#NewsBytesExplainer: 3 बड़े देशों पर आयात शुल्क लगाएंगे डोनाल्ड ट्रंप, भारत को फायदा या नुकसान?
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जनवरी में पदभार ग्रहण करेंगे। इससे पहले उन्होंने कनाडा, चीन और मेक्सिको से आने वाले सामानों पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की बात कही है। ये तीनों देश अमेरिका के शीर्ष व्यापारिक भागीदार है। इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी बड़ा झटका लगने की आशंका है, जिसका असर भारत पर भी पड़ना तय है। आइए जानते हैं आयात शुल्क बढ़ने से भारत को क्या नुकसान हो सकता है।
सबसे पहले जानिए ट्रंप ने क्या कहा?
ट्रंप ने कनाडा-मेक्सिको के उत्पादों पर 25 प्रतिशत और चीन के उत्पादों पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की बात कही है। उन्होंने कहा, 'यह आयात शुल्क प्रवासियों और अवैध ड्रग्स को रोकने के लिए जरूरी है। 20 जनवरी को पदभार संभालते ही मैं इससे संबंधित एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करूंगा। यह शुल्क तब तक प्रभावी रहेगा, जब तक कि ड्रग्स, विशेष रूप से फेंटेनाइल और सभी अवैध प्रवासी हमारे देश पर आक्रमण करना बंद नहीं कर देते।'
भारत को कितना नुकसान?
ग्लोबल इंवेस्टमेंट बैंक मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप की ओर से टैरिफ बढ़ाने का भारत और जापान पर कम असर होगा। फर्म ने कहा कि इन दोनों देशों की मिश्रित नीतियों के चलते ज्यादा असर पड़ने की उम्मीद कम हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर भारत से आयात होने वाले सामानों पर अमेरिका 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगाता है तो भारत की आर्थिक वृद्धि में 30 बेसिस पाइंट की गिरावट हो सकती है।
क्या-क्या हो सकते हैं फायदे?
जानकारों का कहना है कि आयात शुल्क बढ़ने से कनाडा और मेक्सिको को एशिया में अपना तेल कम कीमतों पर बेचने पर मजबूर होना पड़ सकता है। इससे एशियाई देशों खासतौर से चीन और भारत को सस्ता कच्चा तेल मिल सकता है। रॉयटर्स से बात करते हुए सिंगापुर के एक व्यापारी ने कहा, "कनाडा के उत्पादकों को एशियाई रिफाइनरों को आकर्षित करने और लंबी दूरी की शिपिंग लागत को कवर करने के लिए छूट बढ़ानी पड़ेगी।"
भारत को मिल सकता है सस्ता कच्चा तेल
रॉयटर्स ने एशिया के रिफाइनिंग विश्लेषकों के हवाले से कहा कि अगर ट्रंप शुल्क बढ़ाते हैं तो एशिया में कनाडाई और मैक्सिकन तेल की आपूर्ति बढ़ा जाएगी। एनर्जी एस्पेक्ट्स के विश्लेषक क्रिस्टोफर हैंस ने कहा, "यूरोपीय रिफाइनर आमतौर पर ज्यादा कनाडाई कच्चा तेल आयात नहीं करते हैं। ऐसे में एशिया की ओर देखना ही विकल्प होगा।" एक अन्य विश्लेषक एन्ह फाम ने कहा, "ऐसा होने पर हम चीन और भारत में काफी मात्रा में कच्चा तेल जाते हुए देख पाएंगे।"
बढ़ सकता है भारतीय आयात
भारत द्वारा अमेरिका को निर्यात किए जाने वाली कुल वस्तुओं में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी शीर्ष 25 वस्तुओं की हैं। अमेरिकी आयात में इनका हिस्सा 2.9 प्रतिशत है, जबकि कनाडा-मैक्सिको की हिस्सेदारी 28.7 प्रतिशत है। इन दोनों देशों पर आयात शुल्क बढ़ने से भारत को फायदा हो सकता है। खासतौर से रत्न और आभूषण श्रेणी में, क्योंकि 2023 में भारत के अमेरिका निर्यात में 13.6 प्रतिशत हिस्सेदारी रत्न-आभूषण की थी। यह कनाडा-मेक्सिको के संयुक्त 21 प्रतिशत से कम है।
इन वस्तुओं के आयात से फायदा उठा सकता है भारत
CNBC TV-18 के मुताबिक, अमेरिकी आयात में भारत की लोहा और स्टील की हिस्सेदारी 6.8 प्रतिशत, जबकि कनाडा और मैक्सिको की 64.4 प्रतिशत है। इस श्रेणी में भारत का निर्यात बढ़ सकता है। वहीं, भारत प्रोसेस्ड फूड के मामले में भी फायदा उठा सकता है। इस श्रेणी में अमेरिकी आयात में भारत की हिस्सेदारी 9 प्रतिशत, जबकि कनाडा और मैक्सिको की 20.5 प्रतिशत है। चीन पर आयात शुल्क का भी भारत को फायदा हो सकता है।
पिछले कार्यकाल में भी उठा था आयात शुल्क का मुद्दा
ट्रंप अपनी आर्थिक नीतियों में 'अमेरिका फर्स्ट' को प्राथमिकता देते आए हैं। अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने अमेरिकी उद्योगों को संरक्षण देने की नीति अपनाई थी और चीन-भारत समेत कई देशों के आयात पर भारी शुल्क लगाया था। भारत को तो ट्रंप ने 'टैरिफ किंग' तक कह दिया था। हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल पर आयात शुल्क का मुद्दा ट्रंप कई बार उठा चुके हैं। इस मामले पर उन्होंने हार्ले डेविडसन के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की थी।