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डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा नहर को लेकर दी नई धमकी, जानें क्या कहा? 
डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा नहर को लेकर पनामा को धमकी दी है

डोनाल्ड ट्रंप ने पनामा नहर को लेकर दी नई धमकी, जानें क्या कहा? 

लेखन आबिद खान
Dec 22, 2024
01:31 pm

क्या है खबर?

अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप अपने धमकीभरे बयानों के चलते लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। अब उन्होंने पनामा नहर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने पनामा को खुली धमकी देते हुए कहा कि अगर पनामा स्वीकार्य तरीके से नहर का प्रबंधन नहीं करता है अमेरिका फिर से इस पर कब्जा कर सकता है। उन्होंने अमेरिकी जहाजों से अनुचित शुल्क लेने और चीनी प्रभावाों पर चिंता जताई।

बयान

क्या बोले ट्रंप?

ट्रंप ने लिखा, 'पनामा द्वारा लिया जा रहा शुल्क हास्यास्पद है, विशेषकर यह जानते हुए कि अमेरिका ने पनामा को असाधारण उदारता प्रदान की है। यह दूसरों के लाभ के लिए नहीं दिया गया था, बल्कि हमारे और पनामा के साथ सहयोग के प्रतीक के रूप में था। अगर इस उदार भाव के नैतिक और कानूनी सिद्धांतों का पालन नहीं किया गया तो हम मांग करेंगे कि पनामा नहर पूरी तरह से और बिना सवाल के वापस कर दी जाए।"

चीन

ट्रंप ने चीन को लेकर क्या कहा?

ट्रंप ने नहर के आसपास चीन की बढ़ती मौजूदगी पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, "नहर का प्रबंधन करना केवल पनामा का काम था, चीन या किसी और का नहीं। पनामा को भी अमेरिका, उसकी नौसेना और हमारे देश में व्यापार करने वाले निगमों से अत्यधिक मूल्य और टैक्स वसूलने का अधिकार नहीं था।" ट्रंप ने आगे कहा कि वे नहर को कभी भी गलत हाथों में नहीं पड़ने देंगे

इतिहास

क्या है नहर का इतिहास?

पनामा नहर अटलांटिक और प्रशांत महासागर को जोड़ती है। 1881 में फ्रांस ने इसका निर्माण शुरू किया था, लेकिन ये योजना विफल हो गई। इसके बाद अमेरिका ने पनामा सरकार के साथ समझौता किया और 1914 में नहर के निर्माण को पूरा किया गया। इसके बाद नहर पर अमेरिका का नियंत्रण रहा। हालांकि, 1999 में अमेरिका ने नहर का नियंत्रण पनामा सरकार को सौंप दिया। अब इसका प्रबंधन पनामा कैनाल अथॉरिटी (ACP) द्वारा किया जाता है।

अहमियत

अमेरिका के लिए क्यों अहम है नहर?

अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए पनामा नहर की अहमियत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अमेरिका का करीब 14 प्रतिशत व्यापार इसी नहर के जरिए होता है। अगर न्यूयॉर्क से सैन फ्रांसिस्को जाने वाले जहाज पनामा नहर के अलावा दक्षिण अमेरिकी देशों से होकर जाए तो उन्हें 22,500 किलोमीटर सफर करना होगा। इस नहर के जरिए ये सफर घटकर करीब 8.500 किलोमीटर ही रह जाता है। अमेरिका ने लिए नहर के राजनीतिक और रणनीतिक महत्व भी हैं।