किन देशों ने समलैंगिक विवाह को दी हुई है मान्यता, कहां माना जाता अपराध?
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि कानून बनाना केंद्र सरकार के क्षेत्राधिकार मामला है, लेकिन समलैंगिकों के साथ देश में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। हालांकि, दुनिया के कई देशों ने समलैंगिक विवाह को मान्यता दी हुई है, जबकि कई देशों में समलैंगिकता को अपराध माना जाता है। आइए जानते हैं किन देशों ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दी हुई है।
नीदरलैंड में समलैंगिक अधिकार का सर्वोच्च स्थान
नीदरलैंड में समलैंगिक अधिकार अत्यधिक प्रगतिशील और दुनिया में सर्वोच्च स्थान पर हैं। यहां साल 1811 में समलैंगिक यौन गतिविधि को वैध कर दिया गया था। ये 2001 में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाला दुनिया का पहला देश भी है। इससे पहले 1989 में डेनमार्क ने भी समलैंगिकता को कानूनी मान्यता दी थी, लेकिन इसमें शादी शब्द इस्तेमाल नहीं हुआ था। इसका अनुसरण करते हुए दुनिया के कई देशों ने भी समलैंगिकता को कानूनी मान्यता दी है।
दुनियाभर के करीब 34 देशों में दी है कानूनी मान्यता
दुनियाभर के करीब 34 देशों में समलैंगिक विवाह को कानूनी तौर पर मान्यता दी है। इनमें नीदरलैंड समेत क्यूबा, एंडोरा, स्लोवेनिया, चिली, स्विट्जरलैंड, कोस्टा रिका, ऑस्ट्रिया, इक्वेडोर, बेल्जियम, ब्रिटेन, डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, आइसलैंड आयरलैंड, लक्समबर्ग, माल्टा, नॉर्वे जैसे देश शामिल हैं। इसके अलावा पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, मेक्सिको, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका, कोलंबिया, ब्राजील, अर्जेंटीना, कनाडा, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल, उरुग्वे और ताइवान जैसे देशों ने भी समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दे रखी है।
ताइवान समलैंगिक विवाह को मान्यता देना वाला पहला एशियाई देश
ताइवान समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाला पहला एशियाई देश हैं। यहां 2017 में संवैधानिक कोर्ट के आदेश के बाद 2019 में संसद में इसे लेकर कानून पारित किया गया था। ताइवान में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी ने इस कानून का पूरा समर्थन किया था। हालांकि, अन्य एशियाई देशों में वियतनाम में 2015 में समलैंगिक विवाह को गैर-अपराधिक घोषित किया गया है, लेकिन समलैंगिक विवाह को पूरी तरह से कानूनी मान्यता नहीं दी गई है।
दुनिया के 69 देशों में समलैंगिक संबंध अपराध
इसके विपरीत दुनिया में करीब 69 देश हैं, जहां समलैंगिक संबंध गैरकानूनी है। इनमें से 30 से ज्यादा देश अफ्रीकी महाद्वीप में है, जिनमें समलैंगिक संबंधों के लिए अलग-अलग सजा का प्रावधान है। इस साल मई में युगांडा ने एक सख्त कानून के तहत समलैंगिक संबंध बनाने पर मौत की सजा से लेकर आजीवन कारावास तक का प्रावधान किया है। चीन में वैसे तो समलैंगिकता अपराध नहीं है, लेकिन समलैंगिक लोगों पर कई बंदिशें हैं।
भारत में समलैंगिक संबंधों को मिल चुकी है मान्यता
साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने भारत में समलैंगिक संबंधों को मान्यता दे दी थी। देश में अब समलैंगिकता कानूनी तौर पर अपराध नहीं है, लेकिन भारत सरकार समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के विरोध में रही है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि समलैंगिक लोग संवैधानिक अधिकारों के हकदार हैं और उनके विवाह को कानूनी मान्यता देने के अधिकार संसद को है। कोर्ट ने कहा कि सरकार चाहे तो कानून में संशोधन कर सकती है।