भी बेहतर ईंधन माना जा रहा है। पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिश्रित ईंधन का इस्तेमाल देश की कई कंपनियों द्वारा अपने टर्मिनलों में किया जा रहा है।
क्या कार पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है?
इथेनॉल में गैसोलीन और डीजल की तुलना में ऊर्जा कम होती है। ईंधन के रूप में जलने पर यह कम पावर देता है। कम पावर मिलने से इंजन अधिक ईंधन की खपत करता है और इससे वाहन के माइलेज पर नकारात्मक असर पड़ता है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
भारत दुनिया में इथेनॉल का पांचवां सबसे बड़ा उत्पादक है और इस वजह से आने वाले समय में इसका इस्तेमाल ईंधन के रूप में बड़ी मात्रा में किया जा सकता है। पहले नंबर पर अमेरिका, दूसरे पर ब्राजील, तीसरे पर यूरोप और चौथे पर चीन आता है। दुनियाभर में बड़े पैमाने पर इथेनॉल का इस्तेमाल शराब बनाने के लिए किया जाता है। हालांकि, भारत और ब्राजील जैसे देश पेट्रोल में मिलावट के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं।