#NewsBytesExplainer: डोनाल्ड ट्रंप ग्रीनलैंड, पनामा नहर और कनाडा को अमेरिका का हिस्सा क्यों बनाना चाहते हैं?
क्या है खबर?
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले ही अपने बयानों की वजह से चर्चाओं में हैं।
अब उन्होंने अपने विस्तारवादी एजेंडे के तहत पनामा और ग्रीनलैंड को नई धमकियां दी हैं। साथ ही उन्होंने कनाडा को भी अमेरिका का हिस्सा बनाने की बात दोहराई है। पनामा और ग्रीनलैंड के लिए तो ट्रंप ने सैन्य बल का इस्तेमाल करने की भी बात कही है।
आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह क्या है।
कनाडा
कनाडा के बारे में ट्रंप ने क्या कहा?
ट्रंप ने कहा, "हम कनाडा पर 'आर्थिक बल' लगाएंगे, ताकि वह अमेरिका का 51वां राज्य बन जाए। कनाडा हमारी कारें, हमारे कृषि उत्पाद, कुछ भी न ले, हम भी उनके उत्पाद नहीं लेंगे। हम कनाडा की देखभाल के लिए हर साल सैकड़ों अरबों खर्च कर रहे हैं। वे हमारी 20 प्रतिशत कारें बनाते हैं। हमें इसकी जरूरत नहीं है। मैं कारें डेट्रॉइट में बनाना पसंद करूंगा।"
ट्रंप ने कनाडा और अमेरिका की सीमा को 'कृत्रिम रेखा' कहा।
ग्रीनलैंड
ग्रीनलैंड को लेकर ट्रंप ने क्या कहा?
ट्रंप ने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों के लिए ग्रीनलैंड की भी जरूरत है।
उन्होंने सुझाव दिया है कि अगर डेनमार्क ग्रीनलैंड को खरीदने के उनके प्रस्ताव का विरोध करता है तो उस पर टैरिफ लगाया जाना चाहिए।
ट्रंप के बेटे डॉन जूनियर निजी यात्रा पर ग्रीनलैंड में हैं।
बता दें कि ग्रीनलैंड डेनमार्क का एक स्वायत्त क्षेत्र है, जो लंबे समय से अमेरिका का सहयोगी और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) का संस्थापक सदस्य है।
पनामा नहर
पनामा नहर पर भी कब्जा करना चाहते हैं ट्रंप
ट्रंप ने पनामा नहर पर कब्जा करने के लिए भी सैन्य और आर्थिक बल के इस्तेमाल की बात कही। उन्होंने नहर को अमेरिका के लिए अहम बताया।
इससे पहले भी ट्रंप ने कहा था, "पनामा द्वारा लिया जा रहा शुल्क हास्यास्पद है, यह जानते हुए कि अमेरिका ने पनामा को असाधारण उदारता प्रदान की है। अगर इस उदार भाव के नैतिक और कानूनी सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया तो हम मांग करेंगे कि पनामा नहर वापस कर दी जाए।"
कनाडा के पीछे की वजह
कनाडा को अमेरिका में क्यों शामिल करना चाहते हैं ट्रंप?
कनाडा में दुनिया की केवल 0.5 प्रतिशत आबादी होने के बावजूद विश्व व्यापार का 2.2 प्रतिशत हिस्सा है। कनाडा का हर 6 में से एक सेक्टर निर्यात गतिविधियों से जुड़ा है।
कनाडा ने करीब 15 मुक्त व्यापार समझौते (FTA) कर रखे हैं, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 61 प्रतिशत हिस्से को कवर करते हैं। कनाडाई कंपनियों की दुनियाभर के 150 करोड़ उपभोक्ताओं तक पहुंच है।
नजदीकी के कारण अमेरिका भी कनाडा का बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
नहर की अहमियत
पनामा नहर क्यों है अहम?
अमेरिका का करीब 14 प्रतिशत व्यापार पनामा नहर के जरिए होता है। अगर न्यूयॉर्क से सैन फ्रांसिस्को जाने वाले जहाज पनामा नहर से न जाएं तो उन्हें 14,000 किलोमीटर अतिरिक्त सफर करना होगा।
नहर का निर्माण फ्रांस ने शुरू किया था, लेकिन 1914 में अमेरिका ने इसे पूरा किया। इसके बाद नहर पर अमेरिका का नियंत्रण रहा, लेकिन 1999 में अमेरिका ने पनामा सरकार को नियंत्रण सौंप दिया।
अब अमेरिका नहर पर दोबारा कब्जा चाहता है।
ग्रीनलैंड पर कब्जा
ग्रीनलैंड पर कब्जा चाहने की क्या है वजह?
ग्रीनलैंड की भौगोलिक स्थिति की वजह से यहां से रूस और यूरोप पर नजर रखना आसान है। यहां से अमेरिकी सेना की पहुंच उत्तरी अटलांटिक और आर्कटिक महासागर में मजबूत हो जाएगी।
ग्रीनलैंड में दुर्लभ खनिज, तेल और गैस के विशाल भंडार हैं।
यहां की बर्फ तेजी से पिघल रही है, जिससे वहां नए समुद्री रास्ते खुल रहे हैं। ये रास्ते व्यापार और सामरिक गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
अमेरिका इस द्वीप पर पिटुफिक अंतरिक्ष बेस का संचालन करता है।
पिछले प्रयास
ग्रीनलैंड को खरीदने की पहले भी हुई हैं कोशिशें
साल 1946 में तत्कालीन राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमैन ने भी ग्रीनलैंड को खरीदना चाहा था। इसके लिए उन्होंने डेनमार्क को 10 करोड़ डॉलर देने की पेशकश की थी।
यहां तक कि ट्रूमैन ग्रीनलैंड के बदले डेनमार्क को अलास्का का कुछ हिस्सा देने के लिए भी राजी हो गए थे, लेकिन यह सौदा पूरा नहीं हो सका।
CNN के मुताबिक, ग्रीनलैंड की GDP और अन्य पहलूओं को देखते हुए इसकी कीमत करीब 8,500 करोड़ रुपये हो सकती है।