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    #NewsBytesExplainer: नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाली ईरान की नरगिस मोहम्मदी कौन हैं?
    नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले नरगिस मोहम्मदी वर्तमान में जेल में बंद हैं

    #NewsBytesExplainer: नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाली ईरान की नरगिस मोहम्मदी कौन हैं?

    लेखन आबिद खान
    Oct 06, 2023
    05:45 pm

    क्या है खबर?

    ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न की लड़ाई लड़ने वाली पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है।

    नोबेल की समिति ने कहा कि नरगिस ने महिलाओं की आजादी और उनके हक के लिए आवाज उठाई, जिसके लिए वो 13 बार गिरफ्तार भी हुईं।

    वर्तमान में नरगिस ईरान की एक जेल में बंद हैं।

    आइए जानते हैं कि नरगिस कौन हैं और उन्हें ये सम्मान क्यों मिला है।

    नरगिस

    कौन हैं नरगिस मोहम्मदी?

    नरगिस का जन्म कुर्दिस्तान ईरान के जंजन शहर में 21 अप्रैल, 1972 को हुआ था। उनके पिता एक किसान थे और मां राजनीतिक परिवार से थीं।

    1979 में ईरान में हुई इस्लामिक क्रांति के बाद उनके चाचा और 2 चचेरे भाईयों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था।

    नरगिस ने न्यूक्लियर फिजिक्स की पढ़ाई की है और कुछ समय के लिए बतौर इंजीनियर काम भी किया है।

    कार्यकर्ता

    सामाजिक कार्यकर्ता कैसे बन गईं नरगिस?

    एक इंटरव्यू में नरगिस ने कहा था कि जब वे 9 साल की थीं, तब उनके चचेरे भाईयों को जेल में डाल दिया गया था।

    ईरानी सरकार रोज किसी कैदी को फांसी देती थी, जिसका नाम टीवी पर बताया जाता था। एक दिन टीवी पर उनके भाई का नाम भी बताया गया, जिसे सुनकर उनकी मां बेहोश हो गईं।

    इस घटना ने नरगिस को झकझोर दिया और उन्होंने मुत्यूदंड को खत्म करने के लिए अभियान चलाने का फैसला लिया।

    पति

    पढ़ाई के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता पति से हुई मुलाकात 

    पढ़ाई के दौरान नरगिस की मुलाकात ताघी रहमानी से हुई। ताघी ईरान के बौद्धिक जगत में काफी प्रसिद्ध थे। बाद में नरगिस ने ताघी से शादी कर ली और दोनों तेहरान में रहने लगे। दोनों के जुड़वां बच्चे भी हैं।

    इस दौरान नरगिस अखबारों में लेख लिखने लगीं। सरकार की प्रताड़ना की वजह से नरगिस के पति ने दोनों बच्चों के साथ देश छोड़ दिया और वर्तमान में फ्रांस में निर्वासित जीवन जी रहे हैं।

    मानवाधिकार

    मानवाधिकारों पर मुखर होकर लिखती रहीं हैं नरगिस

    नरगिस को महिलाओं के अधिकारों, मृत्युदंड के उंमूलन और ईरान के अंदर जेल की स्थिति में सुधार के लिए चलाए गए अभियान के लिए जाना जाता है।

    2000 के दशक में नरगिस नोबेल शांति पुरस्कार विजेता रहीं ईरानी वकील शिरीन एबादी द्वारा स्थापित 'सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स' से जुड़ गईं।

    2008 में सरकार ने नरगिस को परेशान करने के इरादे से उन्हें इंजीनियर की नौकरी से निकलवा दिया था।

    जेल

    2011 में पहली बार नरगिस को हुई जेल

    2011 में जेल में बंद कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों की मदद करने के आरोप में नरगिस को पहली बार गिरफ्तार किया गया था। उन्हें कई सालों की सजा सुनाई गई।

    2013 में उन्हें जमानत मिली थी, लेकिन 2015 में दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया।

    नरगिस को अब तक 13 बार गिरफ्तार किया गया है और कुल 31 साल की सजा सुनाई गई है। इसी साल उनके खिलाफ 3 नए केस दर्ज किए गए हैं।

    बयान

    हर दिन स्वतंत्र ईरान का सपना देखती हूं- नरगिस 

    जेल में कैद होने के बावजूद नरगिस ने अपना काम नहीं छोड़ा। वो जेल के भीतर से कैदियों की स्थिति, हिंसा और महिलाओं के प्रति अत्याचार जैसे कई मुद्दों पर लिखती रहीं हैं।

    अप्रैल, 2022 में उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार को जेल के अंदर से ही फोन पर एक गुप्त इंटरव्यू दिया था। इसमें उन्होंने कहा था, "मैं हर दिन खिड़की के सामने बैठती हूं, हरियाली को देखती हूं और एक स्वतंत्र ईरान का सपना देखती हूं।"

    बच्चे

    8 साल से बच्चों से नहीं मिली हैं नरगिस

    नरगिस बीते 8 साल से अपने बच्चों से नहीं मिली हैं और एक साल से उनसे बात भी नहीं की है।

    नरगिस को पुरस्कार मिलने पर ताघी ने कहा, "यह पुरस्कार मानव अधिकारों के लिए नरगिस की लड़ाई को प्रोत्साहित करेगा। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह वास्तव में महिला, जीवन और स्वतंत्रता के आंदोलन का पुरस्कार है।"

    इस बात पर अभी संशय है कि ईरान नरगिस को पुरस्कार समारोह में भाग लेने की अनुमति देगा या नहीं।

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