दुनियाभर के अखबारों में मनमोहन सिंह के बारे में क्या-क्या छपा है?
देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर दुनियाभर से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। अमेरिका से लेकर कनाडा तक के राजनेता मनमोहन सिंह को याद कर रहे हैं। देश-विदेश के अखबारों ने भी मनमोहन को अपने-अपने अंदाज में याद किया है। किसी ने सिंह को मृदुभाषी तो किसी ने आर्थिक सुधारों का प्रणेता बताया है। आइए जानते हैं मनमोहन के निधन पर दुनियाभर के अखबारों में क्या छपा है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने मनमोहन को मृदुभाषी और बुद्धिजीवी बताया
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने मनमोहन की प्रशंसा करते हुए उन्हें मृदुभाषी और बुद्धिजीवी नेता बताया। अखबार ने भारत को वैश्विक आर्थिक प्रमुखता दिलाने के लिए मनमोहन के प्रयासों की तारीफ भी की। हालांकि, अखबार ने मनमोहन के दूसरे कार्यकाल के दौरान घरेलू आतंकवाद और भ्रष्टाचार घोटालों से निपटने के लिए उनके तरीके की आलोचना भी की। न्यूयॉर्क टाइम्स ने पाकिस्तान के साथ सुलह की कोशिशों को लेकर भी मनमोहन पर टिप्पणी की।
BBC ने मनमोहन को आर्थिक सुधार का प्रणेता कहा
BBC ने लिखा, 'मनमोहन भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्रियों में से एक थे और उन्हें प्रमुख उदारवादी आर्थिक सुधारों का निर्माता माना जाता है। वे 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे और इससे पहले वित्त मंत्री भी रहे।' BBC ने प्रधानमंत्री पद संभालने वाले पहले सिख के रूप में मनमोहन के महत्व और 1984 के सिख विरोधी दंगों के लिए उनकी सार्वजनिक माफी का भी जिक्र अपने लिख में किया।
वॉशिंगटन पोस्ट ने मनमोहन के राजनीतिक सफर को किया याद
वाशिंगटन पोस्ट ने मनमोहन के एक टेक्नोक्रेट से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक के सफर का वर्णन किया है। अखबार ने उनकी व्यक्तिगत ईमानदारी और भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में उनकी भूमिका की तारीफ की है। इसमें भारत-अमेरिका परमाणु समझौते का भी जिक्र है। हालांकि, अखबार ने लिखा कि उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान सरकारी भ्रष्टाचार के आरोपों ने उनके विरासत को दागदार कर दिया। अखबार ने मनमोहन पर बनी फिल्म का भी जिक्र किया है।
मनमोहन सिंह पर पाकिस्तान के अखबार ने क्या लिखा?
पाकिस्तान के अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने भारत-पाकिस्तान द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने में मनमोहन की भूमिका, तेज आर्थिक विकास में उनके योगदान और उनके कार्यकाल के दौरान ऐतिहासिक सुधारों का उल्लेख अपने लेख में किया है। अखबार ने 2G स्पेक्ट्रम मामले और कोयला घोटाले जैसे विवादों को भी लेख में जगह दी। वहीं, अल जजीरा ने मनमोहन को एक 'सौम्य स्वभाव वाले टेक्नोक्रेट' और महान व्यक्तिगत ईमानदारी वाला नेता बताया।
रॉयटर्स ने मनमोहन को बताया 'अनिच्छुक प्रधानमंत्री'
ब्लूमबर्ग ने एक सुधारक के रूप में मनमोहन की विरासत को याद करते हुए लिखा कि कैसे उन्होंने 1990 के दशक में भारत की अर्थव्यवस्था को खोलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने मनमोहन को एक 'अनिच्छुक प्रधानमंत्री' बताया, जो भारत के सबसे सफल नेताओं में से एक के रूप में उभरे। अंग्रेजी अखबार द गार्जियन ने भी अपने लेख में मनमोहन सिंह को अनिच्छुक प्रधानमंत्री कहा है।